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राष्ट्रीय संत सुरक्षा परिषद (संत प्रकोष्ठ) के प्रदेशाध्यक्ष वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक ने राधाष्टमी पर डा. स्वामी चिदानंद ब्रह्मचारी को सनातन धर्मपुत्र सम्मान से किया सम्मानित। - श्रीनारद मीडिया

राष्ट्रीय संत सुरक्षा परिषद (संत प्रकोष्ठ) के प्रदेशाध्यक्ष वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक ने राधाष्टमी पर डा. स्वामी चिदानंद ब्रह्मचारी को सनातन धर्मपुत्र सम्मान से किया सम्मानित।

 

राष्ट्रीय संत सुरक्षा परिषद (संत प्रकोष्ठ) के प्रदेशाध्यक्ष वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक ने राधाष्टमी पर डा. स्वामी चिदानंद ब्रह्मचारी को सनातन धर्मपुत्र सम्मान से किया सम्मानित।

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श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

श्री श्री राधा अष्टमी के अवसर पर श्रीकृष्ण संग्रहालय में गीता पर व्याख्यान।

कुरुक्षेत्र : राधाष्टमी के अवसर पर अन्तर्राष्ट्रीय गीता मिशन के अध्यक्ष परमपूज्य स्वामी चिदानन्द जी महाराज द्वारा ‘गीता और आधुनिक जीवन शैली’ विषय पर संग्रहालय के सभागार में व्याख्यान दिया गया। इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. स्वामी चिदानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि आधुनिक जीवन शैली हमारे युवाओं के मन में अशान्ति ला रही है जिससे कि उनके जीवन में विकार पैदा हो रहे हैं। विकारग्रस्त और विषादों से भरे जीवन से मुक्ति देने में गीता का समत्व ही परम औषधि है। उन्होने कहा कि जब तक हम अर्जुन की भांति औरों के सुझावों को नही सुनते हैं और अपनी ही बात को उपर रखते हैं तो हम दिग्भ्रमित हो जाते हैं। विश्व की इन सभी मानसिक समस्याओं का उचित निदान गीता में ही निहित है। गीता के आत्मसंयम योग का उदाहरण देते हुए उन्होनें कहा कि व्यक्ति को ध्यान और साधना जैसे साधन सर्वश्रेष्ठ बना सकते हैं और वह व्यक्ति आदर्श के रुप में समाज में खड़ा हो सकता है। व्याख्यान से पूर्व स्वामी जी द्वारा संग्रहालय परिसर में शमी वृक्ष का पौधारोपण किया गया जिसमें नगर के अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद् सचिव श्री उपेन्द्र सिंघल ने बोर्ड की ओर से डॉ. स्वामी चिदानन्द ब्रह्मचारी को अंगवस्त एवं भगवद्गीता भेंट कर सम्मानित किया। उन्होने कहा कि आज राधाष्टमी के पावन पर्व पर स्वामी चिदानन्द ब्रह्मचारी से गीता और आधुनिक जीवन शैली पर व्याख्यान सुनना हम सभी के लिए गर्व का विषय है।
इस व्याख्यान सत्र की अध्यक्षता उपनिषद् अनन्त के संरक्षक गोविन्द लाल सेतिया ने करते हुए कहा कि आज सनातन तत्व को समझना बहुत जरुरी है क्यों कि सनातन का समझे बिना भारतीय संस्कृति एवं दर्शन को नही समझा जा सकता है।
इस अवसर उपनिषद् अनन्त के सदस्यों द्वारा डॉ. स्वामी चिदानन्दा को भगवद्गीता के माध्यम से भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों के प्रचार हेतु प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही राष्ट्रीय सन्त सुरक्षा परिषद् संत प्रकोष्ठ की ओर से प्रदेशाध्यक्ष वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक एवं साध्वी प्रकोष्ठ की प्रदेशाध्यक्ष महन्त सर्वेश्वरी गिरि जी महाराज द्वारा सम्मान पत्र ( सनातन धर्मपुत्र सम्मान) एवं स्थाण्वीश्वर महादेव मन्दिर के व्यवस्थापक स्वामी रोशनपुरी जी द्वारा अंगवस्त्र पहनाकर डॉ. स्वामी चिदानन्द जी का सम्मान किया गया।
इससे पूर्व आज राधाष्टमी के अवसर पर स्वामी चिदानन्द जी महाराज द्वारा ज्योतिसर तीर्थ पर ध्वजारोहण एवं गीतापाठ किया गया। तत्पश्चात गीता भवन में सभी गीता के अठारह अध्यायों की यज्ञाहुति दी गई। इसके पश्चात सभी श्रद्धालुओं के लिए भण्डारे की व्यवस्था की गई थी।
इस अवसर पर संग्रहालय के कॉर्डिनेटर राजेन्द्र सिंह राणा ने सभी आगन्तुक महमानों का स्वागत किया। कार्यक्रम का मंच संचालन उपनिषद् अनन्त के सचिव रमेश कुमार सुखीजा ने किया। कार्यक्रम के अन्त में धन्यवाद ज्ञापन संग्रहालय प्रभारी बलवान सिंह ने किया।
भंडारे की व्यवस्था ज्ञान चंद शर्मा द्वारा दी गई।
इस अवसर पर उपनिषद अनंत के सदस्य, नगर के अनेक बुद्धिजीवियों सहित हरियाणा, ओडिशा एवं दिल्ली के कईं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

 

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