शशि थरूर ने जमकर की आडवाणी की तारीफ

शशि थरूर ने जमकर की आडवाणी की तारीफ

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी का बचाव किया है। दरअसल, आडवाणी को जन्मदिन की बधाई देने पर एक वकील ने ऑनलाइन उनकी कड़ी आलोचना की थी।

उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि सालों तक सार्वजनिक सेवा करने के बाद किसी एक घटना के आधार पर किसी व्यक्ति को जज करना गलत है। भाजपा के संस्थापक सदस्य और 2002-2004 के दौरान देश के उप प्रधानमंत्री रहे आडवाणी कल 98 साल के हो गए।

शशि थरूर ने दी आडवाणी को जन्मदिन की बधाई

उन्हें उनके खास दिन पर बधाई देते हुए थरूर ने वरिष्ठ नेता के साथ अपनी एक पुरानी फोटो शेयर की, जिसमें उन्होंने आडवाणी को एक सच्चा राजनेता बताया, जिनकी सेवा भरी जिंदगी मिसाल है और जो सार्वजनिक सेवा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने पोस्ट में लिखा, “आदरणीय एलके आडवाणी जी को 98वें जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं! सार्वजनिक सेवा के प्रति उनका अटूट समर्पण, उनकी विनम्रता और शालीनता, और आधुनिक भारत की दिशा तय करने में उनकी भूमिका अविस्मरणीय है। एक सच्चे राजनेता जिनका सेवा भरा जीवन अनुकरणीय रहा है।”

इस पर वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने अलग राय रखते हुए कहा, “सॉरी मिस्टर थरूर, इस देश में ‘नफरत के ड्रैगन बीज’ बोना (खुशवंत सिंह के शब्दों में) सार्वजनिक सेवा नहीं है।” मशहूर लेखक और पत्रकार सिंह ने एक सार्वजनिक सभा में आडवाणी की आलोचना करने के लिए इस फ्रेज का इस्तेमाल किया था, जिसका जिक्र उनकी किताब ‘द एंड ऑफ इंडिया’ में भी है।

थरूर ने दिया ये जवाब

लेकिन थरूर इस बात से सहमत नहीं थे। उन्होंने तर्क दिया कि किसी नेता की सालों की सेवा को सिर्फ एक घटना तक सीमित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, “उनकी सालों की सेवा को सिर्फ एक घटना तक सीमित करना, चाहे वह कितनी भी महत्वपूर्ण क्यों न हो, गलत है। नेहरूजी के पूरे करियर को चीन की हार से नहीं आंका जा सकता और न ही इंदिरा गांधी के करियर को सिर्फ इमरजेंसी से। मेरा मानना है कि हमें आडवाणीजी के साथ भी वैसा ही बर्ताव करना चाहिए।”

थरूर को पहले भी अपनी ही पार्टी के अंदर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप से मुलाकात की तारीफ करने पर आलोचना का सामना करना पड़ा था।

कांग्रेस सांसद और दिग्गज नेता शशि थरूर ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की तारीफ वाला बयान दिया तो कांग्रेस पार्टी ने इससे खुद को अलग कर दिया। पार्टी ने रविवार को साफ किया कि शशि थरूर अपनी बात खुद कहते हैं, इससे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है।

कांग्रेस सांसद ने तर्क दिया कि आडवाणी की इतने सालों की सेवा को सिर्फ एक घटना तक सीमित करना, “चाहे वह कितनी भी महत्वपूर्ण क्यों न हो,” गलत है।

कांग्रेस ने क्या कहा?

इसके जवाब में कांग्रेस के मीडिया और पब्लिसिटी डिपार्टमेंट के हेड पवन खेड़ा ने एक्स पर पोस्ट किया और लिखा, “हमेशा की तरह, डॉ. शशि थरूर अपनी बात खुद कहते हैं और इंडियन नेशनल कांग्रेस उनके हालिया बयान से खुद को पूरी तरह से अलग करती है।”

खेड़ा ने आगे कहा कि थरूर का कांग्रेस सांसद और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य बने रहना “कांग्रेस की खास लोकतांत्रिक और उदार भावना को दिखाता है।” CWC पार्टी के सबसे बड़े फैसले लेने वाली संस्था है।

क्या है मामला?

दरअसल, अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में पूर्व उप प्रधानमंत्री रहे एलके आडवाणी इस हफ्ते 98 साल के हो गए। शनिवार को भाजपा नेता को बधाई देने वालों में शशि थरूर भी शामिल थे। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “आदरणीय एलके आडवाणी जी को 98वें जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं! सार्वजनिक सेवा के प्रति उनका अटूट समर्पण, उनकी विनम्रता और शालीनता और आधुनिक भारत की दिशा तय करने में उनकी भूमिका अविस्मरणीय है।”

थरूर की इस टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने आपत्ति जताई है। उन्होंने थरूर द्वारा आडवाणी को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए उनकी सार्वजनिक सेवा के प्रति प्रतिबद्धता को आपत्तिजनक बताया है। उन्होंने थरूर की आलोचना करते हुए कहा कि आडवाणी द्वारा ”घृणा के बीज बोना” ”जनसेवा” नहीं कहा जा सकता। उन्होंने 1990 में की गई राम रथ यात्रा का हवाला दिया।

इसके जवाब में थरूर ने एक्स पोस्ट में लिखा, ”उनकी लंबी सेवा के वर्षों को सिर्फ एक घटना तक सीमित करना, चाहे वह कितनी भी महत्वपूर्ण क्यों न हो, अनुचित है। नेहरूजी के करियर की समग्रता को चीन युद्ध की विफलता से नहीं आंका जा सकता, न ही इंदिरा गांधी के करियर को सिर्फ आपातकाल से। मेरा मानना है कि हमें आडवाणीजी के साथ भी यही सम्मान रखना चाहिए।”

 

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