ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर जाने से रोका,क्या है पूरा मामला?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारी गहमागहमी व सुरक्षा के बीच शुक्रवार की दोपहर बाद करीब तीन बजे एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा ने पक्षकारों की मौजूदगी में ज्ञानवापी परिसर में सर्वे शुरू किया। इस दौरान अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के पक्ष के वकीलों ने कमीशन को मस्जिद के अंदर जाने से रोक दिया। इसके चलते करीब एक घंटा तक वादी पक्ष व विपक्ष में बहस होती रही। पुलिस अधिकारियों ने हस्तक्षेप कर माहौल को शांत किया। करीब चार घंटे मस्जिद परिसर में वीडियोग्राफी करने के साथ बारीकी से वस्तुस्थिति की जांच की। कमीशन की कार्यवाही शनिवार को भी जारी रहेगी। इसके बाद सर्वे की रिपोर्ट तैयार कर एडवोकेट कमिश्नर उसे 10 मई को सुनवाई के लिए कोर्ट में पेश करेंगे।

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अंदर सर्वे, बाहर हंगामा

काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के लिए टीम करीब तीन बजकर 10 मिनट पर ज्ञानवापी परिसर में पहुंच गई थी। टीम के पहुंचने से पहले सड़क पर हंगामा और नारेबाजी होती दिखाई दी। एक पक्ष की ओर से हो रही नारेबाजी के बाद दूसरी पक्ष की तरफ से भी नारेबाजी होने लगी। पुलिस ने किसी तरह दोनों तरफ के लोगों को समझाया और सड़क से गलियों की ओर भगाया।

कमेटी के अधिवक्ताओं के मंदिर में प्रवेश के दौरान मुस्लिम समुदाय के करीब 50 की संख्या में जुटे लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इसी दौरान दूसरे पक्ष से हर हर महादेव का उद्घोष करने लगे। स्थिति तनावपूर्ण होते ही पुलिस ने मोर्चा संभाला। मुस्लिम पक्ष के प्रबुद्ध लोग पहुंचे और तत्काल सभी को वहां से हटाया गया। मुस्लिम समुदाय के लोगों को दालमंडी की गली में भेज दिया गया।

मुस्लिम समाज के लोग सर्वे के दौरान होने वाली वीडियोग्राफी का विरोध कर रहे हैं। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव एम यासीन ने पहले ही कार्यवाही का विरोध करने का ऐलान किया था। उन्होंने बीमार होने का हवाला देकर मीडिया से बात करने से इन्कार किया। हालांकि इंतजामिया कमेटी के वकीलों ने कहा कि कानून की बात मानेंगे पर कुछ अलग होगा तो शिकायत करेंगे। मामले को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस पहले से अलर्ट है।

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यह है प्रकरण

दिल्ली की राखी सिंह सहित पांच अन्य की तरफ से सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में वाद दाखिल कर श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन व 1991 से पूर्व की स्थिति बहाल करते हुए आदि विश्वेश्वर परिवार के सभी विग्रहों को यथास्थिति में रखने की मांग की गई है। सुनवाई के दौरान वादी ने विग्रहों की वस्तुस्थिति जानने के लिए कोर्ट कमीशन की कार्यवाही शुरू कराने की दरख्वास्त की थी। इस प्रकरण में कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 10 मई तय की है।

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता पहुंचे

कमीशन की कार्रवाई के दौरान निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं की टीम पहुंची। वादी पक्ष से वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन, पंकज गुप्ता व शिवम शुक्ल भी मौके पर मौजूद रहे। हरिशंकर जैन ने अयोध्या राम मंदिर मुकदमे में भी हिंदू महासभा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में बहस की थी।

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पुलिस कमिश्नर अपनी निगरानी में रखवाएंगे साक्ष्य

कोर्ट कमिश्नर ने गुरुवार को अदालत में प्रार्थनापत्र देकर कमीशन के दौरान सुरक्षित स्थान और साक्ष्यों के रखने के लिए सुरक्षित जगह उपलब्ध कराने की गुहार लगाई थी। अदालत ने पुलिस आयुक्त को निर्देशित किया है कि वह कोर्ट कमिश्नर की मांगों पर उचित कार्रवाई कर अवगत कराएं।

सर्वे से पहले महिला ने सड़क पर पढ़ी नमाज

ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे से पहले एक चौंकाने वाली घटना हुई है। मस्जिद के बाहर ही सड़क पर एक महिला नमाज पढऩे के लिए बैठ गई। महिला ने बैरिकेडिंग के बाहर ही सड़क पर बैठकर नमाज पढऩा शुरू कर दिया। महिला की पहचान जैतपुरा की आयशा बीबी के रूप में हुई है। पुलिस महिला को मानसिक रूप से बीमार बता रही है। पुलिस ने उसके बैग की तलाशी ली तो उसमें से मानसिक समेत अन्य अस्पतालों की पर्ची के साथ ही देवी देवताओं की तस्वीरें भी मिलीं। इस दौरान किसी ने कोई भी विरोध नहीं किया। बाद में महिला के स्वजन को बुलाकर उसे उनके हवाले कर दिया गया।

सर्वे से पूर्व बड़ी संख्या में पहुंचे नमाजी

ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे से पूर्व जुमे की नमाज के लिए बड़ी संख्या में नमाजी पहुंच गए। उनकी संख्या इतनी पहली बार देखी गई। स्थानीय लोगों का कहना था कि आमतौर पर इतनी संख्या में लोग ईद की नमाज के लिए नहीं पहुंचे थे। इस बीच परिसर में भारी भीड़ होने पर मौलवी ने बाहर आकर यह सूचना दी कि अब अंदर स्थान नहीं है, इसलिए शेष लोग अन्य मस्जिदों में जाकर नमाज पढ़ें। नमाजियों की लाइन चौक थाने तक पहुंच गई थी।

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