तमिलनाडु सरकार ने हिंदी से घृणा के कारण बजट से रुपये का चिह्न हटाया
तमिल निवासी डी. उदयकुमार ने रुपये का सिंबल ‘₹’ डिजाइन किया था
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
स्टालिन सरकार ने ‘ரூ’ सिंबल से रिप्लेस किया
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को भारत के विकास के बजाय हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाया गया है। यह शिक्षा नहीं बल्कि भगवा नीति है।
नई शिक्षा नीति को लागू करना असंभव: त्यागराजन
15 जुलाई 2010 को चुना गया था ‘₹’ सिंबल
उन्होंने दावा किया कि 1968 के बाद शुरू की गई शिक्षा नीतियों में दक्षिण भारतीय भाषाओं को सीखने की सिफारिश की गई थी। मगर योग्य शिक्षकों की कमी के कारण यह नीति 20 साल के भीतर हिंदी भाषी राज्यों में विफल हो गई। भाजपा के तमिलनाडु अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने मंत्री त्यागराजन की आलोचना की। उन्होंने दावा किया कि त्यागराजन के बेटों ने अंग्रेजी और एक विदेशी भाषा में पढ़ाई की तो वे इस नीति को रोकने का नाटक क्यों कर रहे हैं?
तमिल निवासी डी. उदयकुमार ने रुपये का सिंबल ‘₹’ डिजाइन किया था
किसने बनाया था रुपये का डिजाइन
रुपये के सिंबल ‘₹’ को उदयकुमार धर्मलिंगम ने डिजाइन किया था। उनका जन्म 10 अक्टूबर 1978 को तमिलनाडु के कल्लाकुरिची में हुआ था। वह देश के नामी डिजाइनर और शिक्षाविद हैं। उदयकुमार इस वक्त आईआईटी गुवाहाटी में डिपार्टमेंट ऑफ डिजाइन के हेड हैं।
2010 में चुना गया डिजाइन
- इन सभी में से अंत में 5 डिजाइन को फाइनल किया गया था। 2010 में जब उदयकुमार धर्मलिंगम आईआईटी गुवाहाटी में अपनी नौकरी शुरू करने ही जा रहे थे, तभी उनके डिजाइन को रुपये के सिंबल के रूप में चुन लिया गया था। सरकार ने 15 जुलाई 2010 को जनता के सामने ‘₹’ सिंबल को पेश किया।
- उदयकुमार के पिता और तत्कालीन डीएमके विधायक एन धर्मलिंगम ने अपने बेटे के डिजाइन के चुने जाने पर खुशी जताई थी और कहा था कि यह उनके लिए बेहद गर्व का पल है। उन्होंने इसे तमिलनाडु के गौरव की बात बताई थी।
‘₹’ सिंबल तिरंगे से प्रेरित
अपनी जीत के बाद उदयकुमार धर्मलिंगम ने बताया था कि उनका डिजाइन देवनागरी के ‘र’ और रोमन अक्षर ‘R’ को मिलाकर बनाया गया है। उन्होंने इस तिरंगे से प्रेरित भी बताया था। उदयकुमार ने कहा था कि इसकी क्षैतिज रेखा समानता को दर्शाती है। भाजपा ने स्टालिन सरकार पर सिंबल बदलने को लेकर निशाना साधा है। तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने कहा कि यह राष्ट्रीय प्रतीक की अवहेलना है। वहीं भाजपा नेता तमिलिसाई सुंदरराजन ने कहा कि स्टालिन को अपना नाम बदलकर भी तमिल नाम रखना चाहिए।