गुरु पूर्णिमा पर ‘अंतर्ध्वनि’ पुस्तक का हुआ लोकार्पण, साधकों में उत्साह
— ध्यान, संवाद व आत्मिक यात्रा को समर्पित पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम संपन्न
श्रीनारद मीडिया, के के सिंह सेंगर, छपरा (बिहार):
गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर गुरुवर आचार्य श्री सत्येन्द्र जी महाराज द्वारा रचित आध्यात्मिक कृति ‘अंतर्ध्वनि — संवाद से समाधि तक’ का लोकार्पण समारोह पूर्वक संपन्न हुआ। यह लोकार्पण निर्वाण संघ के इसुआपुर स्थित ध्यान कक्ष के बाबा लाल दास जी के मठिया के प्रांगण में आयोजित हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में साधकगण शामिल रहे।
इस पुस्तक में साधकों द्वारा पूछे गए जिज्ञासात्मक प्रश्नों पर गुरुवर ने विस्तृत चर्चा की है। साथ ही ध्यान विधियों, आत्म-अन्वेषण एवं आत्म-जागरण की दिशा में उपयोगी मार्गदर्शन भी इस ग्रंथ का प्रमुख अंग है। ‘अंतर्ध्वनि’ न केवल एक पुस्तक है, बल्कि यह चेतना की उस पुकार का उत्तर है जो साधक को भीतर की ओर मोड़ती है।
कार्यक्रम में निर्वाण संघ के अध्यक्ष राजेश प्रसाद, त्रिभुवन चतुर्वेदी, उद्घोषक सनोज मेहरा, पप्पू कुमार, श्याम जी, उमेश उमंग, सानू जी, रविन्द्र बैठा, विभा कुमारी, जितेंद्र कुमार सहित अनेक साधक उपस्थित रहे। सभी ने ‘अंतर्ध्वनि’ की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए इसे आत्मिक पथ का प्रकाश स्तंभ बताया।
इस अवसर पर गुरुवर श्री सत्येंद्र जी महाराज ने अपने संदेश में कहा कि
यह ग्रंथ आत्मा की पुकार है, चेतना की प्रतिध्वनि है। आपने जिस निर्मल भाव से इसे अपनाया है, वही भाव आपको संवाद से समाधि तक की यात्रा में पथप्रदर्शक बनेगा। यही गुरुकृपा है, यही आशीर्वाद है। आत्मदीप बनें, उजास फैलाएं।
इस दौरान सनोज मेहरा, योगेंद्र पांडेय, गीतांजलि रथ, कुंज अग्रवाल, लाल बहादुर गिरि, मेहुल सोलंकी, राजेश मित्तल, ज्ञानचंद यादव, डॉ. उमेश उमंग, विभा कुमारी, श्रीभगवान शर्मा, रविश कुमार सानू सहित कुल 40 श्रद्धालु साधकों ने पुस्तक की अपनी-अपनी प्रतियां ससम्मान प्राप्त किया। आयोजकों की ओर से सभी सहयोगियों को हृदय से धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
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