सरकार ने भीख मांग रहे व्यक्तियों के लिए मुस्कान और पायलट परियोजनाओं के तहत कल्याणकारी उपाय.

सरकार ने भीख मांग रहे व्यक्तियों के लिए मुस्कान और पायलट परियोजनाओं के तहत कल्याणकारी उपाय.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारत में भिखारियों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा व्यापक उपायों को समय-समय पर‌ कल्याणकारी योजना के तहत लागू किया जाता है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने एक योजना ‘मुस्कान’ – आजीविका और उद्यम के लिए सीमांत व्यक्तियों के लिए समर्थन तैयार की है। इस योजना के तहत ऐसे व्यक्ति जो भीख मांगने के कार्य में लगे हुए हैं उनपर ध्यान केंद्रित किया गया है। जिसमें उप-योजना – ‘भीख मांगने के कार्य में लगे व्यक्तियों के व्यापक पुनर्वास (रिहैबिलिटेशन) के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना’ शामिल है।

मुस्कान -आजीविका और उद्यम योजना

मुस्कान -आजीविका और उद्यम योजना के तहत सीमांत व्यक्तियों के लिए समर्थन तैयार की गई जिसमें जिसमें भीख मांगने के कार्य में लगे व्यक्तियों के लिए कल्याणकारी उपाय शामिल हैं।‌ इस योजना का फोकस बड़े पैमाने पर पुनर्वास, चिकित्सा सुविधाओं के प्रावधान, परामर्श, बुनियादी दस्तावेज, शिक्षा, कौशल विकास, आर्थिक संबंधों आदि पर है। गरीबी की मार झेल रहे व्यक्ति जो भीख मांगने पर विवश है, और भीख मांगने के कार्य पर निर्भर होकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। मुस्कान आजीविका और उद्यम योजना ऐसे व्यक्तियों को चिकित्सा, शिक्षा, कौशल और आर्थिक संबंधों में खास करके सहारा बनेगी। यह योजना राज्य/संघ राज्य क्षेत्र की सरकारों/स्थानीय शहरी रोडीज, स्वैच्छिक संगठनों, समुदाय आधारित संगठनों (सीबीओ), संस्थानों और अन्य के सहयोग से लागू की जाएगी।

कहां से होंगी पायलट परियोजना की  शुरुआत

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने दस शहरों जैसे दिल्ली, बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद, इंदौर, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना और अहमदाबाद में भीख मांगने के कार्य में लगे व्यक्तियों के व्यापक पुनर्वास पर पायलट परियोजनाएं शुरू की हैं। पायलटों को इन शहरों में राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों/स्थानीय शहरी निकायों और स्वैच्छिक संगठनों द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। इन पायलटों के तहत सर्वेक्षण और पहचान, जुटाना, बुनियादी स्वच्छता और चिकित्सा सुविधाएं, बुनियादी दस्तावेज प्रदान करना, परामर्श, पुनर्वास, शिक्षा, कौशल विकास और भीख मांगने में लगे व्यक्तियों के लिए कई व्यापक उपाय किए जा रहे हैं।

भीख मांगने वाले बच्चों के लिए उठाए गए अन्य महत्वपूर्ण कदम

सरकार द्वारा मुस्कान -आजीविका और उद्यम योजना और पायलट परियोजनाएं के अलावा

स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि भीख मांगने वाले बच्चों को रिहा किया जाए और उनकी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के लिए स्कूलों में दाखिला लिया जाए।

इसके साथ ही स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने निराश्रित बच्चों के लिए संस्थागत देखभाल प्रदान करने के लिए आयु-उपयुक्त शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण तक पहुंच, मनोरंजन, स्वास्थ्य देखभाल, परामर्श आदि प्राप्त हो सके यह भी सुनिश्चित किया है।

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!