खादी के गमछे से आंसू पोंछिए महोदय- जीतनराम मांझी

खादी के गमछे से आंसू पोंछिए महोदय- जीतनराम मांझी

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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केंद्रीय बजट 2025 को लेकर बिहार की राजनीति गरमा गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बजट को फायदेमंद और राज्य की प्रगति के लिए अहम बताया, जबकि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे बिहार के लिए निराशाजनक करार दिया. तेजस्वी का आरोप है कि सरकार ने गुजरात को सबकुछ दिया, लेकिन बिहार को कुछ नहीं मिला.

बजट पर नेताओं की अलग-अलग राय

LJP(R)के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान ने बजट की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार जताया. वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने इसे महज छलावा करार दिया. दूसरी ओर, केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतनराम मांझी की प्रतिक्रिया ने अलग ही माहौल बना दिया.

जीतनराम मांझी का तंज – ‘खादी के गमछे से पोंछिए आंसू’

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मांझी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए लिखा – “बिहार विरोधियों के आँसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. मेरी सलाह है कि आँसू पोंछने के लिए खादी के गमछे का ही उपयोग करें, इससे आँसू भी जल्द सूख जाएंगे और खादी से जुड़े लोगों को रोजगार भी मिलेगा.” जीतनराम मांझी के इस बयान ने बिहार की राजनीति को और गरमा दिया है. बिना किसी का नाम लिए उन्होंने विपक्ष को सीधा जवाब दिया है.

तेजस्वी का आरोप – बिहार को नहीं मिला कुछ नया

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बजट में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की बात नहीं की गई, न ही कोई विशेष पैकेज दिया गया. उन्होंने सवाल उठाया कि बिहार में पलायन कैसे रुकेगा, रोजगार कैसे मिलेगा, नए कारखाने कैसे खुलेंगे, इन मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं की गई. तेजस्वी ने कहा, “बिहार के लिए बजट में कुछ भी नया नहीं है. केवल जुमलेबाजी की गई है. कौन सी रेल चली, कहां-कहां हॉल्ट होगा, इस पर भी कोई स्पष्टता नहीं है।”

बजट के बहाने बिहार में बढ़ी सियासी गर्मी

बजट के बाद बिहार में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. एनडीए जहां इसे बिहार के विकास के लिए ऐतिहासिक बता रहा है, वहीं विपक्ष इसे एक छलावा करार दे रहा है. अब देखना होगा कि इस बजट से बिहार को वास्तव में कितना फायदा होता है और राज्य की जनता इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है.

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