सर्वजन दवा सेवन अभियान : परिवार के सभी सदस्यों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करना बेहद जरूरी

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ग्रामीण स्तर पर आईडीए को सफल बनाने में जुटा स्वास्थ्य विभाग: डॉ दिलीप कुमार

डोर टू डोर के अलावा सामूहिक रूप से भी खलाई जा रही फाइलेरिया रोधी दवाएं: एमओआईसी

बंजारों और ईंट भट्ठों पर काम करने वालों को भी खिलाई गई दवा: बीसीएम

इससे पहले कभी किसी ने नहीं ली थी सुधि: बंजारा परिवार

श्रीनारद मीडिया, छपरा (बिहार):


छपरा  जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर संचालित सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) राउंड को सफल बनाने में स्वास्थ्य विभाग ने पूरी ताकत झोंक दी है। शहरी क्षेत्रों के अलावा प्रखंड और पंचायत स्तर तक लोगों को दवाओं का सेवन कराने को लेकर स्वास्थ्य महकमा लगा हुआ है। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के साथ- साथ सहयोगी संस्थान और नेटवर्क सदस्यों द्वारा ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को दवाओं का सेवन कराते हुए समाज को फाइलेरिया से मुक्त बनाया जा सके। इस संबंध में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग फाइलेरिया को ख़त्म करने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। जिसमें नेटवर्क सदस्य का भरपूर सहयोग कर रहा है। जिले से फाइलेरिया को तभी खत्म किया जा सकता है, जब परिवार के सभी सदस्यों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया जाए। जो इस अभियान का सबसे जरूरी पहलु भी है। इसलिए इस अभियान में जिलेवासियों को अपनी सहभागिता बढ़ाते हुए दवाओं का सेवन करना चाहिए। जिससे सारण जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाया जा सके।

डोर टू डोर के अलावा सामूहिक रूप से भी खलाई जा रही फाइलेरिया रोधी दवाएं: एमओआईसी

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मांझी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रोहित कुमार ने कहा कि इस बार आईडीए अभियान के दौरान मांझी प्रखंड में पूर्व की अपेक्षा बेहतर कार्य किया जा रहा है। हालांकि इक्का दुक्का एडीआर के मामले भी आए है। लेकिन इससे डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि मांझी प्रखंड में सहयोगी संस्थानों पीसीआई, डब्ल्यूएचओ, सीफार और नेटवर्क मेंबर्स की विशेष रूप से सहयोग किया जा रहा है। क्योंकि विशेष अभियान चला कर दलित बस्ती, घुमंतू परिवार, ईट भट्ठा सहित कई अन्य जगहों पर जाकर आशा फैसिलिटेटर सहित अन्य टीम के द्वारा डोर टू डोर भ्रमण कर दवाओं का सेवन कराने के साथ ही सामूहिक रूप से भी लोगों को दवाओं का सेवन कराया जा रहा है। इस क्रम में डुमरी पंचायत के नोनियार टोला, साई टोला, लोहार टोली और डुमरी बाजार पर सामूहिक रूप से लगभग 175 से अधिक लाभुकों को आईडीए अभियान के तहत दवा का सेवन कराया गया। जो अपने आप में बड़ी बात है। हालांकि इसके माध्यम से लोगों तक साकारत्मक संदेश भी पहुंचा है। इस विशेष अभियान में बीसीएम विवेक कुमार व्याहुत, सीफार के बीसी कृष्णा सिंह, पीसीआई के बीसी जंयत कुमार, आशा फैसिलिटेटर मनोरमा देवी, आशा कार्यकर्ता कविता सिंह, नेटवर्क सदस्य विजय कुमार सिन्हा, शकुंतला देवी व मालती कुंवर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

बंजारों और ईंट भट्ठों पर काम करने वालों को भी खिलाई गई दवा: बीसीएम
सामुदायिक स्वास्थ्य उत्प्रेरक (बीसीएम) विवेक कुमार व्याहुत ने बताया कि आईडीए राउंड के दौरान आशा फैसिलिटेटर के माध्यम से दिए गए माइक्रो प्लान के अनुसार दवाओं का सेवन तो कराया ही गया है। साथ ही प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में ईंट भट्ठों पर मेहनत मजदूरी करने वाले परिवारों के अलावा घुमंतू बंजारों को भी चिह्नित करते हुए दवाओं का सेवन कराया गया है। इस क्रम में प्रखंड मुख्यालय के अलावा डुमरी पंचायत में बसे घुमंतू परिवार जो लोहे के औजार बनाकर बेचने का काम करते हैं, उन्हें भी दवाओं का सेवन कराया गया। साथ ही उन्हें फाइलेरिया के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई और उन्हें मच्छरों से बचाव करने के बारे में भी बताया गया।

इससे पहले कभी किसी ने नहीं ली थी सुधि: बंजारा परिवार
दवाओं का सेवन करने के बाद डुमरी बाजार पर गुजर बसर करने वाले बंजारा परिवार के मुखिया राजाराम लोहार ने कहा कि मेरा परिवार राजस्थान से आया है। साथ ही गांव के सैकड़ों लोग जिले के विभिन्न इलाकों में लोहे का औजार बनाकर बेचने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इससे पहले उन्हें हाथीपांव के मरीज को देखा था, लेकिन यह बीमारी मच्छरों के काटने से होता है यह जानकारी नहीं थी। लेकिन आप लोगों के द्वारा इसकी जानकारी दी गई है। दवा खिलाने वाली टीम सहित वहां मौजूद लोगों को इसके लिए धन्यवाद दिया। क्योंकि आज तक कहीं भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस प्रकार से सुधि नहीं ली थी। आगे उन्होंने यह भी कहा कि जिले के विभिन्न इलाकों में बसे अपने परिजनों और रिश्तेदारों को फोन कर फाइलेरिया की दवा के संबंध में बताएंगे और नजदीकी अस्पताल में जाकर दवाओं का सेवन करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

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