राजद के स्टार प्रचारक भाजपा में शामिल,कैसे?

राजद के स्टार प्रचारक भाजपा में शामिल,कैसे?

पूर्व सांसद अनिल सहनी ने छोड़ दी पार्टी

मोहनियां से राजद का नामांकन रद्द,क्यों?

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू एवं तेजस्वी यादव को बड़ा झटका लगा है। मुजफ्फरपुर जिले की कुढ़नी विधानसभा सीट से विधायक रहे पूर्व राज्यसभा सांसद अनिल सहनी बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी  में शामिल हो गए। सहनी को लालू-तेजस्वी ने इस चुनाव में स्टार प्रचारक बनाया था। हालांकि, उन्होंने आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल को अपना इस्तीफा भेज दिया और कुछ देर बाद पटना में भाजपा की सदस्यता ले ली।

भाजपा के पटना स्थित मीडिया सेंटर में आयोजित मिलन समारोह में अनिल सहनी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कराई। उनके साथ पूर्व विधायक आशा देवी भी भाजपा में शामिल हुईं। इस दौरान पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी सह केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान समेत अन्य वरीय नेता मौजूद रहे।

जेल जाने के बाद खत्म हुई थी विधायकी

कुढ़नी विधानसभा सीट पर आरजेडी के टिकट पर अनिल कुमार सहनी ने भाजपा के केदार प्रसाद गुप्ता को करीबी मुकाबले में हराकर जीत दर्ज की थी। दिल्ली की अदालत से एलटीसी घोटाले में दो साल की सजा होने के बाद सहनी की विधायकी चली गई थी। कोर्ट ने सहनी के चुनाव लड़ने पर 3 साल के लिए रोक भी लगाई थी। इसके बाद खाली हुई कुढ़नी सीट पर 2022 में उपचुनाव हुए, जिसमें भाजपा के केदार प्रसाद जीते थे।

अनिल सहनी राजद से पहले नीतीश कुमार की जेडीयू में रहे। जेडीयू ने उन्हें राज्यसभा भेजा था। राज्यसभा सांसद रहते हुए ही उनपर हवाई टिकट की अवैध बिक्री का आरोप लगते हुए सीबीआई ने एलटीसी घोटाले का केस चला था।

रिपोर्ट्स के अनुसार इस्तीफा देने के बाद अनिल सहनी ने आरजेडी के शीर्ष नेतृत्व पर अति पिछड़ा का अपमान करने का आरोप लगाया। बताया जा रहा है कि सहनी अपने बेटे को कुढ़नी सीट से टिकट दिलवाना चाहते थे। लालू-तेजस्वी ने इस बार बबलू कुशवाहा को कुढ़नी से उम्मीदवार बनाया है। हालांकि, राजद के 40 स्टार प्रचारकों की सूची में अनिल सहनी का भी नाम शामिल था।

मोहनियां से राजद कैंडिडेट का नामांकन रद्द

बिहार विधानसभा चुनाव की वोटिंग से पहले ही महागठबंधन का दूसरा विकेट गिर गया है। कैमूर जिले की मोहनियां विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की उम्मीदवार श्वेता सुमन का नामांकन रद्द हो गया है। इससे पहले पूर्वी चंपारण जिले की सुगौली सीट से राजद की सहयोगी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के उम्मीदवार शशि भूषण सिंह का नामांकन रद्द हुआ था। महागठबंधन को अब तक बिना लड़े दो सीटों का नुकसान हो चुका है। इसी तरह, सारण जिले की मढ़ौरा सीट से लोजपा (रामविलास) की प्रत्याशी सीमा सिंह का नामांकन रद्द होने से एनडीए भी एक सीट गंवा चुका है।

मोहनियां विधानसभा से लालू एवं तेजस्वी यादव की पार्टी की प्रत्याशी श्वेता सुमन का नामांकन निर्वाचन विभाग की ओर से बुधवार को रद्द दिया गया। नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी के दौरान उनके जाति प्रमाण पत्र को लेकर मंगलवार को दर्ज हुई आपत्ति के बाद यह फैसला लिया गया। नामांकन खारिज होने के बाद श्वेता सुमन मीडिया के सामने रो पड़ीं और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर साजिश का आरोप लगाया।

बता दें कि भाजपा की ओर से श्वेता सुमन का नामांकन रद्द करने की मांग करते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की गई थी। भाजपा न्यायिक एवं चुनाव आयोग संपर्क विभाग के प्रमुख विध्यांचल राय ने मंगलवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि श्वेता सुमन ने 2020 में भी मोहनियां से चुनाव लड़ा था। तब चुनावी घोषणापत्र में उन्होंने अपना पता उत्तर प्रदेश के चंदौली, सकलडीहा विधानसभा लिखा था। इस बार उन्होंने नामांकन पत्र में बिहार का पता दिया है।

उन्होंने कहा था कि बिहार में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ने के लिए यहां का मूल निवासी होना जरूरी है। जबकि, श्वेता यूपी की मूल निवासी हैं। वहीं, श्वेता सुमन का कहना है कि वह बीते 20 सालों से बिहार में रह रही हैं। उनपर जो आरोप लगाए गए वो गलत हैं।

 

 

 

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