सीवान उभर सकता है देश के पर्यटन मानचित्र पर!

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सीवान की ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक आभा कर सकती बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित

देशरत्न की धरती पर जब आयेंगे भारी संख्या में पर्यटक तो समृद्धि की बहेगी बयार, रोजगार के भी भरपूर अवसर सृजित होंगे

आवश्यकता समन्वित प्रयासों की, व्यक्तिगत प्रयास भी बदल सकते सिवान की तस्वीर

विश्व पर्यटन दिवस पर विशेष आलेख

श्रीनारद मीडिया, गणेश दत्त पाठक, सेंट्रल डेस्‍क:

सीवान का विशेष ऐतिहासिक, धार्मिक महत्व पुरातन काल से रहा है। देशरत्न की यह धरती तमाम ऐसे आकर्षण के तथ्यों से लैस है, जहां पर्यटक आना चाहेंगे। बस आवश्यकता राजनीतिक, प्रशासनिक स्तर पर समन्वित प्रयास की है। स्वयं सिवान की जनता भी इस संदर्भ में व्यक्तिगत सहभागिता निभाए तो देश दुनिया में फैले सिवान के लोगों के माध्यम से ही इतनी सिवान के बारे में जागरूकता फैल सकती है कि पर्यटकों का यहां तांता लग सकता हैं।

सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र देशरत्न का गांव जीरादेई

भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद का गांव जीरादेई स्वयं में पूरे देशवासियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है। यहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के भी आगमन का प्रसंग विशेष महत्वपूर्ण हो जाता है। देशरत्न के आवास और पार्क का और भी बेहतरीन सौंदर्यीकरण किया जा सकता है। अभी भी सीवान आनेवालों के लिए देशरत्न का निवास एक देखने का शानदार विकल्प अवश्य रहता हैं। इसी तरह बिहार रत्न मौलाना मजहरूल हक की जन्मस्थली फरीदपुर आने के लिए भी बहुत लोग उत्सुक रहते हैं।

बौद्धकालीन संकेत की आहट
सिवान को दे रहा भारी अवसर

सीवान के दरौली, तितिरा आदि क्षेत्रों के बारे में ऐतिहासिक और पुरातात्विक संकेत इसके बौद्धकालीन परिवेश को संकेतित करते दिख रहे हैं। शोधार्थी श्री कृष्ण कुमार सिंह की पुस्तक ‘प्राचीन कुशीनारा एक अध्ययन’ के एकत्रित साक्ष्य, इस स्थल की पर्याप्त शोध की अवश्यकता की मांग करते दिख रहे है। तितिर स्तूप विकास पहल अगर एक स्पष्ट मुकाम पर पहुंच जाए तो सिवान भारत के पर्यटन मानचित्र में चमक उठेगा। सिवान के पपौर, तितिर, मुकुट छापर, द्रोण स्तूप बौद्ध श्रद्धालुओं के आस्था के केंद्र बन सकते हैं। सिवान के दरौली के दोन में मान्यता के मुताबिक महात्मा बुध का अंतिम संस्कार हुआ था। यदि ऐसी मान्यताएं प्रमाणित हो जाए तो सिवान का स्वरूप ही बदल जायेगा। सिवान बौद्ध श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बन सकता है।

सीवान के पुरातात्विक स्थलों के दृश्य, अंकित मिश्र के इस पोस्ट पर देखा जा सकता है:
लिंक

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2967891603541122&id=100009609351791

हिंदू श्रद्धालुओं के लिए भी सीवान बन सकता प्रसिद्ध स्थल

सीवान में स्थित बाबा महेंद्रनाथ मंदिर, सोहगरा, मैरवा का बाबा हरिराम का मंदिर, हड़सर काली मंदिर, पतार का रामजी बाबा मंदिर, हथौड़ा का बांके बिहारी मंदिर, दरौली के पास डोभिया मंदिर, भीखा बांध का भाई बहन मंदिर आदि देवस्थल हिंदू श्रद्धालुओं के आस्था के केंद्र हैं। नरहन, मैरवाधाम के मेले सदियों से लोगों को आकर्षित करते रहे हैं। इन हिंदू देव स्थलों के बारे में पर्याप्त प्रचार प्रसार की आवश्यकता है।

इस्लाम मतावलंबियों को भी आकर्षित करता रहा है सिवान

हुसैनगंज प्रखंड के हसनपुरा गाँव में अरब से आए चिश्ती सिलसिले के मुस्लिम संत मख्दूम सैय्यद हसन चिश्ती का खानकाह विशेष आकर्षण का केंद्र रहा है। दरौली के पास मुगल शाहजहाँ के शासनकाल (1626-1658) में यहाँ के नायब अमरसिंह द्वारा एक मस्जिद का निर्माण शुरू कराया गया, जो अधूरा रहा। लाल पत्थरों से बनी अधूरी मस्जिद को यहाँ देखा जा सकता है। यह सभी स्थल पर्यटन के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं।

