
क्या है भारत की प्लानिंग?
PM Modi ने शशि थरूर को क्यों चुना?
पीएम मोदी अक्सर अपने फैसलों से लोगों को चौंकाते रहते हैं। इस बार भी उन्होंने कुछ ऐसा ही किया है। शशि थरूर को बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया गया है और जो भी थरूर को करीब से जानते हैं, उन्हें अच्छे से पता होगा कि पीएम मोदी ने कितना बड़ा दांव खेला है।
- संयुक्त राष्ट्र में लंबा अनुभव रखने वाले थरूर कूटनीति के बड़े जानकार भी हैं। ऐसे में विश्व स्तर पर पाकिस्तान को बेनकाब करने में थरूर की भूमिका अहम हो सकती है।
- थरूर 2006 में कोफी अन्नान के बाद UN के महासचिव के रेस में भी थे, लेकिन महासचिव बनने से चुक गए थे।
- शशि थरूर कूटनीति के अच्छे जानकारों में से एक हैं और उन्हें अलग-अलग देशों की फितरत के बारे में पता है और किस तरह से क्या जवाब देना है, वे अच्छे से जानते हैं। कई मौकों पर उन्होंने पीएम मोदी की कूटनीति की तारीफ की है।
- शशि थरूर शुरुआत से ही ऑपरेशन सिंदूर के समर्थक रहे हैं और अब मोदी सरकार ने उन्हें डेलिगेशन में शामिल किया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद थरूर ने विभिन्न चैनलों पर भारत का पक्ष दुनिया के सामने रखा है।
- केंद्र सरकार ने वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए सांसदों का डेलीगेशन बनाया है। इस लिस्ट में कांग्रेस सांसद शशि थरूर का नाम भी शामिल है। थरूर ने इसके लिए सरकार का आभार जताया है।उन्होंने कहा कि जब बात राष्ट्रहित की हो, तो मैं पीछे नहीं रह सकता। थरूर ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, ‘हाल के मामलों पर देश का पॉइंट ऑफ व्यू रखने के लिए भारत सरकार ने ऑल पार्टी डेलीगेशन में मुझे भी चुना है। मैं इसके लिए गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।’
इन नेताओं को सरकार ने चुना
बता दें कि केंद्र सरकार ने 7 सदस्यों का ऑल पार्टी डेलिगेशन बनाया है। ये यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के अलावा अलग-अलग देशों में जाकर ऑपरेशन सिंदूर और क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म के खिलाफ भारत की लड़ाई के बारे में बताएंगे। इस लिस्ट में कांग्रेस नेता शशि थरूर, भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद, जेडीयू नेता संजय कुमार झा, भाजपा नेता बैजयंत पांडा, डीएमके नेता कनिमोझी करुणानिधि, एनसीपी (शरद पवार) नेता सुप्रिया सुले और शिव सेना नेता श्रीकांत एकानाथ शिंदे का नाम शामिल है।
केंद्रीय मंत्री किरेण रिजिजू ने एक पोस्ट में ऑल पार्टी डेलिगेशन में शामिल सांसदों की जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि भारत एकजुट है। आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का संदेश हम दुनिया तक पहुंचाएंगे। राजनीति से ऊपर राष्ट्रीय एकता का यह रिफ्लेक्शन है। - कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि मेरी पार्टी का नेतृत्व मेरी योग्यताओं या कमियों के बारे में अपनी राय रखने का हकदार है और मुझे लगता है कि यह बात उन्हें ही स्पष्ट करनी है। इस पर मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी है।उन्होंने कहा कि मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी गई है, इस बात का मैं सम्मान करता हूं और मैं इस जिम्मेदारी को उसी तरह से पूरा करूंगा, जैसे मैंने अपने लंबे कार्यकाल में मुझे सौंपी गई हर जिम्मेदारी को पूरा किया है, चाहे वह संयुक्त राष्ट्र में हो या कांग्रेस पार्टी में।
कांग्रेस ने सरकार पर लगाए खेल करने के आरोप
मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सरकार पर खेल खेलने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने ये आरोप ऐसे समय पर लगाया है जब ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहनशीलता के भारत के संदेश को पहुंचाने के लिए प्रमुख साझेदार देशों में जाने वाले प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के रूप में शशि थरूर को नामित किया गया। बता दें कि कांग्रेस ने शशि थरूर का नाम कांग्रेस द्वारा नामित चार नेताओं में शामिल नहीं था।
- कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शशि थरूर पर ही निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में होना और कांग्रेस का होना, जमीन-आसमान का अंतर है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद से भी संपर्क किया था और उन्होंने उनसे कहा कि पार्टी को फैसला करना है।कांग्रेस ने कहा कि सरकार ने उससे पाकिस्तान से आतंकवाद पर भारत के रुख को स्पष्ट करने के लिए विदेश भेजे जाने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए चार सांसदों के नाम प्रस्तुत करने को कहा था और उसने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नसीर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वारिंग को नामित किया। जानकारी दें कि इस लिस्ट में शशि थरूर का नाम नहीं था, बावजूद इसके सरकार ने शशि थरूर का नाम सुझाया है।
सांसदों को लेनी चाहिए पार्टी की सहमति
- मीडिया ब्रीफिंग के दौरान के दौरान कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आप पार्टी से सलाह किए बिना सांसदों के नाम (प्रतिनिधिमंडल में) शामिल नहीं कर सकते। रमेश ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी भी व्यक्तिगत सांसदों को आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल में भेजा जाता है, तो सांसदों को पार्टी से अनुमित जरूर लेनी चाहिए।
- जयराम रमेश ने सरकार पर नारद मुनि की राजनीति करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से नाम पूछना बेईमानी और सरासर शरारतपूर्ण है, जबकि पूरी संभावना है कि उन्होंने उससे पहले ही नाम तय कर लिए थे। कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि प्रतिनिधिमंडल की पूरी कवायद ध्यान भटकाने वाली और दिखावटी कवायद है। उन्होंने यह भी स्पष्ट रूप से कहा कि कांग्रेस सरकार को भेजे गए चार नामों पर पुनर्विचार नहीं करेगी।
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