शक्तिशाली लोग भूमि के मामले हमेशा कमजोरों का उत्पीड़न करते हैं – सुप्रीम कोर्ट

शक्तिशाली लोग भूमि के मामले हमेशा कमजोरों का उत्पीड़न करते हैं – सुप्रीम कोर्ट

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक जमीन विवाद पर सुनवाई करते हुए कहा कि न्याय में कोई पक्षपात नहीं होता और इसकी मदद से कमजोर भी ताकतवर पर हावी हो सकता है। शीर्ष अदालत ने कहा कि हमारे समाज की संरचना ऐसी है कि शक्तिवान लोग अक्सर कमजोरों का शोषण और उत्पीड़न करते हैं।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा, ”भूमि स्वामित्व एक ऐसा क्षेत्र है, जहां हम देखते हैं कि धोखाधड़ी, छल और लालच के साथ सत्ता की तलवारों को धार दी जा रही हैं।” शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी महाराष्ट्र के ठाणे जिले में जमीन के एक टुकड़े से संबंधित मामले में की।

न्याय में कोई पक्षपात नहीं होता

पीठ ने कहा कि न्याय में कोई पक्षपात नहीं होता और इसलिए इसकी मदद से कमजोर भी ताकतवर पर हावी हो सकता है। साथ ही कहा, ”हम इस मामले के तथ्यों पर बाद में विस्तार से चर्चा करेंगे, लेकिन यह विक्रेताओं के दुर्भावनापूर्ण इरादों के कारण आम आदमी द्वारा झेली जा रही निरंतर पीड़ा का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो या तो दबाव डालकर या कानूनी प्रक्रियाओं में हेरफेर करके दोहरा लाभ प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।”

कमजोर लोगों की सहायता करता है न्याय

अदालत ने कहा कि कभी-कभी वादी की पीड़ा तब और बढ़ जाती है, जब न्याय का ऐसा मजाक दशकों तक चलता है और ऐसे मामलों में कानून कमजोर लोगों की सहायता के लिए आता है। पीठ ने कहा, ”ऐसे मामलों का फैसला करते समय हम सिर्फ लोगों के जीवन और संपत्तियों से ही नहीं निपट रहे होते हैं, बल्कि कानूनी प्रणाली में उनके भरोसे से भी निपट रहे होते हैं। हमारे सामने आए ऐसे मामलों में हमें केवल विवादास्पद लेन-देन का यांत्रिक विश्लेषण नहीं करना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि अन्याय का निवारण हो और किसी को भी अपने गलत कामों से लाभ न मिले।”

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!