महिला मरीजों की खोज बनेगी कालाजार उन्मूलन की बड़ी कड़ी, कालाजार पर कड़ा वार
• मरीजों की पहचान के लिए लगेगा विशेष कैंप
• स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान के तहत कालाजार पर विशेष फोकस
• कालाजार से पीड़ित महिलाओं की पहचान होगी सुनिश्चित
• 2 अक्टूबर तक चलेगा अभियान
श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर, छपरा (बिहार):
छपरा जिले में कालाजार उन्मूलन की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए स्वास्थ्य विभाग ने महिलाओं पर विशेष फोकस करने का निर्णय लिया है। “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान” के तहत 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर विशेष स्वास्थ्य कैम्प आयोजित किए जा रहे हैं। इन कैम्पों का मुख्य उद्देश्य महिला कालाजार (VL) और पीकेडीएल (PKDL) मरीजों की पहचान और समय पर उपचार सुनिश्चित करना है। इसको लेकर वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ नारेंद्र कुमार सिन्हा ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया है।
महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान
17 सितम्बर को शुरू किए गए इस राष्ट्रीय अभियान का मकसद महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार करना है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के बीच स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं लंबे समय तक छुपी रह जाती हैं। विशेषकर कालाजार और पीकेडीएल जैसी बीमारियों की पहचान समय पर न होने से इलाज में देरी होती है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में यह अभियान महिलाओं की बीमारी की पहचान, इलाज और जागरूकता तीनों स्तरों पर अहम भूमिका निभाएगा।
कालाजार उन्मूलन पर जोर
कालाजार बिहार में लंबे समय से एक गंभीर चुनौती रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग और विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से राज्य ने पिछले वर्षों में इसकी रोकथाम और उपचार में उल्लेखनीय प्रगति की है। लेकिन PKDL (Post Kala-azar Dermal Leishmaniasis) मरीजों की पहचान अभी भी बड़ी चुनौती बनी हुई है, क्योंकि ये मरीज संक्रमण के स्थायी स्रोत बन जाते हैं। इस अभियान के तहत विशेष रूप से महिला PKDL मरीजों की खोज और इलाज पर फोकस किया जा रहा है, ताकि बिहार को कालाजार मुक्त बनाने के लक्ष्य को साकार किया जा सके।
जिले में स्वास्थ्य कैम्पों की तैयारी
जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर चल रहे स्वास्थ्य कैम्पों में निःशुल्क जांच और परामर्श की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इन कैम्पों में VL और PKDL के लक्षणों की पहचान करने, मरीजों की समय पर स्क्रीनिंग और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि हर कैम्प की रिपोर्टिंग SNSPA पोर्टल पर की जाएगी, ताकि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी हो सके।
ग्रामीण महिलाओं में जागरूकता बढ़ेगी
ग्रामीण इलाकों में महिलाएं अक्सर परिवार की जिम्मेदारियों में उलझी रहती हैं और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता नहीं दे पातीं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस अभियान के माध्यम से उन्हें न केवल बीमारी की पहचान और इलाज मिलेगा बल्कि पोषण, स्वच्छता और स्वास्थ्य सेवाओं के महत्व के बारे में भी जागरूक किया जाएगा।
कालाजार उन्मूलन मिशन का महत्वपूर्ण हिस्सा
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि महिलाओं में कालाजार और पीकेडीएल की पहचान पर फोकस करना इस बीमारी के उन्मूलन में निर्णायक साबित होगा। महिलाओं के इलाज से परिवार और समाज दोनों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान” केवल स्वास्थ्य से जुड़ा कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह कालाजार उन्मूलन मिशन का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। 2 अक्टूबर तक चलने वाले इस अभियान से न केवल हजारों महिलाओं का स्वास्थ्य लाभ होगा, बल्कि कालाजार मुक्त बनाने की दिशा में भी ठोस कदम साबित होगा।
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