सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में व्यापक बदलाव किया
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) में व्यापक बदलाव किए हैं। रिसर्च एंड अनालिसिस विंग (RAW) के पूर्व प्रमुख आलोक जोशी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए सरकार ने उन्हें नया अध्यक्ष नियुक्त किया है।
NSAB का नया स्वरूप
केंद्र की मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में अब सात सदस्यों को शामिल किया है। इस बोर्ड में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हैं। बोर्ड में तीन सैन्य पृष्ठभूमि के सेवानिवृत्त अधिकारी, दो भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के सेवानिवृत्त अधिकारी और एक भारतीय विदेश सेवा (IFS) के सेवानिवृत्त अधिकारी शामिल हैं।
केंद्र की मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में अब सात सदस्यों को शामिल किया है। इस बोर्ड में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हैं। बोर्ड में तीन सैन्य पृष्ठभूमि के सेवानिवृत्त अधिकारी, दो भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के सेवानिवृत्त अधिकारी और एक भारतीय विदेश सेवा (IFS) के सेवानिवृत्त अधिकारी शामिल हैं।
आलोक जोशी,अध्यक्ष: पूर्व R&AW प्रमुख
आलोक जोशी को NSAB का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। जोशी RAW के पूर्व प्रमुख हैं, जिन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया मामलों में गहरी विशेषज्ञता हासिल है। उन्होंने साल 2012 से लेकर 2014 तक RAW के प्रमुख के तौर पर कार्य किया और अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्व ऑपरेशन का नेतृत्व किया।
आलोक जोशी को NSAB का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। जोशी RAW के पूर्व प्रमुख हैं, जिन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया मामलों में गहरी विशेषज्ञता हासिल है। उन्होंने साल 2012 से लेकर 2014 तक RAW के प्रमुख के तौर पर कार्य किया और अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्व ऑपरेशन का नेतृत्व किया।
आलोक जोशी अनुभवी खुफिया अधिकारी हैं, जिन्होंने भारत की सुरक्षा को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है। उनके कार्यकाल के दौरान 2013 में म्यांमार सीमा पर उग्रवादी संगठनों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन किया गया था, जिसमें भारत ने म्यांमार की सेना के साथ मिलकर पूर्वोत्तर में सक्रिय उग्रवादी ठिकानों को नष्ट किया।
इसके साथ ही जोशी ने पाकिस्तान से जुड़े आतंकी नेटवर्क पर नजर रखने और उन्हें कमजोर करने के लिए कई खुफिया अभियान भी चलाए हैं। उनके कार्यकाल के दौरान RAW ने विदेशों में भारत विरोधी गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए कई सफल ऑपरेशन भी किए।
एयर मार्शल पीएम सिन्हा: पूर्व पश्चिमी एयर कमांडर
एयर मार्शल पंकज मोहन सिन्हा पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम भारतीय वायु सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उन्होंने पश्चिमी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (एओसी-इन-सी) के रूप में कार्य किया।उन्होंने 1 जनवरी 2023 को एयर मार्शल श्रीकुमार प्रभाकरन के स्थान पर कार्यभार संभाला था और 31 दिसंबर 2024 को सेवानिवृत्त हुए।
एयर मार्शल पंकज मोहन सिन्हा पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम भारतीय वायु सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उन्होंने पश्चिमी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (एओसी-इन-सी) के रूप में कार्य किया।उन्होंने 1 जनवरी 2023 को एयर मार्शल श्रीकुमार प्रभाकरन के स्थान पर कार्यभार संभाला था और 31 दिसंबर 2024 को सेवानिवृत्त हुए।
लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह: पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, पुणे और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र लेफ्टिनेंट जनरल सिंह को दिसंबर 1984 में 7/11 गोरखा राइफल्स में कमीशन दिया गया था।उन्हें सभी प्रकार के इलाकों में व्यापक परिचालन अनुभव है, चाहे वह आतंकवाद विरोधी क्षेत्र हो, सियाचिन के ऊंचे और बर्फीले हिमाच्छादित क्षेत्र हो या रेगिस्तानी क्षेत्र हो।
एडमिरल मोंटी खन्ना: सैन्य सेवाओं से सेवानिवृत्त अधिकारी
एडमिरल मोंटी खन्ना एवीएसएम, एनएम से सेवानिवृत्त हैं और उन्होंने नई दिल्ली में एनएससीएस में सहायक सैन्य सलाहकार के रूप में कार्यभार भी संभाला है। उनके कार्यकाल के दौरान उनके जलपोत कमांडों में भारतीय नौसेना की पनडुब्बी सिंधुविजय और फ्रिगेट कृष्णा और गोमती शामिल थी।
वीसीएनएस के नौसेना सहायक और पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में कार्यकाल के अलावा, वे वाशिंगटन डीसी स्थित भारतीय दूतावास में नौसेना अताशे भी थे। उन्हें 2000 में नौसेना पदक और जनवरी 2017 में अति विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया था।
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, पुणे और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र लेफ्टिनेंट जनरल सिंह को दिसंबर 1984 में 7/11 गोरखा राइफल्स में कमीशन दिया गया था।उन्हें सभी प्रकार के इलाकों में व्यापक परिचालन अनुभव है, चाहे वह आतंकवाद विरोधी क्षेत्र हो, सियाचिन के ऊंचे और बर्फीले हिमाच्छादित क्षेत्र हो या रेगिस्तानी क्षेत्र हो।
एडमिरल मोंटी खन्ना: सैन्य सेवाओं से सेवानिवृत्त अधिकारी
एडमिरल मोंटी खन्ना एवीएसएम, एनएम से सेवानिवृत्त हैं और उन्होंने नई दिल्ली में एनएससीएस में सहायक सैन्य सलाहकार के रूप में कार्यभार भी संभाला है। उनके कार्यकाल के दौरान उनके जलपोत कमांडों में भारतीय नौसेना की पनडुब्बी सिंधुविजय और फ्रिगेट कृष्णा और गोमती शामिल थी।
वीसीएनएस के नौसेना सहायक और पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में कार्यकाल के अलावा, वे वाशिंगटन डीसी स्थित भारतीय दूतावास में नौसेना अताशे भी थे। उन्हें 2000 में नौसेना पदक और जनवरी 2017 में अति विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया था।
राजीव रंजन वर्मा :रिटायर्ड अधिकारी, भारतीय पुलिस सेवा
आईबी के अतिरिक्त निदेशक राजीव रंजन वर्मा को अतिरिक्त निदेशक के पद को अस्थायी रूप से उन्नत करके आईबी का विशेष निदेशक नियुक्त किया गया था। वे 1990 बैच के यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं।
भारतीय पुलिस सेवा रिटायर्ड पुलिस अधिकारी मनमोहन सिंह
भारतीय पुलिस सेवा के एक और सेवानिवृत्त अधिकारी, जो सुरक्षा और खुफिया क्षेत्र में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं।
आईबी के अतिरिक्त निदेशक राजीव रंजन वर्मा को अतिरिक्त निदेशक के पद को अस्थायी रूप से उन्नत करके आईबी का विशेष निदेशक नियुक्त किया गया था। वे 1990 बैच के यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं।
भारतीय पुलिस सेवा रिटायर्ड पुलिस अधिकारी मनमोहन सिंह
भारतीय पुलिस सेवा के एक और सेवानिवृत्त अधिकारी, जो सुरक्षा और खुफिया क्षेत्र में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं।
बी. वेंकटेश वर्मा: सेवानिवृत्त IFS अधिकारीभारतीय विदेश सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी, जो कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में विशेषज्ञ।