भारतीय विश्वविद्यालय संघ ने अल फलाह विश्वविद्यालय की सदस्यता निलंबित कर दी है

भारतीय विश्वविद्यालय संघ ने अल फलाह विश्वविद्यालय की सदस्यता निलंबित कर दी है

अब स्टूडेंट्स का क्या होगा?

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार धमाके में फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े लोगों का नाम सामने आ रहा है। ऐसे में अब यूनिवर्सिटी के ऊपर भी ऐक्शन होना शुरू हो गया है। भारतीय विश्वविद्यालय संघ ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी की सदस्यता को रद्द कर दिया। संघ ने एक आधिकारिक पत्र के जरिए इस निर्णय की जानकारी दी।

भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) ने हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी की सदस्यता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह फैसला दिल्ली के लाल किला धमाके की जांच और इससे जुड़े आतंकी मॉड्यूल के खुलासे के बाद लिया गया है, जिसमें विश्वविद्यालय से जुड़े दो डॉक्टरों की गिरफ्तारी हुई थी। AIU ने स्पष्ट किया है कि यह कदम विश्वविद्यालय की स्थिति को लेकर खड़े सवालों के बाद उठाया गया है।

10 नवंबर, 2025 की शाम को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए बम धमाके की जांच के दौरान दिल्ली पुलिस और अन्य एजेंसियों ने एक ‘व्हाइट-कॉलर जिहाद’ आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया। इस जांच में हरियाणा के फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े दो डॉक्टरों की गिरफ्तारी हुई। ये डॉक्टर कथित रूप से धमाके में शामिल थे और आतंकी गतिविधियों से जुड़े पाए गए। यूनिवर्सिटी ने इन गिरफ्तारियों के बाद एक आधिकारिक बयान जारी कर खुद को इससे अलग करते हुए कहा था कि यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना’ है और वह पूर्ण सहयोग करने को तैयार है।

बता दें, राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) द्वारा अल-फलाह विश्वविद्यालय को फर्जी मान्यता दिखाने के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।

इस नोटिस में कहा गया है कि फरीदाबाद स्थित विश्वविद्यालय न तो मान्यता प्राप्त है और न ही ए एंड ए के लिए चक्र-1 के लिए स्वेच्छा से शामिल है, जैसा कि उनकी वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से दिखाया गया था। “अल-फलाह विश्वविद्यालय, अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट का एक हिस्सा है, जो परिसर में तीन कॉलेज चला रहा है।

चर्चा में क्यों अल-फलाह विश्वविद्यालय?

ये एक एक निजी संस्थान है। अल-फलाह विश्वविद्यालय (एएफयू), अपने दो संकाय सदस्यों – डॉ. उमर उन नबी और डॉ. मुजम्मिल शकील – की दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार विस्फोट के कथित मास्टरमाइंड के रूप में पहचान के बाद गहन जांच के दायरे में आ गया है।

एसोसिएशन ने (AL Falah University kahan hai) फरीदाबाद स्थित इस संस्थान को एआईयू का लोगो तत्काल प्रभाव से हटाने का भी आदेश दिया है। बयान में आगे कहा गया है, “इसके अलावा, यह सूचित किया जाता है कि अल-फलाह विश्वविद्यालय, फरीदाबाद, हरियाणा अपनी किसी भी गतिविधि में एआईयू के नाम या लोगो का उपयोग करने के लिए अधिकृत नहीं है, और एआईयू का लोगो विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट से तुरंत हटा दिया जाना चाहिए।”

वेबसाइट हुई बंद

एआईयू द्वारा अल-फलाह विश्वविद्यालय की सदस्यता रद्द करने के बाद, विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट (alfalahuniversity.edu.in), जो देर दोपहर तक चालू थी, अब बंद कर दी गई है।

छात्र फिलहाल UGC और AICTE से मान्यता प्रमाणपत्र लेकर भारतीय विश्वविद्यालयों या सरकारी नौकरियों में आवेदन कर सकते हैं. लेकिन विदेशी एडमिशन के लिए उन्हें AIU समकक्ष सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा. इससे बाहर पढ़ाई मुश्किल हो जाएगी. विशेषज्ञ मानते हैं कि यूनिवर्सिटी को अब सुधारात्मक कदम उठाकर AIU से सदस्यता पुनः प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए.

जांच एजेंसियों के मुताबिक अल-फलाह यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग नंबर 17 आतंकियों की गुप्त बैठकों का केंद्र थी. बताया जा रहा है कि ये मीटिंग्स रूम नंबर 13 में होती थीं, जहां दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में सीरियल ब्लास्ट की योजना बनाई जा रही थी.

AIU ने क्या कहा? क्यों रद्द हुई सदस्यता?

अल-फलाह यूनिवर्सिटी को अपनी किसी भी गतिविधि में AIU का नाम या लोगो इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है. विश्वविद्यालय की वेबसाइट से तुरंत AIU का लोगो हटाया जाए. AIU के अनुसार यह फैसला संस्था की “Good Standing” नीति के तहत लिया गया है. अगर किसी यूनिवर्सिटी का नाम किसी विवाद, आपराधिक जांच या फर्जी गतिविधि में सामने आता है, तो उसकी सदस्यता निलंबित या समाप्त की जा सकती है.

AIU क्या है और क्यों है इतनी अहम संस्था?

AIU यानी Association of Indian Universities भारत की सबसे पुरानी उच्च शिक्षा संस्था है, जो 1925 में स्थापित हुई थी. यह संस्था भारत के सभी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों (केंद्रीय, राज्य, डीम्ड, निजी, ओपन) का प्रतिनिधित्व करती है और विदेशी डिग्रियों की समानता (Equivalence) तय करती है.

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