Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
सामने आया तालिबान का दोहरा चरित्र, इसके पीछे हो सकता है चीन और पाकिस्‍तान. - श्रीनारद मीडिया

सामने आया तालिबान का दोहरा चरित्र, इसके पीछे हो सकता है चीन और पाकिस्‍तान.

सामने आया तालिबान का दोहरा चरित्र, इसके पीछे हो सकता है चीन और पाकिस्‍तान.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

तालिबान सरकार के गठन से पहले ही उसका दोहरा चरित्र भी सामने आ रहा है। दरअसल, ऐसा कश्‍मीर पर दिए उसके ताजा बयान की वजह से है। ये बयान तालिबान के प्रवक्‍ता सुहैल शाहीन ने दिया है। उसने कहा है कि तालिबान के पास कश्‍मीर के मुसलमानों के लिए आवाज उठाने का अधिकार है। ये बयान ऐसे समय में आया है जब तालिबान की भारत से सीधी बातचीत हुई है। वहीं कुछ दिन पहले तालिबान के सहयोगी हक्‍कानी ग्रुप के अनस हक्‍कानी ने ये साफ कर दिया था कि तालिबान कश्‍मीर मसले पर कोई हस्‍तक्षेप नहीं करेगा। ऐसे में तालिबान का ये बयान भारत की चिंता को बढ़ाने वाला साबित हो सकता है। पाकिस्‍तान पहले ही ये बात कह चुका है कि तालिबान कश्‍मीर की उसकी नापाक मुहिम में साथ देगा।

अपने बयान में सुहैल ने कहा है कि तालिबान भारत से कहेगा कि कश्‍मीर के लोग आपके अपने हैं जो आपके कानून के मुताबिक समान हक रखते हैं। आपको यहां पर ये भी बता दें कि तालिबान के एक और प्रवक्‍ता जबीहुल्‍ला मुजाहिद ने कुछ समय पहले कश्‍मीर पर दिए अपने बयान में कहा था कि वो इस पर सकारात्‍मक रुख अपनाएंगे। उनके मुताबिक इस मसले को बातचीत के जरिए हल करने की जरूरत है। ये दोनों देशों के हितों से जुड़ा हुआ मसला है। कश्‍मीर को लेकर तीसरा बयान हाल ही में अलकायदा ने भी दिया था। उसने कहा था कि अब उसकी मंजिल कश्‍मीर है। इन सभी बयानों के आधार पर माना जा रहा है कि कश्‍मीर में आतंकी गतिविधियों को हवा मिल सकती है।

वहीं दूसरी तरफ इस तरह के बयान तालिबान को भारत से दूर भी ले जा सकते हैं। ऐसे में तालिबानी नेता और भारत के बीच हुई वार्ता के कोई मायने नहीं रह जाते हैं। दोहा में हुई इस बातचीत में भारत ने तालिबान की पेशकश पर अपनी शर्तों पर बात की थी। इसमें भारत ने साफ कहा था कि अफगानिस्‍तान की धरती का इस्‍तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होना चाहिए। इस पर तालिबान की तरफ से सकारात्‍मक रवैया सामने आया था।

आपको बता दें कि यदि तालिबान भारत या कश्‍मीर को लेकर अपना रुख सही नहीं रखता है तो उसके लिए आने वाले समय में काफी बड़ी मुश्किल हो सकती है। ऐसा इसलिए भी है क्‍योंकि जहां भारत तालिबान के मु्द्दे पर विश्‍व बिरादरी के साथ खड़ा है वहीं विश्‍व बिरादरी कश्‍मीर के मुद्दे पर भारत के साथ है। तालिबान को अपनी सरकार को चलाने के लिए जिन चीजों की दरकार है उसमें न सिर्फ भारत बल्कि अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर उसका व्‍यवहार बड़ी भूमिका निभाएगा। तालिबान की तरफ से सुहैल शाहीन का बयान मुमकिन है कि पाकिस्‍तान और चीन के कहने पर ही आया हो।

Leave a Reply

error: Content is protected !!