भारतीय टीम की जीत पर खुश हुए सचिन तेंदुलकर
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
शुभमन गिल की कप्तानी वाली भारत की युवा क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज 2-2 से ड्रॉ कर ली है। सीरीज का आखिरी मैच लंदन के द ओवल में खेला गया था जिसमें भारत हार की कगार पर था। मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा की गेंदबाजी ने पासा पलट दिया और भारत ने छह रनों से मैच जीत सीरीज बराबरी पर खत्म की। इस जीत के बाद सचिन तेंदुलकर ने जो रिएक्शन दिया है वो वायरल हो गया है।
भारत ने इंग्लैंड के सामने जीत के लिए 374 रनों का टारगेट रखा था। चौथे दिन हैरी ब्रूक और जो रूट ने शतक ठोक भारत को बैकफुट पर धकेल दिया था और लग रहा था कि भारतीय टीम हार जाएगी। ये दोनों आउट हुए तो भारत ने वापसी की। चौथे दिन खराब रौशनी और बारिश के कारण खेल जल्दी खत्म कर दिया गया और फिर पांचवें दिन भारत ने इंग्लैंड के बाकी बचे चार विकेट लेकर मैच जीत लिया।
टीम इंडिया की इस जीत से हर कोई खुश है और क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर भी इस रोमांचक मैच को देखने के बाद अपनी खुश जाहिर करने से रोक नहीं पाए। सचिन ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “टेस्ट क्रिकेट… रोंगटे खडे़ हो गए। सीरीज 2-2 और परफॉर्मेंस 10/10। भारत के सुपरमैन। क्या जीत है।”
मोहम्मद सिराज ने इस मैच में जीत दिलाने में बड़ा रोल निभाया। उन्होंने दूसरी पारी में पांच विकेट लिए। पहली पारी में भी उन्होंने चार विकेट अपने नाम किए थे। इस सीरीज में सिराज ने कुल 23 विकेट लिए और सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में पहले नंबर पर रहे।
ऐसा रहा मैच
भारत ने इस मैच में पहली पारी खेली और 224 रन ही बना सकी। इंग्लैंड भी बड़ा स्कोर नहीं कर पाई और 247 रन बनाने में सफल रही। भारत ने फिर अपनी दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल के शतक के अलावा वॉशिंगनट सुंदर और रवींद्र जडेजा के अर्धशतकों के दम पर 396 रन बनाए और इंग्लैंड को 374 रनों का टारगेट दिया। इंग्लैंड की टीम 367 रनों पर ही ढेर हो गई। इसी के साथ सीरीज 2-2 से बराबर रही।
हैरी ब्रूक और जो रूट जब विकेट पर जम गए थे तो भारत की जीत संभव नहीं लग रही थी, लेकिन इसी को क्रिकेट कहते हैं। टीम इंडिया के गेंदबाजों ने पूरी कहानी पलट दी। मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को आउट करना शुरू किया और पांचवें दिन सारी बाजी पलटते हुए छह रनों से मैच अपने नाम कर लिया।
93 साल में पहली बार
भारत ने अपना पहला टेस्ट मैच 1932 में इंग्लैंड के खिलाफ ही खेला था। तब से लेकर दे ओवल में खेले गए टेस्ट मैच से पहले तक भारत ने कोई भी टेस्ट छह रनों से नहीं जीता था। ये रनों हे लिहाज से भारत की सबसे करीबी जीत है। इससे पहले भारत की सबसे करीबी जीत 13 रनों से आई थी जो उसने 2004 में मुंबई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हासिल की थी। तीसरे नंबर पर इंग्लैंड के खिलाफ मिली जीत है जो उसने 1972 में 20 रनों से हासिल की थी।
ऐसा रहा मैच
भारत ने इस मैच में पहले पारी खेलते हुए 224 रन बनाए थे। इसके बाद इंग्लैंड की टीम को 247 रनों पर ढेर कर दिया था। दूसरी पारी में टीम इंडिया ने 396 रन बनाए और इंग्लैंड को 374 रनों का टारगेट दिया। जो रूट के 105 और हैरी ब्रूक के 111 रनों के दम पर इंग्लैंड ने जीत की तरफ कदम बढ़ा दिए थे, लेकिन सिराज और कृष्णा ने बाजी पलट दी। सिराज ने पांच विकेट अपने नाम किए तो कृष्णा को चार विकेट मिले। आकाशदीप के हिस्से एक विकेट अया।
भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर द्वारा इंग्लैंड टीम के प्लेयर ऑफ द सीरिज चुने गए ब्रूक ने कहा कि मुझे लगा था कि हम आसानी से जीत जाएंगे लेकिन जिस तरीके से सिराज ने गेंदबाजी की, वह इस सफलता का हकदार था। उसने सीरीज में कमाल का प्रदर्शन किया और फिनिश भी। ब्रूक ने कहा कि मुझे लगा था कि भारी रोलर फिराये जाने के बाद पिच सपाट होगी, लेकिन बादल होने से गेंद घूम रही थी। वोक्स ( चोटिल क्रिस) को उतरना ही था लेकिन बदकिस्मती से हम जीत नहीं सके।
उन्होंने कहा कि जब मैं और जो रूट बल्लेबाजी कर रहे थे तब हमारी पारी अच्छी चल रही थी लेकिन इस सीरीज में काफी उतार चढाव देखने को मिले हैं और फिनिश भी उसी तरह से हुआ। मैं मैच को जल्दी से जल्दी खत्म करना चाहता था। उन्होंने कहा कि मैंन सीरीज में ठीक ठाक खेला लेकिन जीत नहीं पाने का मलाल रहेगा। काफी प्रतिस्पर्धी सीरीज थी और हमने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।