Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121 बंगाल शिक्षक भर्ती मामले में राहुल गांधी ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र - श्रीनारद मीडिया
बंगाल शिक्षक भर्ती मामले में राहुल गांधी ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बंगाल में शिक्षकों की भर्ती रद होने का मामला अब गरमाता जा रहा है। जहां एक ओर बीजेपी ममता सरकार पर हमलवार है। दूसरी ओर इस मुद्दे पर आज राहुल गांधी ने भी अपनी बातों को रखा। राहुल गांधी ने इस प्रकरण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष तरीके से चुने गए उम्मीदवारों को पश्चिम बंगाल में स्कूल शिक्षक के रूप में काम करने की अनुमति दी जाए।
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि शिक्षक शिक्षा अधिकार मंच के प्रतिनिधिमंडल ने उनसे राष्ट्रपति मुर्मु को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल में हजारों योग्य स्कूल शिक्षकों के मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है, जिन्होंने न्यायपालिका द्वारा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को रद किए जाने के बाद अपनी नौकरी खो दी है।
राहुल गांधी ने की राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने की अपील
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपने पत्र में लिखा कि मुझे उम्मीद है कि यह पत्र आपको अच्छा लगेगा; मैं पश्चिम बंगाल में हजारों योग्य स्कूल शिक्षकों के मामले में आपसे हस्तक्षेप करने का अनुरोध करता हूं, जिन्होंने न्यायपालिका द्वारा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को रद किए जाने के कारण अपनी नौकरी खो दी है। प्रभावित शिक्षकों के मंच शिक्षक शिक्षा अधिकार मंच (IX-X) के प्रतिनिधिमंडल ने मुझे मामले से अवगत कराया और विशेष रूप से अनुरोध किया कि मैं आपको पत्र लिखूं। उनके प्रतिनिधित्व की एक प्रति संलग्न है।
उन्होंने कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शिक्षक भर्ती में गंभीर अनियमितताएं पाईं और पूरी प्रक्रिया को अमान्य घोषित कर दिया। 3 अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा। फैसले के बाद से शिक्षकों और साथ ही बर्खास्त किए जाने वाले कर्मचारियों ने किसी भी तरह के समाधान की उम्मीद लगभग छोड़ दी है।
‘अपराधियों को कठघरे में लाया जाना चाहिए’
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि दोनों फैसलों में पाया गया कि कुछ उम्मीदवार बेदाग थे और निष्पक्ष तरीकों से चुने गए और कुछ दागी थे, जो अनुचित तरीकों से चुने गए थे।राहुल गांधी ने कहा, दागी और बेदाग दोनों तरह के शिक्षकों ने अपनी नौकरी खो दी है। भर्ती के दौरान किए गए किसी भी अपराध की निंदा की जानी चाहिए और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। हालांकि, निष्पक्ष तरीकों से चुने गए शिक्षकों के साथ दागी शिक्षकों के बराबर व्यवहार करना एक गंभीर अन्याय है।
लाखों छात्रों की पढ़ाई पर होगा असर
राहुल गांधी ने अपने पत्र में लिखा कि बेदाग शिक्षकों को नौकरी से निकालने के कारण लाखों छात्र बिना पर्याप्त शिक्षकों के कक्षाओं में जाने को मजबूर होंगे। उनकी मनमानी बर्खास्तगी से उनका मनोबल और सेवा करने की प्रेरणा नष्ट हो जाएगी और उनके परिवारों को अक्सर आय का एकमात्र स्रोत से वंचित होना पड़ेगा।
राहुल गांधी ने कहा कि मुझे यकीन है कि आप इस अन्याय की भारी मानवीय कीमत समझती हैं, शिक्षकों, उनके परिवारों और उनके छात्रों के साथ। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया उनके अनुरोध पर सकारात्मक रूप से विचार करें और सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि निष्पक्ष तरीके से चुने गए उम्मीदवारों को जारी रखने की अनुमति दी जाए।
बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में आज ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले के एक हिस्से को खारिज कर दिया, जिसमें बंगाल सरकार द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षकों की नियुक्ति के फैसले की सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था।
इस मामले में जारी रहेगी जांच
शीर्ष अदालत ने यह स्पष्ट किया कि पश्चिम बंगाल के राज्य द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों (SC on Bengal teacher recruitment scam) और कर्मचारियों की नियुक्ति से संबंधित अन्य पहलुओं की कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देशानुसार सीबीआई जांच जारी रहेगी। “अतिरिक्त पद” से तात्पर्य ऐसे अस्थायी पद से है, जो किसी ऐसे कर्मचारी को समायोजित करने के लिए बनाया गया हो, जो किसी नियमित पद का हकदार हो, जो फिलहाल नहीं है।
होईकोर्ट ने दिया था जांच का आदेश
बता दें कि बंगाल शिक्षा विभाग ने एसएससी भर्ती के लिए लगभग 6,000 अतिरिक्त रिक्तियां सृजित की थीं। इस निर्णय को राज्य मंत्रिमंडल ने भी मंजूरी दे दी थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि अतिरिक्त रिक्तियां सृजित करने का निर्णय सही नहीं था। आवश्यक हो तो सीबीआइ मंत्रिमंडल के सदस्यों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकती है। हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट रूख किया था।
कोर्ट ने 25000 शिक्षकों की नियुक्ति को बताया अवैध
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने 3 अप्रैल को 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार देते हुए पूरी चयन प्रक्रिया को “दूषित और दागदार” करार दिया था।