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तेलंगाना के नगरकुरनूल में एक सुरंग के अंदर बचाव अभियान जारी
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priyranjan singh
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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
तेलंगाना सुरंग हादसे में राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। इस टनल में 8 मजदूर फंसे हैं, जिनको निकालने के लिए प्रयास जारी है। सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर मौजूद हैं। रेस्क्यू के काम में कई प्रकार की चुनौतियां सामने आ रही हैं।इस बीच थोड़ी राहत भरी जानकारी सामने आई है। बताया जाता है रेस्क्यू टीम टनल के 13 किलोमीटर अंदर तक पहुंच गई है, इसी जगह पर सुरंग का हिस्सा ढहा है। हालांकि, कीचड़ और पानी की वजह से राहत और बचाव कार्य में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
राहत और बचाव कार्य जारी
बता दें कि शनिवार को तेलंगाना के नागरकुरनूल में एक सुरंग का हिस्सा ढह गया था। इस सुरंग में 8 मजदूर फंस गए थे। इसके बाद उनको निकालने का प्रयास लगातार जारी है। इस बीच सुंरग के कुछ दूर अंदर जाकर बचावकर्मी सुरंग के अंदर जाते समय फंसे हुए श्रमिकों के नाम पुकार रहे हैं।
सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए बचाव कार्य में तेजी से किया जा रहा है और इसमें और तेजी लाने के लिए शीर्ष बचाव एजेंसियों को तैनात किया गया है। साथ ही सुरंग खोदने वाली मशीन लाई जा रही है।
क्या बोले अधिकारी?
बता दें कि एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने कहा कि बचाव दल कल रात सुरंग के अंदर गया, जिसने एक लोकोमोटिव पर 11 किलोमीटर और एक कन्वेयर बेल्ट पर शेष 2 किलोमीटर की दूरी तय की। उन्होंने यह भी कहा कि जब हम सुरंग बोरिंग मशीन के अंत में पहुँचे, तो हमने उनके (श्रमिकों के) नाम पुकारे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
अधिकारी ने कहा कि अधिकारी ने कहा कि सुरंग में आखिरी 2 किलोमीटर का हिस्सा पानी से भरा हुआ है और जब तक मलबा साफ नहीं हो जाता, तब तक काम का पता नहीं लगाया जा सकता है। बचाव दल अभी तक फंसे हुए मजदूरों से संपर्क नहीं कर पाए हैं, जबकि आंतरिक संचार तंत्र कल विफल हो गया था। वे अब श्रमिकों को उनके नाम से पुकार रहे हैं, उम्मीद है कि कोई जवाब मिलेगा, जिससे यह सुनिश्चित हो जाएगा कि वे ठीक हैं।
44 किलोमीटर लंबी है सुरंग
गौरतलब है कि यह सुरंग 44 किलोमीटर लंबी है, जो श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) के निर्माणाधीन हिस्से पर स्थित है। ये सुरंग परियोजना नागरकुरनूल और नलगोंडा जिलों को पानी उपलब्ध कराने के लिए है। इस बीच एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि जब सुरंग ढह गई, तो कई श्रमिक भागने में सफल रहे, लेकिन सुरंग बनाने वाली मशीन पर काम कर रहे आठ लोग फंस गए। निर्माण कार्य जेपी एसोसिएटेड ग्रुप द्वारा किया जा रहा है।
रेस्क्यू में आ रही परेशानी
बताया जाता है कि सुरंग की दीवार के किनारे मिट्टी की दरार है, जिसमें से पानी बह रहा है। इस स्थिति में बचाव अभियान से पहले पानी को निकालना काफी जरुरी है। बताया जाता है कि पत्थरों के हिलने की आवाज़ से संकेत मिलता है कि ढही हुई जगह की छत अस्थिर है।
स्थिति पर सीएम की नजर
तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी ने कल एक समीक्षा बैठक की। इस बैठक में सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार मौजूद रहे और उन्होंने सीएम को सुरंग की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी। बैठक में राज्य सलाहकार (सिंचाई) आदित्यनाथ दास और मुख्यमंत्री के सलाहकार वेम नरेंद्र रेड्डी भी मौजूद थे।
तेलंगाना का सीएम ने घायल श्रमिकों के बारे में जानकारी मांगी है और अधिकारियों से बचाव प्रयासों में तेज़ी लाने को कहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि प्रभावित परिवारों को सरकार की ओर से हर तरह की सहायता मिले।
पुलिस ने बताया कि निर्माण कंपनी की टीम आकलन के लिए सुरंग के अंदर गई है और उसने पुष्टि की है कि मजदूर फंसे हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि काम में लगी कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार छह से आठ श्रमिकों के फंसे होने की आशंका है।
एक्शन में सीएम, अधिकारियों को दिए निर्देश
हालांकि, मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में संख्या बताए बिना संकेत दिया गया है कि कुछ लोग घायल हुए हैं। मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारियों को राहत कार्य के लिए घटनास्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, राज्य के सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी, सिंचाई मामलों के सरकारी सलाहकार आदित्यनाथ दास और अन्य सिंचाई अधिकारी विशेष हेलीकॉप्टर से घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने भी अधिकारियों से की बात
उधर, दुर्घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने घटना के कारणों की जानकारी ली और अधिकारियों से फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने को कहा। उन्होंने अधिकारियों से घायलों को उपचार मुहैया कराने को भी कहा।