गंगा तट पर अवैध अतिक्रमण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र और बिहार सरकार से चार हफ्ते में मांगी रिपोर्ट
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पटना में गंगा नदी के किनारे हो रहे अवैध अतिक्रमणों को लेकर सख्त रुख अपनाया है। न्यायालय ने केंद्र सरकार और बिहार सरकार को चार हफ्तों के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है, जिसमें यह बताया जाए कि अब तक अतिक्रमण हटाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं और भविष्य में क्या कार्य योजना है।
कोर्ट ने कहा कि गंगा के तटीय क्षेत्रों की सुरक्षा और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि अवैध निर्माणों और कब्जों को तत्काल हटाया जाए।
न्यायालय ने यह भी टिप्पणी की कि देश की प्रमुख नदियों में से एक गंगा न सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि करोड़ों लोगों की जीवनरेखा भी है। ऐसे में तटों पर हो रहा अतिक्रमण न केवल नदी की प्राकृतिक धारा को प्रभावित करता है, बल्कि बाढ़ जैसी आपदाओं का खतरा भी बढ़ाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने दोनों सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि अगले चार हफ्तों में एक संयुक्त रिपोर्ट दाखिल कर यह बताया जाए कि तटीय क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जा रहे हैं और भविष्य की रणनीति क्या है।
कोर्ट का यह निर्देश एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान आया, जिसमें गंगा किनारे हो रहे तेजी से अतिक्रमण की ओर ध्यान दिलाया गया था।
यह मामला अब अगले चार हफ्तों के बाद फिर से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।