शिविर में सेवा और अनुशासन का पाठ सीखेंगे विद्यार्थी

शिविर में सेवा और अनुशासन का पाठ सीखेंगे विद्यार्थी

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के वार्षिक शिविर का शुभारंभ

WhatsApp Image 2025-08-14 at 5.25.09 PM
01
previous arrow
next arrow
WhatsApp Image 2025-08-14 at 5.25.09 PM
01
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, हरियाणा

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय सेवा योजना के वार्षिक शिविर का भव्य शुभारंभ किया गया। विद्यार्थी इस शिविर के दौरान खेल संसाधनों का प्रबंधन और उनका रखरखाव करेंगे। इसके अलावा शिविर के दौरान उन्हें कई अन्यगतिविधियों के माध्यम से सिखाया जाएगा।

मुख्य अतिथि के रूप में कुलसचिव प्रोफ़ेसर ज्योति राणा ने शिविर का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि एनएसएस में विद्यार्थियों को सेवा और अनुशासन सीखने को मिलता है। शिविर के पश्चात विद्यार्थियों को इसे अमल में लाना चाहिए, तभी समाज को असली लाभ होगा। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने विद्यार्थियों को सेवा के माध्यम से देश और समाज में अपना योगदान सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया।

अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर सुरेश कुमार ने कहा कि स्वयंसेवकों के लिए यह सुनहरा अवसर है। साथ ही उन्हें शिक्षकों से प्राप्त ज्ञान का सही उपयोग करने की प्रेरणा दी।अधिष्ठाता प्रोफेसर आर. एस. राठौड़ ने 21वीं सदी में आवश्यक कौशलों पर चर्चा की और बताया कि राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क के तहत अगले वर्ष से इस प्रकार के शिविरों के लिए छात्रों को शैक्षणिक क्रेडिट भी प्रदान किए जाएंगे।

डीन प्रो. जॉय कुरियाकोस ने एनएसएस के आदर्श वाक्य “ना मैं, बल्कि तुम” पर जोर देते हुए सेवा भाव को प्रोत्साहित किया। डीन प्रोफेसर ऋषिपाल ने भी विद्यार्थियों को सेवा कार्यों के लिए प्रोत्साहित किया।

डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रोफेसर कुलवंत सिंह ने स्वयंसेवकों द्वारा खेल मैदान की सफाई की पहल की सराहना करते हुए महात्मा गांधी के कथन “स्वयं को खोजने का सर्वश्रेष्ठ तरीका यह है कि स्वयं को दूसरों की सेवा में खो दिया जाए” को उद्धृत किया। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों द्वारा इस शिविर के दौरान रक्त दान शिविर का आयोजन भी किया जाएगा।

शिविर के सफल आयोजन की संपूर्ण व्यवस्था एनएसएस समन्वयक डॉ. नकुल, डॉ. प्रीति और डॉ. सोहन लाल द्वारा की गई, जबकि मंच संचालन डॉ. भावना ने किया। अंत में डॉ. नकुल ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया और आश्वस्त किया कि स्वयंसेवक इस शिविर के अंत तक अपने व्यक्तित्व का एक उन्नत संस्करण बन जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!