एलएलबी कर गरीब,बेसहारों का मुफ्त में मुकदमा लड़ना चाहती है पूनम राय

एलएलबी कर गरीब,बेसहारों का मुफ्त में मुकदमा लड़ना चाहती है पूनम राय
हिम्मत और हौसले का दूसरा नाम पूनम राय के जज्बे को सलाम

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श्रीनारद मीडिया‚ मृत्युंजय तिवारी‚ भेलदी‚ सारण, (बिहार):

सारण जिले के अमनौर विधानसभा की पूर्व प्रत्याशी और 2016 में जिला परिषद् चुनाव में 6472 मत और 2021 में 4133 मत लाकर जिला परिषद् अमनौर भाग-03 से लगातार दूसरी बार दूसरे स्थान पर रहने वाली लोकप्रिय नेत्री पूनम राय ने अपने हिम्मत और हौसले को नयी उड़ान देते हुए पटना के बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ लां में तीन वर्षीय कोर्स एलएलबी पार्ट वन में पूनम कुमारी उर्फ पूनम राय के नाम से अपना नामांकन कराया है। मालुम हो कि पूनम कुमारी अथवा पूनम राय उन्हीं का दोनों नाम है , दोनों नाम से जानी व पहचानी जाती है जिसका जिक्र कालेज प्रबंधन को दिए पटना के दंडाधिकारी के समक्ष हस्ताक्षर युक्त आफिडेविट में किया है।

आफिडेविट में यह भी कहा गया है कि शादी से पहले मेरा एकेडमिक नाम पूनम कुमारी था शादी के बाद से ससुराल वालों ने मेरा नाम पूनम राय रख दिया,तब से मैं पूनम राय के नाम से ही पिछला तमाम चुनाव लड़ती आयी हूं।पूनम राय ही ऐसी नेत्री है जिन्होंने छपरा के अमनौर प्रखंड के अरना कोठी में केन्द्रीय विश्वविद्यालय खोलने और महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में भागीदारी सुनिश्चित करने वाली 33 प्रतिशत महिला आरक्षण विधेयक लागू करने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन करती रही है ।

जिससे क्षेत्र में इनकी विशेष पहचान है। राजनीति से वकालत के क्षेत्र में जाने के सवाल पर उनका कहना है भारतीय कानून की बारिकियों की और अच्छी तरह जानकारी और डिग्री लेकर लोगों को और मजबूती से मदद करने की हैसियत हासिल करना मेरा एकमात्र उद्देश्य है, गरीब, बेसहारा और कमजोर खासकर महिलाओं को मुफ्त में मुकदमा लड़कर न्याय दिलाना भी मेरा मकसद है।

आमतौर पर नेता एक दो चुनाव हारकर थक-हार कर लड़ना छोड़ देते हैं , लेकिन चुनावी हार को सबक और सफलता के लिए और मजबूती से तैयारी करने का अवसर मानने वाली पूनम राय के हौसले को सलाम है। मालुम हो कि पूनम कुमारी उर्फ पूनम राय का मायके सारण जिले के दरियापुर प्रखंड के डेरनी थाना अन्तर्गत ग्राम बली छपरा है ,छह माह में ही पिता स्वर्गीय सत्यदेव राय का जौंडिस नामक बिमारी के कारण निधन हो गया,

वे कलकत्ता ट्राम कंपनी में कार्यरत थे।अपनी इकलौती पुत्री का पालन पोषण मां मान्ती देवी ने बड़ी कठिनाइयों से किया और पढ़ाया लिखाया।01 मई 2007 में सारण छपरा जिले के अमनौर प्रखंड के भेल्दी थाना के ग्राम हकमा निवासी राधेश्याम राय उर्फअनिल मस्ताना से पूनम राय की शादी हुई ,जो अभी पटना में रेलवे में कार्यरत हैं।तब से पूनम राय राजनीति के क्षेत्र में लगातार संघर्षशील है ,इनकी छवि एक मृदुभाषी, मिलनसार, मददगार ,कर्मठ जूझारू और ईमानदार नेता की है।

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