सबसे पहली कमी जानकारी की

सीवान के ऐतिहासिक तथ्यों के बारे में मिल रहे संकेत पर्याप्त शोध की मांग कर रहे हैं। साथ ही पर्यटन स्थलों की जानकारी के भी पर्याप्त प्रचार प्रसार की आवश्यकता भी है। डिजिटल साधनों की उपलब्धता और सोशल मीडिया के दौर में आवश्यकता सिर्फ पहल की है। देश विदेश में बसे सीवान के लोगों को व्यक्तिगत स्तर पर सिवान के पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी का प्रचार प्रसार करना चाहिए। सीवान के पर्यटन स्थलों के बारे में सदियों से चली आ रही मान्यताओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों के सामने लाना चाहिए।

आवागमन सहित अन्य सुविधाओं की प्रचुर उपलब्धता

सीवान में पर्यटन को विकसित करने के लिए कुछ सुविधाओं की उपलब्धता के बारे में व्यवस्था बनानी होगी। सड़कों की बेहतरी के साथ पर्यटकों के ठहरने की सुविधाएं भी उपलब्ध करानी होगी। हाल के दिनों में सिवान शहर में कुछ नए होटल बने हैं। जो पर्यटन के लिहाज से बेहतर प्रयास हैं। आवागमन की व्यवस्था की बेहतरी भी जरूरी हैं। इन सब व्यवस्थाओं के होने से जहां पर्यटक भारी मात्रा में आने लगेंगे, वहीं रोजगार भी खूब मिलेगा।

सिवान में संभावना मेडिकल पर्यटन की भी

हाल के दिनों में मेडिकल पर्यटन की संभावनाएं भी बनी हैं। खराब जीवन शैली और उपभोक्तावादी सोच के चलते आरोग्य एक बड़ी चुनौती बन चुकी हैं। आरोग्य की तलाश में भी लोग घूम रहे हैं। अभी हाल के वर्षों में सिवान में कई उच्चस्तरीय मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल बने है। यदि यहां पर किफायती दर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जाए तो सीवान के मेडिकल पर्यटन के मानचित्र पर उभरने की पर्याप्त संभावनाएं मौजूद हैं।

कानून व्यवस्था की स्थिति का बेहतर रहना भी आवश्यक

सीवान के बारे में कई तरह की गलतफहमियां पूरे देश में प्रचलित हैं। कानून व्यवस्था को लेकर संशय का आलम रहता है। इसलिए प्रशासन को इस संदर्भ में सतर्क रहना चाहिए तथा पर्यटकों की सुरक्षा के लिए हरसंभव जतन का प्रयास सिवान को पर्यटन केंद्र बनाने में बेहद मददगार होगा।

एक सुव्यवस्थित और सुनियोजित मास्टर प्लान की आवश्यकता

सीवान को भारत के पर्यटन मानचित्र पर सुस्थापित करने के लिए आवश्यकता एक सुव्यवस्थित और सुनियोजित मास्टर प्लान की है। सबसे पहले पुरातात्विक साक्ष्यों पर अनुसंधान हो जाए फिर सिलसिलेवार तरीके से संसाधनों की उपलब्धता को सुनिश्चित कर आगे की कार्ययोजना बनाई जानी चाहिए। बैंक आदि वित्तीय संस्थानों की अहम भूमिका भी इस संदर्भ में आवश्यक होगी।

छोटी पहल से बनेगी बड़ी बात

सीवान के बहुत सारे लोग खाड़ी देश में काम कर रहे हैं। सिवान के बहुत सारे लोग देश के अलग अलग हिस्सों में कार्यरत हैं। जब भी वे सिवान आएं तो कम से कम सीवान के पर्यटन स्थलों में चुनिंदा जगहों पर अगर घूमने जा सके तो यह छोटी पहल एक बड़े आगाज का कारण भी बन सकती हैं।

कुल मिलाकर कहा जा सकता हैं कि सीवान में पर्यटन की पर्याप्त संभावनाएं मौजूद हैं। अगर सार्थक प्रयास हो पाए तो सीवान की तस्वीर बदल सकती हैं। इसमें व्यक्तिगत स्तर के प्रयास भी बेहद मायने रखते हैं।

तस्वीर :जीरादेई स्थित देशरत्न के पैतृक आवास की।

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