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शिक्षक नेता केदारनाथ पांडेय ने कैलगढ़ हाइ स्कूल को दी सांस्कृतिक पहचान - श्रीनारद मीडिया

शिक्षक नेता केदारनाथ पांडेय ने कैलगढ़ हाइ स्कूल को दी सांस्कृतिक पहचान

शिक्षक नेता केदारनाथ पांडेय ने कैलगढ़ हाइ स्कूल को दी सांस्कृतिक पहचान

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* स्व पांडेय का कैलगढ़ से रहा है गहरा नाता

* स्व पांडेय ने दो दशकों तक श्रीकृष्ण उच्च विद्यालय में किया अध्यापन

श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):

सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से लगातार चार बार विधान पार्षद पद पर निर्वाचित होकर सड़क से सदन तक शिक्षकों की आवाज उठाने वाले शिक्षक नेता केदारनाथ पांडे के निधन से शिक्षकों में शोक की लहर है। लेकिन सीवान जिला के बड़हरिया प्रखंड के न केवल शिक्षक बल्कि आमलोग भी उनके निधन से भावविह्वल हैं।

बड़हरिया प्रखंड कैलगढ़,मुसेहरी,शिवधरहाता,हलीम टोला, सुंदरी,लकड़ी,रोहड़ा, सियाड़ीकर्ण सहित प्रखंड के पश्चिमी इलाके के लोगों शोकाकुल होना स्वाभाविक है। क्योंकि इस इलाके से शिक्षक नेता स्व पांडे का गहरा नाता रहा है।दरअसल, स्व पांडेय ने श्रीकृष्ण हाई स्कूल कैलगढ़ में करीब दो दशक तक शिक्षण कार्य किया।

बतौर शिक्षक केदारनाथ पांडे की इलाके में इतनी गहरी छाप थी कि पूरे क्षेत्रवासी उन्हें आज भी गुरुजी कहते हैं। क्षेत्रवासियों का कहना है कि कई साहित्यिक विधाओं में पारंगत स्व पांडेय ने हाइ स्कूल को सांस्कृतिक पहचान प्रदान की। इस हाई स्कूल को कार्यक्रमों का केंद्र बनाने वाले स्व पांडेय ने विद्यालय स्तर न केवल नाटकों की किताबें लिखीं बल्कि अपने दिशानिर्देश में इनका सफल मंचन भी होता रहा।

माध्यमिक शिक्षक संघ पटना के राज्याध्यक्ष व  विधान पार्षद केदारनाथ पांडेय का निधन दिल्ली के मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान हार्ट अटैक से हो गया। इस बात की जानकारी मिलते ही इस क्षेत्र के लोग शोकाकुल हो गये।

विधान पार्षद केदारनाथ पांडे ने कई पुस्तकों का लेखन व संपादन किया।जिसकी शुरुआत उन्होंने यहीं से की थी। उनकी प्रकाशित कृतियों में हिन्दी नाटक पृथ्वीराज चौहान, कैकेयी, गुरु दक्षिणा,वीर शिवाजी, भोजपुरी नाटक ‘शुरुआत’ सहित अन्य शामिल है।अन्य पुस्तकों में ‘मैल धुल जाने के गीत’, शिक्षा के सामाजिक सरोकार, शिक्षा को आंदोलन बनाना होगा, ‘यादों के पन्ने’, बीते दौर के भी गीत गाये जायेंगे,महाकाल की भस्म आरती के अलावे अनेक पुस्तकों का लेखन व संपादन किया।

उनके शिष्य सह ‘प्रभात खबर’, ‘हिंदुस्तान’ व ‘राष्ट्रीय सहारा’ के संपादक रहे लेखक और साहित्यकार ओमप्रकाश अश्क ने बताया कि स्व पांडेय द्वारा रचित पृथ्वीराज चौहान,वीर शिवाजी, शुरुआत आदि नाटकों का सफल मंचन सरस्वती पूजनोत्सव पर पहली बार श्रीकृष्ण हाई स्कूल कैलगढ़ में हुआ था।

उन्होंने बताया कि पृथ्वीराज चौहान नाटक में उन्होंने पृथ्वीराज चौहान व वीर शिवाजी में नायक की भूमिका निभाई थी। श्री अश्क उन्हें अपना मानस पिता मानते हैं और कहते हैं कि उन्होंने पांडेय जी बहुत कुछ सीखा है,बल्कि उनके मुन्ना मास्टर से संपादक बनने में उनकी बड़ी भूमिका रही है।

इस इलाके के निवासी शिक्षा विभाग के सहायक निदेशक आर चंद्रा, राजन पांडे, लक्ष्मण प्रसाद सहित उनके ढेरों शिष्य उनके नाटकों और साहित्यिक गतिविधियों की उपज हैं। वहीं शिक्षा विभाग के सहायक निदेशक आर चंद्रा ने बताया कि स्व पांडेय ने ही उनमें लेखन,मंचन आदि नींव रखी थी,जो आज मुखरित होती रहती है। श्री चंद्रा उनसे जुड़े संस्मरणों को सुनाकर रोमांचित और भावविह्वल हो जाते हैं. शिक्षाविद, चिंतक व समाजसेवी केदारनाथ पांडेय की याद करते हुए उनके शिष्य रामाधार सिंह, मुखिया चंद्रमा राम,अमरेंद्र गिरि उर्फ सुकुल जी आदि भावुक हो गये।

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