रूस-यूक्रेन युद्ध पुतिन से नहीं मोदी के कारण हो रहा है- पीटर नवारो

रूस-यूक्रेन युद्ध पुतिन से नहीं मोदी के कारण हो रहा है- पीटर नवारो

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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नवारो ने ब्लूमबर्ग को दिए साक्षात्कार में दावा किया कि भारत रूस की युद्ध मशीन को मदद पहुंचा रहा है। कहा, ”भारत जो कर रहा है, उसके कारण अमेरिका में हर कोई हार रहा है। उपभोक्ता, व्यवसाय व हर चीज हार रही है। श्रमिक भी हार रहे हैं क्योंकि भारत के उच्च शुल्क के कारण हमारी नौकरियां, कारखाने, आय और उच्च वेतन खत्म हो रहे हैं। फिर करदाताओं को भी हार का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि हमें मोदी के युद्ध को फंड करना पड़ रहा है।”

ट्रम्प के ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो ने यूक्रेन जंग को ‘मोदी वॉर’ बताया है। नवारो ने बुधवार को ब्लूमबर्ग टीवी के इंटरव्यू में भारत पर जंग को बढ़ावा देने और दोहरा खेल खेलने का आरोप लगाया।

नवारो ने कहा कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर उसे रिफाइन करता है और ऊंची कीमत पर बेचता है। इससे रूस को जंग के लिए पैसा मिलता है और वो यूक्रेन पर हमला करता है।नवारो ने चेतावनी देते हुए कहा कि रूस और चीन के साथ भारत के बढ़ते संबंध दुनिया के लिए खतरा बन सकते हैं।

उन्होंने कहा- भारत तुम तानाशाहों के साथ मिल रहे हो। चीन ने अक्साई चिन और तुम्हारे कई इलाके पर कब्जा कर लिया। और रूस? जाने भी दो। ये आपके दोस्त नहीं हैं।

नवारो बोले- रूसी तेल खरीदना अमेरिका के लिए नुकसानदायक

नवारो ने कहा, ‘भारतीय नेता हमारी आंखों में आंखें डालकर कहते हैं कि हम रूसी तेल खरीदना बंद नहीं करेंगे। अब इसका क्या मतलब है?’ उन्होंने रूस पर भारत को बेचे गए तेल के बदले मिलने वाले पैसों से युद्ध मशीनरी को चलाने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा- रूस, यूक्रेन पर हमले कर वहां के लोगों को मारता है। फिर यूक्रेन हमारे और यूरोप के पास आकर कहता है कि हमें और पैसा दो। इस तरह अमेरिकी टैक्सपेयर्स को नुकसान होता है।

नवारो ने मोदी को एरोगेंट कहा

नवारो ने तेल आयात पर भारत के दावों को खारिज किया। उन्होंने मोदी पर एरोगेंट (घमंडी) होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारत का हर रोज 15 लाख बैरल रूसी तेल खरीदना, यूक्रेनी लोगों को मारने के लिए हथियार, ड्रोन और बम खरीदने के लिए काफी है।

दरअसल, ट्रम्प पहले भी भारत पर रूसी तेल खरीद कर यूक्रेन जंग को बढ़ावा देने का आरोप लगा चुके हैं। इसे भारत ने गलत बताते हुए कहा था कि हम अपने देश की जरूरतों के हिसाब से फैसले लेते हैं।

नवारो की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 50% टैरिफ लगाया है। इस कदम से अमेरिका को भारत के 66% निर्यात पर असर पड़ने की आशंका है। भारत-अमेरिका के बीच 2024-25 में द्विपक्षीय व्यापार 131.8 अरब डॉलर था।

नवारो ने टैरिफ बढ़ाने का बचाव करते हुए भारतीय व्यापार नीतियों को अनुचित बताया। उन्होंने कहा, ‘भारत में 25% टैरिफ इसलिए लगाए गए क्योंकि वे व्यापार में हमारे साथ धोखाधड़ी करते हैं।

भारत नहीं झुका तो, ट्रम्प भी नहीं झुकेंगे

व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट ने कहा कि अगर भारत ने व्यापार को लेकर अपना रुख नहीं बदला तो ट्रम्प और सख्ती करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर भारत झुकने से इनकार करता है तो ट्रम्प भी पीछे नहीं हटेंगे।

हैसेट ने कहा कि व्हाइट हाउस भारत के रवैये से निराश है क्योंकि अमेरिका ने भारतीय सामानों पर टैरिफ दोगुना कर दिया है, लेकिन भारत अब भी अमेरिकी उत्पादों के लिए अपना बाजार खोलने को तैयार नहीं है। अगर ऐसा ही रहा तो अमेरिका और कड़े कदम सकता है।

हैसेट ने बताया कि भारत पर टैरिफ रूस पर दबाव बनाने के लिए लगाए गए हैं। ताकि रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौता कराया जा सके। और लाखों लोगों की जान बच सके।

भारत रूसी तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार

भारत, चीन के बाद रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है। यूक्रेन युद्ध से पहले भारत रूस से सिर्फ 0.2% (68 हजार बैरल प्रतिदिन) तेल इम्पोर्ट करता था। मई 2023 तक यह बढ़कर 45% (20 लाख बैरल प्रतिदिन) हो गया, जबकि 2025 में जनवरी से जुलाई तक भारत हर दिन रूस से 17.8 लाख बैरल तेल खरीद रहा है। पिछले दो साल से भारत हर साल 130 अरब डॉलर (11.33 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा का रूसी तेल खरीद रहा है।

चीन आपका मित्र नहीं’

उन्होंने कहा, ”आप अधिनायकवादियों के साथ मिल रहे हैं। चीन के साथ दशकों से युद्ध चल रहा है। उन्होंने अक्साई चिन और आपके पूरे क्षेत्र पर आक्रमण किया है। ये आपके मित्र नहीं हैं।” चीन से जुड़े एक सवाल पर नवारो ने कहा, ”वास्तविकता यह है कि आपको भारत और चीन को रूसी तेल खरीदने से रोकना होगा। आप कल ऐसा करेंगे और युद्ध समाप्त हो जाएगा।”

उन्होंने आगे कहा कि अगर यूरोप सहित सभी देशों ने रूसी तेल खरीदना बंद कर दिया, तो कुछ ही समय में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पास युद्ध के लिए धन खत्म हो जाएगा।

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