हरियाणा सरकार के निर्णय पर श्री कृष्ण आयुर्वेद वेलफेयर एसोसिएशन ने जताया आभार
आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर के 42 पदों को ईडब्ल्यूएस से सामान्य वर्ग में परिवर्तित करने का निर्णय सराहनीय
श्रीनारद मीडिया, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, हरियाणा
श्री कृष्ण आयुर्वेद वेलफेयर एसोसिएशन ने हरियाणा सरकार का हृदय से आभार व्यक्त किया है। एसोसिएशन ने आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर के 42 रिक्त पदों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) से सामान्य वर्ग में परिवर्तित कर योग्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रदान करने के निर्णय की सराहना की है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुरेश शर्मा ने बताया कि जुलाई 2024 मे सरकार द्वारा आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर के 805 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। मार्च 2025 तक, 529 आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर ने पदभार ग्रहण कर लिया था, जबकि ईडब्ल्यूएस श्रेणी के 42 पद रिक्त रह गए थे। इन रिक्त पदों को सामान्य वर्ग में परिवर्तित करने के लिए एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से अपील की थी।
महासचिव डॉ. पंकज कौशिक ने कहा कि हरियाणा सरकार का यह निर्णय न केवल योग्यता और न्याय के सिद्धांतों पर आधारित है, बल्कि इससे अनेक अभ्यर्थियों को लंबे समय से प्रतीक्षित रोजगार का अवसर प्राप्त हुआ है। यह कदम प्रदेश में आयुर्वेदिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा।
एसोसिएशन ने हरियाणा सरकार के इस दूरदर्शी एवं सराहनीय निर्णय के लिए पुनः आभार प्रकट किया है। साथ ही, उन्होंने आशा जताई कि भविष्य में भी इसी प्रकार पारदर्शिता और न्यायप्रियता के साथ जनहित में निर्णय लिए जाएंगे। इस निर्णय से आयुर्वेदिक चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत डॉक्टरों और अभ्यर्थियों में खुशी की लहर देखी जा रही है।
एसोसिएशन का मानना है कि इस निर्णय से न केवल रिक्त पदों पर योग्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति होगी, बल्कि आयुर्वेदिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। हरियाणा सरकार के इस कदम को आयुर्वेदिक चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे अभ्यर्थियों को रोजगार के अवसर मिलने के साथ-साथ प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को भी मजबूती मिलेगी। एसोसिएशन ने कहा कि वे भविष्य में भी इसी तरह के निर्णयों की अपेक्षा करते हैं, जो पारदर्शिता और न्याय के सिद्धांतों पर आधारित हों। श्री कृष्ण आयुर्वेद वेलफेयर एसोसिएशन ने हरियाणा सरकार के इस निर्णय को आयुर्वेदिक चिकित्सा क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक कदम करार दिया है।