Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
तीन उड़ानों से स्वदेश लाए जा रहे सूमी से निकाले गए छात्र. - श्रीनारद मीडिया

तीन उड़ानों से स्वदेश लाए जा रहे सूमी से निकाले गए छात्र.

तीन उड़ानों से स्वदेश लाए जा रहे सूमी से निकाले गए छात्र.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

युद्धग्रस्त यूक्रेन के शहर सूमी से निकाले गए लगभग 600 भारतीय छात्रों के समूह को तीन उड़ानों के जरिये स्वदेश लाया जा रहा है। ये उड़ानें शुक्रवार सुबह भारत पहुंचेंगी। ये छात्र गुरुवार को पोलैंड पहुंचे थे। छात्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, उन्हें लाने के लिए तीनों उड़ानें पोलैंड के शहर रेजजो से संचालित की जा रही हैं।

कार्यक्रम के मुताबिक वहां से पहली उड़ान गुरुवार को भारतीय समयानुसार रात नौ बजे निर्धारित थी। इस उड़ान से पहले, दूसरे और तीसरे वर्ष के छात्रों को लाया जा रहा है। दूसरी उड़ान रात 10.30 बजे निर्धारित थी और इससे चौथे और पांचवे वर्ष के छात्रों को लाया जा रहा है। तीसरी उड़ान रात 11.30 बजे निर्धारित थी और इसमें पांचवे और छठे वर्ष के छात्रों के साथ-साथ ऐसे छात्रों को लाया जा रहा है जिनके साथ उनके पालतू जानवर हैं या जो पहले वहां छूट गए थे।

मालूम हो कि सूमी से इन छात्रों को मंगलवार को बसों से नजदीकी शहर पोल्टावा लाया गया था। वहां से वे विशेष ट्रेन के जरिये पश्चिमी यूक्रेन के शहर लवीव पहुंचे थे। लवीव से उन्हें एक और विशेष ट्रेन के जरिये पोलैंड सीमा तक पहुंचाया गया।

119 भारतीयों और 27 विदेशियों को लेकर पहुंचा वायुसेना का विमान

यूक्रेन के पड़ोसी देश रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से 119 भारतीयों और 27 विदेशियों के लेकर भारतीय वायुसेना का एक विमान गुरुवार सुबह करीब 5.40 बजे गाजियाबाद स्थित हिंडन वायुसैनिक हवाई अड्डे पर उतरा। यूक्रेन से निकाले गए भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए वायुसेना की यह 17वीं उड़ान थी।

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ा हुआ है और इसकी तपिश पूरे विश्व में महसूस की जा रही है। युद्ध की विभीषिका के गंभीर नतीजे तो देर-सवेर कुछ न कुछ सभी देशों को भुगतना पड़ेगा, लेकिन फिलहाल इसका सीधा असर भारत-अमेरिका हवाई मार्ग पर देखने को मिल रहा है। इस रूट पर प्रतिदिन 500 सीटें युद्ध की भेंट चढ़ गई हैं।

दरअसल, यूक्रेन युद्ध की वजह से हवाई क्षेत्र बंद होने और नो-फ्लाई जोन के चलते अमेरिका की यूनाइटेड एयरलाइंस ने मुंबई और नई दिल्ली से नेवार्क और सैन फ्रांसिस्को की अपनी उड़ानें अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी हैं। इसके चलते दोनों देशों के बीच इस रूट पर 500 सीटें कम हो गई हैं। इस रूट पर दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें बंद होने से यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है। अमेरिका जाने के लिए उन्हें किसी तीसरे देश के रास्ते से जाना पड़ रहा है। इससे समय अधिक लगने के साथ ही एक तरफ से 70 हजार रुपये से ज्यादा किराया देना पड़ रहा है।

उद्योग जगत से जुड़े लोगों का कहना है कि कोरोना के चलते पहले ही उन्हें भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। अब यूक्रेन युद्ध ने और मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। हाल ये है कि भारत और अमेरिकी के जिन कुछ शहरों के बीच अभी सीधी उड़ानें हैं भी उनमें अगले दो हफ्ते के लिए कोई टिकट नहीं है। मुसीबत यह है कि इस समय बबल व्यवस्था के तहत उड़ानें संचालित हो रही हैं। इसके तहत किसी एक शहर से दूसरे शहर के बीच ही यात्रा की जा सकती है। बबल व्यवस्था के तहत किसी तीसरे देश से होते हुए यात्रा करने की अनुमति नहीं है। परंतु, सीधी फ्लाइट में टिकट नहीं होने से यात्रियों को उन फ्लाइट में टिकट बुक कराने को मजबूर होना पड़ रहा है जो भारत और अमेरिकी के बीच किसी अन्य देश में रुकती हैं यानी उन्हें यात्रा ब्रेक करनी पड़ रही है।

कोरोना के चलते अभी नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित नहीं हो रही हैं। बबल व्यवस्था के तहत संचालित होने वाली उड़ानों की संख्या भी बहुत सीमित है। भारत ने 37 देशों के साथ द्विपक्षीय बबल व्यवस्था की है। इसके तहत जो रूट निर्धारित किए गए हैं, उन पर भी उड़ानों की संख्या बहुत सीमित है। इसकी वजह से भी यात्रियों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, यात्रियों को इस मुसीबत से जल्द ही राहत मिलने की उम्मीद है। सरकार ने इस महीने के आखिरी हफ्ते से नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने का फैसला किया है।

Leave a Reply

error: Content is protected !!