मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने को लेकर कायाकल्प, लक्ष्य एवं एनक्वास प्रमाणीकरण जरूरी

मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने को लेकर कायाकल्प, लक्ष्य एवं एनक्वास प्रमाणीकरण जरूरी

ज़िले के सभी अस्पतालों में नोडल अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति से मिलेगी मजबूती:

सभी तरह के स्वास्थ्य संस्थानों में सुख सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराना पहली प्राथमिकता: डीपीएम

प्रखंड स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता को लेकर नोडल अधिकारी के रूप में चिकित्सकों को किया गया प्रतिनियुक्त: डॉ अनिल

श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):


देश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कायाकल्प, लक्ष्य एवं राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्वास) प्रमाणीकरण योजना की शुरुआत की गई है।

इसके तहत अनुमंडलीय अस्पताल, रेफ़रल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, एपीएचसी, एचएससी, एचडब्लूसी एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का लक्ष्य एवं राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्वास) प्रमाणीकरण से संबंधित गतिविधियों के संपादन में आवश्यक सहयोग एवं अनुश्रवण करने के लिए प्रखंड स्तर पर ब्लॉक क्वालिटी की प्रतिनियुक्ति की गई है।

इसके माध्यम से प्रसव कक्ष में गर्भवती महिला एवं प्रसूता को दी जाने वाली हर तरह की सुख सुविधाओं का ख़्याल रखा जाना है। ताकि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके।

 

सिविल सर्जन डॉ मोहम्मद साबिर ने बताया कि ज़िले के सभी स्वास्थ्य केंद्र में मरीज़ों को मिलने वाली सुविधाओं में गुणात्मक सुधार को बरकरार रखने, अस्पताल में आने वाले मरीज़ों एवं उनके साथ परिजन या अन्य अभिभावकों के साथ सुगमता पूर्वक व्यवहार करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया जाता है।

 

सभी तरह के स्वास्थ्य संस्थानों में सुख सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराना पहली प्राथमिकता: डीपीएम
ज़िले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में मूलभूत सुविधाओं का मूल्यांकन एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए अनुमंडलीय स्तर के अस्पताल, रेफ़रल अस्पताल, सीएचसी एवं पीएचसी स्तर पर एक-एक चिकित्सा पदाधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया है। ताकि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले सभी तरह के मरीजों या अभिभावकों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लक्ष्य एवं कायाकल्प योजना के तहत मिलने वाली प्रमाणीकरण के बाद ही उच्च या अत्याधुनिक तकनीक के द्वारा गुणवत्तापूर्ण सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाती है।

 

प्रखंड स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता को लेकर नोडल अधिकारी के रूप में चिकित्सकों को किया गया प्रतिनियुक्त: डॉ अनिल
जिला सलाहकार गुणवत्ता यक़ीन पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि जिले में कायाकल्प, लक्ष्य एवं राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्वास) प्रमाणीकरण कार्यक्रम की गति में तीव्रता लाने के लिए ज़िले  के सभी प्रखंडों में प्रखंड स्तर पर सुयोग्य चिकित्सकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए नोडल अधिकारी की प्रतिनियुक्ति करने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश मिला हुआ था। इसके आलोक में अमौर में डॉ मनीष पटेल, बैसा में डॉ शिखा सत्यार्थी, बायसी में डॉ अहमर हसन, डगरुआ में डॉ रजी चंचल, जलालगढ़ में डॉ एसके दास, कसबा में डॉ श्यान अहमद, पूर्णिया पूर्व में डॉ सन्नी कमल, कृत्यानंद नगर में डॉ किशोर कुमार भारती, श्री नगर में डॉ दिवाकर राजपाल, बनमनखी में डॉ विजय कुमार दास, बड़हरा कोठी में डॉ प्रमोद कुमार, भवानीपुर में डॉ श्रीयांस कुमार चौधरी, रुपौली में डॉ मदन मोहन दास एवं धमदाहा में डॉ गजाला कैफ़ी को प्रतिनियुक्त किया गया है।

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