एयरपोर्ट पर फंसे F-35 लड़ाकू विमान ने 38 दिन बाद भरी उड़ान

एयरपोर्ट पर फंसे F-35 लड़ाकू विमान ने 38 दिन बाद भरी उड़ान

37 दिन बाद F-35B की घर वापसी

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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ब्रिटिश नौसेना का लड़ाकू विमान एफ-35 आखिरकार ब्रिटेन के लिए रवाना हो गया है। लगभग एक महीने से भारत में खड़े रहे इस विमान ने आज तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे से उड़ान भरी है। ब्रिटिश नेवी का यह एअरक्राफ्ट HMS प्रिंस ऑफ वेल्स का हिस्सा है। इसने 14 जून को केरल के तिरुवनंतपुरम में इमरजेंसी लैंडिंग की थी। विमान में तकनीकी खराबी के कारण यह उड़ान नहीं भर सका था।

38 दिन पहले हुई इमरजेंसी लैंडिंग

बता दें कि नियमित उड़ान के दौरान फाइटर जेट का हाइड्रोलिक सिस्टम खराब हो गया था। ऐसे में विमान ने तिरुवनंतपुरम में इमरजेंसी लैंडिंग की परमीशन मांगी, जिसके बाद यह तिरुवनंतपुरम एअरपोर्ट पर सुरक्षित लैंड हुआ। भारतीय वायुसेना ने भी विमान को जरूरी मदद मुहैया कराई। विमान में ईंधन भरा गया। हालांकि, इसके बावजूद यह उड़ान नहीं भर सका।

38 दिन पहले हुई इमरजेंसी लैंडिंग

बता दें कि नियमित उड़ान के दौरान फाइटर जेट का हाइड्रोलिक सिस्टम खराब हो गया था। ऐसे में विमान ने तिरुवनंतपुरम में इमरजेंसी लैंडिंग की परमीशन मांगी, जिसके बाद यह तिरुवनंतपुरम एअरपोर्ट पर सुरक्षित लैंड हुआ। भारतीय वायुसेना ने भी विमान को जरूरी मदद मुहैया कराई। विमान में ईंधन भरा गया। हालांकि, इसके बावजूद यह उड़ान नहीं भर सका।

ब्रिटेन से आई टीम ने की रिपेयरिंग

आखिर में यूके रॉयल एअर फोर्स की एक टेक्निकल टीम भारत आई। कई दिनों तक एअरपोर्ट पर खड़े रहने के बाद इसे एअर इंडिया के हैंगर में ले जाया गया, जहां फाइटर जेट को ठीक करने का काम शुरू हुआ। पिछले एक महीने से भारत में खड़े इस विमान की तस्वीरें पूरी दुनिया में वायरल हो रही थीं।

ब्रिटेन ने कहा “शुक्रिया”

एफ-35 की वापसी पर ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता ने भी भारत का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने कहा, ” भारतीय एअरपोर्ट प्रशासन समेत पूरी टीम ने एफ-35 को ठीक करने में अहम योगदान दिया है। इस मदद के लिए ब्रिटेन हमेशा भारत का आभारी रहेगा।”

एक महीने से भारत में फंसे ब्रिटेन के F-35 के लिए अच्छी खबर है. 37 दिन के बाद F-35B ने त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट से उड़ान भरी. ब्रिटिश हाई कमीशन की तरफ से एक बयान जारी किया गया जिसमें कहा गया कि UK F-35B जो 14 जून को आपात स्थिति में तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर उतरा था,

आज वहां से रवाना हो गया. यूके की इंजीनियरिंग टीम ने विमान की मरम्मत और सुरक्षा जांच पूरी कर ली, जिससे अब यह विमान दोबारा सक्रिय सेवा में लौट सका है. ब्रिटिश हाई कमीशन ने इस पूरे 37 दिन तक भारत की तरफ से दी गई मदद के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन भारतीय अधिकारियों और एयरपोर्ट की टीमों द्वारा दिए गए सहयोग और समर्थन के लिए बहुत आभारी है.

