दो महीने में नौ सौ से अधिक मामले को सुबोध कुमार ने किया निष्पादित
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
समाचार में संलग्न तस्वीर गया जिला के जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सुबोध कुमार सर की है।इन्होंने महज दो महीने में लगभग एक हजार.दो सौ से अधिक मामले में 900 से अधिक मामले निष्पादित कर बिहार में इतिहास रच दिया है l इन्होंने यह दिखा दिया है कि सरकार ने जो लोक शिकायत अधिकार अधिनियम बनाया है,उससे जनता की समस्याओं का निवारण कैसे कराया जाता है।
इन्होंने अपने आदेश से गया जिला प्रशासन के दर्जनों अधिकारियों को आर्थिक दंड देते हुए विभागीय कार्यवाही की अनुशंसा तक कर डाली , हाल ही में एक अभिभावक के शिकायत पर गोयनका स्कूल के संचालक को कानून का पाठ पढ़ाया l फाइलें वहीं लंबित होती है जहाँ पर निजी स्वार्थ होता है। जहां निजी स्वार्थ ना हो वहां ऐसे ही फटाफट डिस्पोजल होती है l
सर ने इंटरव्यू में कहा है कि हमें जो वेतन मिलता है ,वह जनता से टैक्स के रूप में वसूल किया जाता है।आपको यह मालूम होना चाहिए कि इन्हीं के द्वारा मुख्यमंत्री को लोक संवाद में दी गयी सलाह पर सरकार ने पारिवारिक बंटवारे के निबंधन के लिए 100₹ स्टांप पेपर का प्रावधान किया है।इन्होंने इस पद पर आने के पूर्व से ही अनगिनत लोगों को भूमि विवाद के संबंध में अमूल्य और नि:शुल्क सुझाव दिए हैं।
सर का अपना एक ब्लाग भी है और ये भूमि संबधी पेचिदगियों के संबंध में यूट्यूब पर भी इनकी वीडियो हैं।ये कानून व्यवस्था में हमेशा से भूमि विवाद को सबसे बड़ा कारण मानते रहे हैं।इन्होंने भूमि विवाद के संबंध में एक पुस्तक भी लिखी हैं,जो कि सरकार के अनुमति की प्रतीक्षा में ड्राफ्ट में है।इनकी कार्यशैली को देखकर यह नि:संकोच कहा जा सकता है कि सरकार इन्हें जहाँ भी बैठा दे,जो पद दे दे, वहीं पर इतिहास रच कर जाते हैं ।इनकी ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठता के बारे में जितना भी कहूं शायद कम ही होगा l
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