भारत-पाक सीमा के चार राज्यों में मॉक ड्रिल की तैयारी हो रही है ,क्यों?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

देश में एक बार फिर मॉक ड्रिल की तैयारी शुरू हो चुकी है। पाकिस्तान की सीमा से सटे चार राज्यों, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, गुजरात, पंजाब में मॉक ड्रिल होगी। इस दौरान लोगों को अलर्ट किया जाएगा। पिछली बार मॉक ड्रिल से ठीक पहले ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया था। इन चार राज्यों में फिर से मॉक ड्रिल कराने की सबसे बड़ी वजह है कि लोगों को पूरी तरह तैयार कराया जाए कि अगर भविष्य में पाकिस्तान की ओर से कोई हमला होता है तो आम नागरिक अपनी सुरक्षा कैसे करें।
भारत और पाकिस्तान के बीच करीब 3300 किलोमीटर लंबी सीमा है। जम्मू कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात, इसी चार राज्यों से पाकिस्तान की सीमा लगती है।

क्या है मॉक ड्रिल?

मॉक ड्रिल एक तरह की “प्रैक्टिस” है जिसमें लोगों को इमरजेंसी हालात से निपटने के बारे में जानकारी दी जाती है। लोगों को बताया जाता है कि अगर एयर स्ट्राइक या बम हमला हो जाए तो आम लोग कैसे बचें।
बता दें कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान और गुलाम कश्मीर के 9 ठिकानों को निशान बनाया था। इन हमलों में 100 से ज्यादा आतंकियों का सफाया हो गया था। आतंकियों के मारे जाने के बाद पाकिस्तान बौखला उठा। उसने भारत पर 400 से ज्यादा ड्रोनों से हमले किए। हालांकि, भारत ने न सिर्फ सभी ड्रोन को मार गिराया बल्कि पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब भी दिया।
3 जून को सीमावर्ती जिलों में होगी ऑपरेशन शील्ड के तहत मॉक-ड्रिल था। स्पेशल डीजीपी पंजाब होमगार्ड व सिविल डिफेंस संजीव कालड़ा ने गृह मंत्रालय को पत्र लिख कर कहा हैं कि पंजाब में मॉक-ड्रिल 3 जून को करवाया जाएगा। क्योंकि सिविल डिफेंस के अधिकारियों की ट्रेनिंग चल रही है। जानकारी के अनुसार ऑपरेशन शील्ड के तहत अभी तक उन जिलों में मॉक-ड्रिल होगी जिसे केंद्र सरकार ने सिविल डिफेंस जिला घोषित किया है। जानकारी के अनुसार इसमें बार्डर जिलों के साथ-साथ लुधियाना भी शामिल हैं। हालांकि स्पेशल डीजीपी की कोशिश सिविल डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने के लिए पूरे पंजाब में मॉक-ड्रिल करवाने की है। हालांकि, इस संबंध में अंतिम फैसला गृह मंत्रालय ने लेना है।
जानकारी के अनुसार वर्तमान में सिविल डिफेंस के 20 अधिकारियों को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन फोर्स (एनडीआरएफ) की टीम डेराबस्सी में ट्रेनिंग दे रही है। बता दें कि आपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ बने युद्ध की स्थिति के देखते हुए पहली बार 7 मई 2025 को मॉक-ड्रिल हुई थी।
1971 के बाद यह पहला ऐसा मौका था जब मॉक-ड्रिल हुई और सिविल डिफेंस सिस्टम का महत्व सामने आया। उसके बाद से लगातार सिविल डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार अब केंद्र सरकार सिविल डिफेंस में आपदा प्रबंधन को भी शामिल करने जा रही है। ताकि जिलों में होने वाले हादसों में भी यह फोर्स अपनी भूमिका अदा कर सके। जानकारी के अनुसार 7 मई को हुई मॉक-ड्रिल के दौरान कई खामियां पाई गई थी। कई जगहों पर सायरन नहीं बजे तो स्ट्रीट जलते रहे थे। जिसे दूर करने पर राज्य व केंद्र स्तर पर लंबी चर्चा भी हुई।

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