​​पॉजिटिव महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में कोरोना पॉजिटिव महिला के साथ हुए दुष्कर्म मामले में जांच की मांग और बढ़ती जा रही है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने बिहार के एक निजी अस्पताल में एक कोरोना ​​पॉजिटिव महिला के कथित सामूहिक दुष्कर्म की खबरें मीडीया पर आने के बाद कार्रवाई की मांग की है। महिला आयोग ने कहा कि इस मामले की समयबद्ध जांच होनी चाहिए।

कोरोना काल में बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है। सोमवार को शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र के राजा बाजार स्थित एक निजी अस्पताल के कोविड आइसीयू वार्ड में भर्ती महिला मरीज की बेटी ने अपनी मां के साथ दुष्कर्म के प्रयास का आरोप लगाया है। इंटरनेट मीडिया के जरिए जैसे ही वीडियो सामने आया, शास्त्रीनगर थाने की पुलिस अस्पताल पहुंच गई। देर शाम तक पुलिस मामले की छानबीन में जुटी रही। एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि मामला संज्ञान में आते ही एक टीम अस्पताल भेजी गई, वह जांच में जुटी है। वहीं, थानेदार रामशंकर ङ्क्षसह ने बताया कि देर शाम तक लिखित आवेदन नहीं मिला है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरीज के स्वजन जो भी आरोप लगा रहे, वह बेबुनियाद है। अस्पताल प्रशासन जांच में पूरा सहयोग कर रहा है।

वीडियो में बेटी को इशारे से आपबीती बता रही थी पीड़िता

पीडि़त महिला की उम्र करीब 45 साल है। बताया जा रहा है कि सोमवार की सुबह उसकी पुत्री अस्पताल पहुंची। उसे पता चला कि मां के साथ कुछ गलत हुआ है। फिर वह वीडियो बना मां से इशारे में पूछ रही थी कि उसके साथ क्या हुआ? तुम्हारे साथ बदसुलूकी हुई? क्या, कुछ हुआ है? हां या ना में इशारा करो। वह बार-बार पूछ रही थी कि तुम्हारे साथ क्या हुआ? रविवार की शाम में घर जाने के बाद आइसीयू में तीन-चार लोग घुस गए। आरोप है कि उन लोगों ने पीडि़ता के साथ बदसुलूकी की। दुष्कर्म का प्रयास किया। पीडि़ता पिछले दस दिनों से भर्ती है। बेटी के आरोपों का वीडियो वायरल होते ही अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। वहीं, पुलिस बिना आवेदन के ही टीम गठित कर मामले की जांच में जुट गई। पुलिस ने पीडि़त परिवार से भी संपर्क किया है। पुलिस आइसीयू के बाहर लगे सीसी कैमरा, वहां रात में किसकी ड्यूटी थी? जिन पर आरोप लगे हैं, वे कौन हैं? ऐसे कई बिंदुओं पर छानबीन कर रही है।

अस्पताल प्रशासन ने बयान जारी कर आरोपों को बताया बेबुनियाद

अस्पताल प्रबंधन ने बयान जारी कर कहा है कि आइसीयू में इलाज के दौरान एक मरीज के रिश्तेदार ने बदसुलूकी का आरोप लगाया है।  आंतरिक जांच में पाए गए तथ्यों के आधार पर आरोपों की जांच की गई तो पता चला कि आरोप निराधार हैं। जिस महिला ने छेडख़ानी का आरोप लगाया है, उसका सेंस पूरी तरह काम नहीं कर रहा है। वो कभी मास्क निकाल देती है तो कभी दूसरा इक्विपमेंट्स। लिहाजा, यह साइकोसिस का मामला लग रहा है। जिसमें आदमी उस चीज की कल्पना कर लेता है, जो असल में हुआ ही नहीं। वह मरीज वार्ड में भर्ती है, जहां 20-25 मरीज हैं। ऐसे में बाहरी आदमी का अंदर आना और छेडख़ानी करना असंभव है। आंतरिक जांच हो रही है और पुलिस भी जांच कर रही है। पुलिस की जांच में अस्पताल प्रशासन पूरा सहयोग कर रहा है।

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