श्रद्धापूर्वक मनायी गयी स्वामी विवेकानंद की जयंती

श्रद्धापूर्वक मनायी गयी स्वामी विवेकानंद की जयंती
श्रीनारद मीडिया‚ सीवान (बिहार)

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महाराजगंज प्रखंड के उत्क्रमित राजकीय मध्य विद्यालय,पोखरा में शिक्षक सहित पूर्व शिक्षा समिति सचिव सह भाजपा नेता दिलीप कुमार सिंह ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए भारतीय मनीषी स्वामी विवेकानंद जी की जयंती युवा दिवस के रुप में मनायी गयी।

इस अवसर पर उनके चित्र पर माल्यार्पण किया गया और उन्हें एक प्रखर राष्ट्रवादी और महान देशभक्त बताया गया। बीजेपी नेता दिलीप सिंह ने स्वामी विवेकानंद को हिन्दू संस्कृति के आध्यात्मिक गुरु बताते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद जी के बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था।उनका जन्म 12 जनवरी 1863 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक कायस्थ परिवार में हुआ था।

उन्होंने श्री रामकृष्ण परमहंस से शिक्षा प्राप्त की।उन्होंने बताया कि श्री रामकृष्ण परमहंस जी ने बालक नरेन्द्रनाथ दत्त के प्रतिभा को देखते हुए ही उनका नाम स्वामी विवेकानंद रखा। आगे चलकर उन्होंने पूरे विश्व में हिन्दू धर्म को पूरे विश्व में प्रतिष्ठित किया। 1893 में विश्व धर्म महासभा में अमेरिका के शिकागो में शामिल होकर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा था कि भारत की संस्कृति दुनिया की संस्कृति से महान है।

उन्होंने अपना उद्गगार शून्य से शुरू कर तीन दिनों तक बोलते रह गए। रवीन्द्र नाथ टैगोर जी ने कहा था कि भारत को समझना है तो स्वामी विवेकानंद जी को समझना होगा।वहीं स्वामी विवेकानंद ने उठो जागो और तब तक चलते रहे जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए का मंत्र युवाओं को दिया था।

आज भारत अपनी आजादी के अमृत महोत्सव माना रहा है। ऐसे में स्वामी विवेकानंद जी कि जयंती भारत और भारत के युवाओं सहित समाज के लिए प्रासंगिक हैं।इस मौके पर उत्क्रमित मध्य विद्यालय, पोखरा के शिक्षक सगीर अहमद,अमानिका कुमारी, रिंकू कुमारी,नीरज कुमार सिंह आदि मौजूद थे।

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भारत का अप्रतिम सौंदर्य स्वामी विवेकानंद से सामने प्रकट हुआ।

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