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पीएम ने सुनाया गोधरा कांड का किस्सा - श्रीनारद मीडिया

पीएम ने सुनाया गोधरा कांड का किस्सा

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार पॉडकास्ट के जरिए अपनी कई अनसुनी बातों का जिक्र किया। पॉडकास्ट पर दिए अपने पहले साक्षात्कार में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जीवन, राजनीति, कूटनीति समेत सामाजिक क्षेत्र के विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बोला।पॉडकास्टर और जेरोधा कंपनी के सह-संस्थापक निखिल कामथ के साथ बातचीत में पीएम ने गुजरात के गोधरा कांड पर भी खुलकर अपनी बात रखी।

पीएम ने बताया कैसे झगड़ा कर गए गोधरा

  • पीएम ने कहा कि 2002 में गोधरा कांड के समय मैं विधानसभा में बैठा था, तभी घटना की जानकारी मिली तो मैंने गोधरा जाने का निर्णय लिया।
  • पीएम ने कहा कि उस समय हमारे पास हेलीकॉप्टर नहीं था। मैंने सुरक्षाकर्मियों से कहा कहीं से हेलीकॉप्टर लाओ। तब ओएनजीसी का हेलीप्टकर मिला लेकिन वो जाने से मना कर दिया, क्योंकि उसका इंजन सिंगल था।
  • उन्होंने कहा कि वीआईपी को इसमें सफर नहीं कराया जा सकता। तो इस पर मैंने कहा कि मैं वीआईपी नहीं हूं और मैं लिखकर देता हूं कि अगर कुछ होता है तो मेरी जिम्मेदारी होगी। और मैं वहां गया।

सुरक्षा बलों को थी मेरी चिंता

पीएम मोदी ने कहा कि उस समय पांच जगह पर बम ब्लास्ट हुए। स्थिति भी ठीक नहीं थी। एक मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने कहा कि मैं पुलिस कंट्रोल रूम में जाना चाहता हूं,  लेकिन सिक्योरिटी वालों ने मना कर दिया। सुरक्षाकर्मियों को इस बात का डर था कि न जाने कहां क्या हो जाए, इसके बावजूद मैंने कहा, मैं जाऊंगा।

तीसरे कार्यकाल में मेरे सोच का दायरा बदला

प्रधानमंत्री ने कहा है कि पहले और दूसरे कार्यकाल में मैं बीते हुए कल के संदर्भ में सोचता था। लेकिन, तीसरे कार्यकाल में मेरे सोच का दायरा बदल चुका है। मेरे हौसले ज्यादा बुलंद हो चुके हैं। मेरे सपनों का विस्तार हो चुका है। मेरे अरमान बढ़ते चले जा रहे हैं। मेरा तीसरा कार्यकाल बहुत बड़े सपने वाला है। 2047 तक विकिसत भारत की बात सिर्फ भाषण नहीं है। उस समय तक एक-एक चीज को समस्याओं से मुक्ति दिलानी है।

मैं भी इंसान हूं, भगवान नहीं

मोदी ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में सरकार के प्रमुख के तौर पर अपने लंबे कार्यकाल के दौरान लिए गए फैसलों का हवाला देते हुए उन्होंने साफ किया कि उनसे भी गलतियां हुई हैं। वह भी एक आम इंसान हैं, भगवान नहीं हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पॉडकास्ट में डेब्यू कर लिया है। उन्होंने जेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के साथ पॉडकास्ट पर अपनी जीवन से जुड़ी कई बातों पर चर्चा की। इसी दौरान उन्होंने अमेरिका का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि अमेरिका साल 2005 में जब उनका वीजा रद कर दिया था तो उस दौरान वो क्या सोच रहे थे।उन्होंने निखिल कामत को कहा आपने पूछा कि मेरे लिए सबसे ज्यादा कष्ट वाला पल क्या था तो वह यही था, जब अमेरिका ने मेरा वीजा ही कैंसिल कर दिया। उस समय मैंने कहा था कि एक चुनी हुई सरकार के मुखिया के साथ ऐसा करना गलत और अलोकतांत्रिक है।

पीएम मोदी ने क्या लिया था संकल्प?

पीएम मोदी ने आगे कहा, उस समय मैंने एक संकल्प लिया था कि एक दिन ऐसा आएगा कि लोग भारत के वीजा के लिए लाइन लगाकर खड़े होंगे। वह समय मेरी जिंदी का मुश्किल वक्त था और मुझे झटका लगा था।आज मुझे खुशी होती है, जब दूसरे देशों में जाता हूं और लोगों के मन में भारत की अलग छवि देखता हूं। यह देखता हूं कि वो भी भारत आना चाहते हैं। यहां कारोबार करना चाहते हैं।

पॉडकास्ट में डेब्यू करने पर क्या बोले पीएम मोदी?

जब निखिल कामथ ने कहा मैं यहां आपके सामने बैठा हूं और बात कर रहा हूं, मुझे घबराहट हो रही है। यह मेरे लिए एक कठिन बातचीत है।” इस पर पीएम मोदी मुस्कुराते हुए जवाब देते हैं, ”यह मेरा पहला पॉडकास्ट है, मुझे नहीं पता कि यह आपके दर्शकों को कैसा लगेगा।” पीएम मोदी ने पोस्ट करते हुए लिखा, ”मुझे आशा है कि आप सभी इसका उतना ही आनंद लेंगे जितना हमें आपके लिए इसे बनाने में आया!”

पीएम मोदी ने बचपन के दोस्तों को लेकर क्या कहा?

पीएम मोदी ने कहा, “मेरा बचपन के दोस्तों के साथ कोई संपर्क नहीं रह पाया। उन्होंने कहा कि मुझे बचपन में ही अपना घर छोड़ना पड़ा था, जिसके चलते मैं अपने स्कूली दोस्तों से संपर्क नहीं रख सका। पीएम ने कहा कि जब मैं पहली बार सीएम बना तो मेरे मन में आया कि क्यों न अपने स्कूली दोस्तों को बुलाया जाए।उन्होंने कहा कि मैंने ऐसा ही किया और 35 दोस्त आए भी, लेकिन उनमें दोस्ती नहीं दिखी। पीएम ने कहा कि मुझे मजा नहीं आया, क्योंकि मैं उनमें अपना दोस्त खोज रहा था, लेकिन वो मुझे मुख्यमंत्री के तौर पर ही देख रहे थे। पीएम ने कहा कि ये खाई आगे भी नहीं पटी और मुझे कोई भी तू कहने वाला नहीं था।

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