#pujyarajanjee:श्रेष्ठ की आज्ञा का पालन ही सबसे बड़ी सेवा

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गांधी मैदान में श्री राम कथा के छठे दिन केवट प्रसंग सुन श्रद्धा से निहाल हो उठे श्रद्धालु

मागी नाव न केवटु आना। कहइ तुम्हार मरमु मैं जाना॥
चरन कमल रज कहुँ सबु कहई। मानुष करनि मूरि कछु अहई।।

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

पूज्य राजन जी महाराज के श्रीमुख से हो रही रामरस की अमृत वर्षा में सीवान निहाल हो रही है।
सनातन संस्कृति न्यास द्वारा आयोजित हो रहे नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के शुरू होते ही श्रद्धालुजनो के भारी संख्या में आ जाने से पांडाल भर जा रहा है। कहा गया है-“संतो भूमि तपसा धारयंनति”
अर्थात धर्म समाज का धारण करता है और संत जगत का धारण करते हैं।

कथा श्रवण के दौरान आस्था की ऐसी सुमधुर बयार बह रही है कि चाहे वो बुजुर्ग हो या युवा, चाहे वो स्त्री हो या बच्चे सभी थिरक उठ रहे हैं। श्रीराम कथा के माध्यम से सीवान में सकारात्मकता, समरसता और संचेतना की बह रही बयार नगरवासियों को मंत्र मुग्ध कर दे रही है। रविवार को श्रीराम कथा के छठे दिन पूज्य राजन जी महाराज ने केवट प्रसंग के माध्यम से एक भक्त के अगाध प्रेम की कथा को सुनाकर श्रद्धालुओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।

मिथिला का आतिथ्य सत्कार सबसे बेहतर

केवट प्रसंग के पूर्व श्री राजन जी महाराज ने राम विवाह के प्रसंग के संदर्भ में राजा जनक के मिथिला नगरी के आतिथ्य सत्कार का मनोहारी चित्र खींचा। उन्होंने बताया की मिथिला नगरी मां जगदम्बा की जन्मस्थली होने के कारण वैसे ही विशेष महत्वपूर्ण हो जाती है। लेकिन मिथिला की आतिथ्य सत्कार की भावना अद्भुत होती हैं। राम जी के बाराती भी मिथिला की स्वागत परंपरा से अभिभूत हो गए।

सेवा के माध्यम से किसी भी जीव पर विजय पाई जा सकती है

पूज्य राजन जी महाराज ने मिथिला की राजकुमारी सीता के अपने मां से संवाद का जिक्र कर बताया कि सेवा के माध्यम से किसी भी जीव पर विजय पाई जा सकती है। किसी के लिए जरूरी बनने से बेहतर है कि उसकी मजबूरी बन जाया जाय। पूज्य राजन जी ने कहा कि श्रेष्ठ की आज्ञा का पालन करना ही सबसे बड़ी सेवा है।

प्रेम व्यवहार का विषय

इसके बाद राजन जी महाराज ने केवट प्रसंग को सुनाकर एक भक्त के निर्मल प्रेम के भाव को बताया। केवट ने भगवान के चरण पखारने के लिए तमाम जतन किए। आखिर भगवान ने जब चरण पखारने की अनुमति दी तब उन्हें नौका पर चढ़ाया। इस प्रसंग के साथ पूज्य राजन जी महाराज ने बताया कि प्रेम कहने का विषय कहां होता है, प्रेम तो व्यवहार का विषय होता है। हमारा व्यवहार ही बताता है कि हमारा प्रेम कैसा है? प्रभु श्री राम ने केवट से नदी पार कराने की प्रार्थना करके अपने भक्त के प्रति असीम स्नेह को ही उजागर किया और केवट ने हठ कर भी अपने निर्मल स्नेह की बानगी को ही उजागर किया।