सोमवार को मरम्मत के बाद दिखी थी इसकी झलक
मरम्मत के लिए हैंगर में जाने के बाद 21 जुलाई सोमवार को पहली बार F-35 त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट पर नजर आया था. वीडियो में F-35 को टो करते हुए देखा गया. तकनीकी खामी को दूर करने के बाद ही एयरक्राफ्ट को हैंगर से बाहर निकाला गया था. एयरक्राफ्ट के रिपेयर के बाद फाइनल चेक के बाद यह रवाना हुआ. 37 दिन से भारत में खड़े F-35 को ठीक करने के लिए यूके से 6 जुलाई को टेक्निकल स्टाफ भारत पहुंचा था. इस टीम में कुल 24 लोग शामिल थे,
जिसमें 14 टेक्निकल एक्सपर्ट और 10 रॉयल एयरफोर्स का क्रू मौजूद था. उनके आने के बाद ही एयरक्राफ्ट को हैंगर में ले जाया गया था. F-35 रवाना हो चुका है लेकिन यूके से आई टेक्निकल टीम एक-दो दिन बाद भारत से रवाना होगी.
37 दिन गुजारे भारत में
शनिवार 14 जून रात 9:30 बजे केरल के त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट पर यूके के एक F-35B फाइटर जेट की इमर्जेंसी लैंडिंग कराई गई थी. वजह बताई गई कि फाइटर में इंधन की कमी थी. अगले दिन एयरक्राफ्ट में इंधन भरा गया लेकिन फिर भी वह उड़ नहीं सका. वजह रही तकनीकी दिक्कत. इमर्जेंसी लैंडिंग के अगले दिन यूके की टेक्निकल टीम फाइटर को रेस्क्यू करने के लिए ब्रिटिश नेवी का हेलिकॉप्टर MJS-101 पहुंचा था,
लेकिन खामी को ठीक नहीं कर पाई थी. इंग्लैंड की रॉयल नेवी के F-35 फाइटर जेट ने कम ईंधन भरने के बाद एयरक्राफ्ट स्टार्टअप के दौरान उसके APU यानी ऑक्जिलरी पावर यूनिट और हाईड्रोलिक में दिक्कतें पेश आ रही थीं, लेकिन फॉल्ट को दुरुस्त नहीं किया जा सका था. एयरक्राफ्ट को हैंगर में ले जाने के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाला स्टीयरिंग आर्म या टोइंग आर्म भी नहीं था. F-35B का टोइंग आर्म भी एयरक्राफ्ट कैरियर पर ही मौजूद था जहां से इसने उड़ान भरी थी.
F-35 की खासियत
F-35 लाइटनिंग-II एक अत्याधुनिक पांचवीं पीढ़ी का स्टेल्थ फाइटर विमान है. अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन ने इसे विकसित किया है. यह फाइटर अलग-अलग तरह के कॉम्बेट मिशनों को अंजाम देने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसमें एयर टू एयर, एयर टू ग्राउंड और इंटेलिजेंस जानकारी इकट्ठा करने और स्ट्रेटेजिक मिशन को अंजाम दिया जा सकता है.
इसके 3 वेरियंट हैं. एयर फोर्स के लिए F-35A, F-35B वर्टिकल टेक ऑफ लैंडिंग क्षमता वाला और F-35C नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर से इस्तेमाल किए जाने वाला है. यह एक सिंगल इंजन एयरक्राफ्ट है. इसकी रफ्तार 1.6 मैक प्रति घंटा है. अधिकतम 50000 फीट की ऊंचाई तक आसानी से उड़ान भर सकता है. एक बार टेकऑफ लेने के बाद यह 2200 किलोमीटर तक उड़ सकता है. इसमें स्टेल्थ तकनीक के चलते यह दुश्मन की रडार की पकड़ में नहीं आता. F-35 के इंटर्नल कंपार्टमेंट में AMRAAM, AIM-120, और एंटी-शिप मिसाइल जैसी लंबी दूरी की मिसाइलें आसानी से ले जा सकता है. इस एयरक्राफ्ट में एक 25 MM की गन भी लगी है. इसका कॉकपिट पूरी तरह से डिजिटल है.

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