सारण में कालाजार उन्मूलन को लेकर सिंथेटिक पैराथायराइड का होगा छिड़काव
• 21 जुलाई से 60 दिनों तक चलेगा छिड़काव अभियान
• फील्ड वर्कर और ग्रामीण चिकित्सकों को दिया जायेगा प्रशिक्षण
• सारण जिले के 158 पंचायतों के 248 गांवों में होगा छिड़काव
श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर, सारण (बिहार):
छपरा जिले में कालाजार उन्मूलन के प्राप्त लक्ष्य को सस्टेन करने तथा कालाजार के रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रयारसत है। इस दिशा में जिले छिड़काव अभियान की शुरूआत की जायेगी। इसको लेकर 21 जुलाई से 60 दिनों तक छिड़काव अभियान प्रस्तावित है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने पत्र जारी कर सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों और वीबीडीएस को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। निर्देश दिया गया है कि अभियान के पूर्व फील्ड वर्करों और ग्रामीण चिकित्सकों को प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाये। इसके साथ हीं सभी जरूरी उपकरणें की मरम्मती कराकर तैयार रखा जाये।
छिड़काव के तीन माह तक दीवारों का रंगरोगन या लिपाई पोताई नहीं करें:
डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि कालाजार उन्मूलन के लिए आईआरएस कार्यक्रम के तहत सिथेटिक पाराथाईराइड का छिड़काव किया जाता है। गर्मी और बरसात के मध्य कालाजार के प्रकोप की संभावना बढ़ जाती है। बालू, मक्खी मिट्टी वाले घरों की दीवारों, गौशाला तथा गंदी जगहों पर पाये जाते हैं। रोकने के लिए साल में दो बार सिथेटिक पाराथाइराइड का छिड़काव किया जाता है। छिड़काव से पूर्व घरों की अंदरूनी दीवारों में मौजूद छिद्र को बंद कर दें। घर के सभी कमरों की दीवारों पर छह फुट तक छिड़काव कराया जाना चाहिए। कीटनाशक के छिड़काव के दो घंटे बाद घर या कमरे में जाए। छिड़काव से पहले खाने की वस्तुएं, कपड़े व बर्तन सहित अन्य आवश्यक सामान को हटा देना चाहिए। रसायन छिड़काव के तीन माह तक दीवारों का रंगरोगन या लिपाई पोताई नहीं करनी है।
158 पंचायतों के 248 गांवों में होगा छिड़काव:
वीडीसीओ सतीश कुमार ने बताया कि जिले के 158 पंचायतों के 248 गांव में कालाजार नियंत्रण को लेकर सिंथेटिक पैराथायराइड का छिड़काव किया जायेगा। साथ हीं शहरी क्षेत्र के 9 वार्डों में छिड़काव किया जायेगा। जिले में 8 लाख 64 हजार 906 जनसंख्या के 1 लाख 65 हजार 456 घरों को लक्षित किया जायेगा। अभियान के सफलता को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों और छिड़काव कर्मियों का प्रशिक्षण का कैंलेंडर जारी कर दिया गया है। सभी का प्रशिक्षण किया जाना है।
क्या है कालाजार:
कालाजार मादा सैंड फ्लाइ के काटने से होती है। यह एक जानलेवा बीमारी है। लंबे समय तक बुखार, तिल्ली एवं जिगर बढ़ जाना, खून की कमी व वजन के घटने जैसे लक्षणों के साथ त्वचा का रंग काला पड़ जाता है। समय पर समुचित इलाज करा कर इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है। जिले में कालाजार संभावित स्थलों की पहचान कर कीटनाशक का छिड़काव कराया जा रहा है। सदर अस्पताल में कालाजार के इलाज की व्यवस्था है।
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