सीवान की सांसद कविता सिंह ने जमीन पर बैठ कर सुनी कथा

रविवार को कथा श्रवण करने पहुंचीं सीवान की महिला सांसद श्रीमती कविता सिंह और उनके पति जेडीयू नेता श्री अजय सिंह ने भूमि पर बैठकर कथा श्रवण किया। श्रीराम कथा सुनने आनेवाले अधिकांश श्रद्धालु जहां कुर्सी की चाहत रख रहे हैं वहीं सांसद दंपति ने सोफा दिए जाने के बावजूद जमीन पर ही बैठना स्वीकार किया।

रविवार को कथा श्रवण के लिए महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिग्रीवाल, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, दरौंधा के विधायक कर्णजीत सिंह व्यास, डॉक्टर सरोज सिंह, धनंजय सिंह, राहुल तिवारी, शंकर पंसारी,सचिव, मारवाड़ी समिति सीवान, शिवधारी दुबे, अभिमन्यु कुमार सिंह, गोप बाबू, प्रमोद कुमार गुप्ता, श्री राम जानकी सेवा न्यास, दरौली, नंद प्रसाद चौहान, कैलाश बिहारी पाण्डेय, राकेश तिवारी, गोदावरी देवी, पंकज शुक्ला, पूनम शुक्ला, हेमंत चौधरी, डॉक्टर सौरभ श्रीवास्तव, डॉक्टर कुमार नीरज, मुकेश कुमार उर्फ बंटी, राजेश कुमार श्रीवास्तव, शर्मा नंद राम, कुंदन सिंह, मीडिया प्रभारी भाजपा,हरेंद्र कुशवाहा, संत रिपुंजय शांडिल्य, धर्मेंद्र पाण्डेय, अभिजीत पाण्डेय, गाजियाबाद से पधारे शंभु नाथ पाण्डेय,कोलकाता से आये बैजनाथ सिंह, रमेंद्र राय, शिक्षाविद् पुष्पेंद्र पाठक,डॉक्टर रोहित, अनुग्रह भारद्वाज,विनय सिंह,चंदन सिंह आदि अतिथि के तौर पर कथा में शामिल हुए।

अतिथियों को श्रीराम कथा आयोजन समिति के डॉक्टर शशिभूषण सिन्हा, डॉक्टर रामेश्वर कुमार, डॉक्टर शरद चौधरी और डॉक्टर आर के सिंह ने स्मृति चिन्ह प्रदान किया। दैनिक यजमान के तौर पर दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर प्रजापति त्रिपाठी, भारती त्रिपाठी,प्रोफेसर डॉक्टर सुधांशु शेखर त्रिपाठी, डॉक्टर सौरभ सिंह, डॉक्टर गितिका सिंह,डॉक्टर दिनेश कुमार, सोनाली सिंह, अरविंद पाठक, संगीता पाठक,डॉक्टर सुशील कुमार,रूपम सिंह,डॉक्टर अमरेश कुमार, संध्या कुमारी, जीसू सिंह, डॉक्टर ॠचा सिंह, रमन कुमार मधु प्रिया, विजय प्रसाद, निर्मला देवी आदि सम्मिलित हुए।

राजन जी की माता जी भी पहुंची कथा श्रवण करने

कथा के दौरान एक भावुक कर देनेवाला पल उस समय आया जब पूज्य राजन जी महाराज की माता जी भी अपने पुत्र के श्रीमुख से कथा श्रवण करने पहुंचीं। व्यास पीठ पर बैठे उनके पुत्र राजन जी महाराज बेहद भावुक दिखे। कथा श्रवण के दौरान पूज्य राजन जी के बड़े भाई शुभ नारायण तिवारी और अन्य परिवारजन भी उपस्थित रहे।

कैडेट्स कर रहे कड़ी मेहनत

प्रतिदिन पूज्य राजन जी महाराज के कथा श्रवण के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। श्री संजय पाठक द्वारा संचालित रानी लक्ष्मीबाई स्पर्ट्स क्लब के स्वयं सेवक कैप्टन सलमा खातून के नेतृत्व में और स्काउट और गाइड के कैडेट्स व्यवस्था के संचालन के लिए कठोर परिश्रम कर रहे हैं।

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