जीरादेई में प्रशांत किशोर की बिहार बदलाव सभा 18 सितंबर को।
विश्वकर्मा भगवान की तरह रोजगार सृजन जन सुराज का लक्ष्य ।डा कृष्ण ।
अतिपिछड़ा समाज अभियंत्रण की जनक है ।
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
सीवान जिला के जीरादेई मोड के पास रविवार को जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर बिहार बदलाव सभा को सम्बोधित करेंगे।
जिला मुख्य पार्टी प्रवक्ता डॉ कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि विश्व कर्मा भगवान की तरह जन सुराज भी रोजगार सृजन की बात करता है ताकि सभी हाथ को काम मिल सके । उन्होंने बताया कि भगवान विश्वकर्मा वह आराध्य देव है जो कलाकौशल का निर्माण कर सदियों से रोजगार का अवसर दिलाते आ रहे है । इनका पूरा जीवन दर्शन निर्माण पर आधारित है जो हमें रचनात्मक कार्यों के प्रति प्रेरित करता है । आज इन्हीं के रास्ते पर चल जन सुराज के सूत्रधार बिहार वासियों को जगाने का काम कर रहे है हमारा अतिपिछड़ा समाज अभियंत्रण का जनक रहा है जिसे पुनः जागृत एवं दक्ष करने के लिए जन सुराज कटिबद्ध है ।
डा सिंह ने बताया कि भगवान विश्वकर्मा अभियंत्रिकरण क्षेत्र के प्रथम प्रवर्तक है जो दुनिया को वास्तुकला का अनमोल ज्ञान दिया ।शनिवार को पूरे क्षेत्र में इनकी पूजा अर्चना की गई । डा सिंह ने बताया कि लोहार , बढ़ई एवं समस्त अतिपिछड़ा जाति प्राचीन काल से ही अभियंत्रण की क्षेत्र में काफी उन्नत रहा है तथा ये जातियां अपने को भगवान विश्वकर्मा के वंशज मानते है तथा वही उनके कुलदेवता एवं आराध्य देवता है ।
धार्मिक मान्यता – भगवान विश्वकर्मा को देवशिल्पी यानी की देवताओं के वास्तुकार के रूप में पूजा जाता है। त्रिलोका या त्रिपक्षीय उन्हें त्रिलोका या त्रिपक्षीय युग का भी निर्माता माना जाता है।
साथ ही विश्वकर्मा जी में अपने शक्ति से देवताओं के उड़ान रथ, महल और हथियार का भी निर्माण किया था। यहाँ तक की यह भी माना जाता है की इंद्र का महा अस्त्र जो ऋषि दधिची के हड्डियों से बना हुआ था वह भी वुश्वकर्मा भगवान द्वरा ही बनाया गया था।
न सिर्फ स्वर्ग बल्कि उन्हें इस पुरे सृष्टि का निर्माता माना जाता है। उन्होंने सोने की लंका जहाँ असुर राज रावण रहा करता था, तथा द्वारका शहर, जहाँ श्री कृष्ण थे, द्वापर युग में हस्तिनापुर शहर का निर्माण जो पांडवों और कौरवों का राज्य था सभी का निर्माता उनको माना जाता है।
आचार्य अरविंद मिश्र ने बताया कि
‘‘ऊॅ श्री श्रीष्टिनतया सर्वसिधहया विश्वकरमाया नमो नमः” मंत्र का उच्चारण करते है। हवन करने के बाद आरती पढ़ते है। फिर सभी को प्रसाद दिया जाता है।
जन्म –
“भगवान विश्वककर्मा” का जन्म या शुरुवात
भगवान विष्णु की नाभि- कमल से ब्रह्मा जी उपत्त्न हुए थे। उन्होंने सृष्टि की रचना की। उनके पुत्र धर्म के सातवें पुत्र थे भगवान विश्वककर्मा। उनको जन्म से ही वास्तुकला में महारत प्राप्त थी।
भगवान विश्वकर्मा को “वास्तुशास्त्र का देवता” भी कहा जाता है। इनको “प्रथम इंजीनियर”, “देवताओं का इंजीनियर” और “मशीन का देवता” भी कहा जाता है।
विष्णुपुराण में विश्वकर्मा को देवताओं का “देव बढ़ई” कहा गया है। पुष्पक विमान भी इन्ही के द्वारा बनाया गया था ।
पूजा से लाभ –
विश्वकर्मा भगवान की पूजा करने से अनेक फायदे है। इससे व्यापार में तरक्की होती है। पूजा करने से मशीन खराब नही होती है। व्यापार में दिन दूनी रात चौगुनी वृद्धि होती है। जिस व्यक्ति के पास 1 कारखाना होता है उसके पास अनेक कारखाने हो जाते है। सबसे बड़ी फायदा यह है कि आदमी को जीवन में कुछ करने की सीख मिलती है ।
इसी सीख को आगे बढ़ाने के लिए जन सुराज अनवरत कार्य कर रहा है । आज बिहार बदलाव सभा की पूर्ण तैयारी कर ली गई । आम जन को निमंत्रित करने के लिए वरीय अधिवक्ता सह प्रदेश कोर कमिटी सदस्य सह जीरादेई विधान सभा क्षेत्र से भावी प्रत्याशी ईष्ट देव तिवारी क्रमशः वरीय अधिवक्ता विनोद कुमार सिंह, रामेश्वर सिंह, प्राचार्य दिनेश प्रसाद यादव, यासमीन नेजाम,डा सतीश राम ,दीपक कुमार सिंह , पूर्व जिला अध्यक्ष इंतखाब अहमद,जीरादेई विधानसभा प्रभारी राजीव रंजन पांडेय, उपाध्यक्ष नूरुल होदा, माधुरी कुशवाहा ,अजित सिंह ,अभिषेक सिंह , अधिवक्ता नीति नेहा , राम दुलार वर्मा ,प्रियंका ,युवा अध्यक्ष शालू कुमार , सिवान लोक सभा क्षेत्र से पूर्व प्रत्याशी लालाबाबू तिवारी , मृत्युंजय गिरी,विवेक कुमार सिंह,मनीष कुमार सहित सैकड़ों जन सुराजी साथी शामिल थे ।
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