श्रीराम के आचरण में प्रबंधन के उत्तम गुण  

श्रीराम के आचरण में प्रबंधन के उत्तम गुण
कामधेनू है श्री राम का चरित्र गायन – आचार्य डा राजनारायण
जनता दुखी तो राजा नरक का भागी
श्रीराम राष्ट्रवाद के परिचयक है -अर्चना.

श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):

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सीवान जिला के जीरादेई प्रखंड क्षेत्र के ऐतिहासिक, धार्मिक एवं पुरातत्विक गांव तीतीरा मेँ चल रहे श्री विष्णु महायज्ञ एवं श्री राम कथा के छठवें दिन शुक्रवार को आचार्य डा राज नारायण राय ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के गुणों को गिनना असंभव है ,परंतु उनके गुण प्रोत्साहन ,रणनीति श्रीराम को मैनेजमेंट गुरु की संज्ञा दिलाता है ।

आचार्य ने कहा कि प्रभु श्रीराम का सबसे बड़ा गुण दूसरों को प्रोत्साहित करना था ।ये कार्य उन्होंने बचपन से ही किया ।अपने दोस्तों ,भाइयों ,अयोध्यावासीयों को समय- समय पर प्रोत्साहित किया ,तभी तो बानर व भालू जैसे मामूली से समझे जाने वाले जीवों ने भी लंका की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई ।साथ ही एक नन्हीं सी गिलहरी ने भी सेतु निर्माण में सहयोग दिया ।

डा राय ने बताया कि यदि श्रीराम चाहते तो क्षणभर में लड़ाई को खत्म कर सकते थे ,परन्तु वे जनमानस को इतना ताकतवर बनाना चाहते थे ताकि वे रक्षकों से न डरें ।इसलिये उन्होंने हर एक को युद्ध में पराक्रम दिखाने का मौका दिया ।दया के सागर श्रीराम ने हर अच्छे कार्य का श्रेय दूसरों को दिया ।रावण वध ,लंका विजय का श्रेय गुरु वशिष्ठ व भालू एवम बानरों की सेना को देते है ।भगवान श्रीराम दोस्त एवम दुश्मन दोनों के मूल्य को समझे तभी तो मृत्यु शैय्या के निकट रावण के पास लक्ष्मण को ज्ञान की बातें सीखने के लिये भेजे।डा राय ने कहा कि भगवान श्रीराम दूरदृष्टि रखते थे ।

वे जानते थे कि जनसमुदाय के लिये राक्षस जाति का समूल नाश जरूरी है ।उनके राज्य में शेर बकरी एक घाट पर पानी पीते थे ।श्रीराम का विचार था कि जिस देश की जनता दुखी होगी वहाँ का राजा नरक का भागी होगा । श्रीराम कथा वाचिका अर्चना मणि पराशर ने कहा कि राम राष्ट्रवाद के परिचायक है तथा इनका जीवन शांति व अमन का पैगाम दिलाता है और श्रीराम कथा तो कामधेनु
है ।

उन्होंने कहा कि गुरु की महिमा असीम है सब कुछ गुरु के कृपा से ही संभव है. मंच का संचालन प्रमोद राय ने किया.
इस मौके ई पीके मल्ल, डा ललीतेश्वर राय पूर्व मुखिया रामेश्वर राय,पूर्व मुखिया उमेश मल्ल, डा कृष्ण कुमार सिंह अनिल राय, अभय राय,अशोक राय ,दिलीप राय ,विकास कुमार, मन्नु राय, शानू राय, रवि शंकर उपाध्याय,मनोज कुशवाहा, विशाल गोस्वामी, रविन्द्र सिंह आदि उपस्थित थे ।

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