श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति ने ‘धान्यक हिम’ सेवन का दिया सुझाव

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बोले-भीषण गर्मी में अमृत है धान्यक हिम, स्वास्थ्य, पाचन और मानसिक शांति के लिए बेहद उपयोगी

श्रीनारद मीडिया, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, हरियाणा

आसमान से आग बरस रही है और 25 मई से नौतपा की शुरुआत होने वाली है। जहां ऐसी भीषण गर्मी से बचने के लिए सरकार ने भी हिदायतें जारी की हैं। वहीं, शरीर को भीतर से शीतल और संतुलित बनाए रखने के लिए श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने आयुर्वेद में वर्णित पारंपरिक औषधीय पेय ‘धान्यक हिम’ का सेवन करने की सलाह दी है।

कुलपति प्रो. धीमान ने कहा कि गर्मी,पित्त दोष और लू के प्रभाव से शरीर में असंतुलन पैदा होता है। ऐसे में ‘धान्यक हिम’ एक सहज,सुलभ और लाभकारी तरल पथ्य कल्पना है, जो पाचन को सुधारता है, शरीर की अग्नि को संतुलित करती है और भीतरी शीतलता प्रदान करती है। विश्वविद्यालय के स्वस्थवृत्त विभाग की ओर से भी जनसामान्य को जागरूक किया गया कि ऋतुचर्या और आहारचर्या का पालन कर ही गर्मियों में होने वाले विकारों से बचाव संभव है।

कोल्ड ड्रिंक की बजाय धान्यक हिम का सेवन करें: प्रो. धीमान।
कुलपति प्रो. धीमान ने बताया कि धान्यक (धनिया),सौंफ, लौंग, इलायची, सेंधा नमक और देसी खांड जैसी सामग्रियों से बना यह पेय सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं, बल्कि शास्त्रीय दृष्टि से पित्त का शमन करने वाला प्रभावी उपाय है। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि हम आधुनिक शीतल पेयों की ओर आकृष्ट होने की बजाय अपनी परंपरागत औषधीय पेय प्रणाली को अपनाएं। ‘धान्यक हिम’ जैसे पेय स्वास्थ्य, पाचन और मन की शांति तीनों के लिए उपयोगी हैं। यह एक ऐसा आयुर्वेदिक अमृत है, जो हमें ऋतु अनुकूल जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा देता है।

एक बार में सिर्फ 50 मिली का सेवन करें
कुलपति ने बताया कि दिनभर में थोड़ी मात्रा (50 मिली) में तीन-चार बार धान्यक हिम का सेवन किया जाए,तो यह गर्मी से होने वाली समस्याओं जैसे डिहाइड्रेशन, बुखार, अपचन और शरीर की जलन में राहत देता है।

इस विधि से तैयार होगा धान्यक हिम।
कुलपति ने बताया कि एक लीटर धान्यक हिम तैयार करने के लिए धनिया (घनिया) के 15 छोटे चम्मच, सौंफ के 5 छोटे चम्मच, 10-10 नग काली मिर्च, लौंग व इलायची, आधा चम्मच सेंधा नमक, स्वादानुसार 10 से 15 चम्मच देसी खांड की आवश्यकता होगी। धनिया और सौंफ को सिलबट्टे पर दरदरा पीस लें और रातभर 1 लीटर पानी में भिगोकर रखें (मिट्टी के बर्तन में या फ्रीज में। अगली सुबह इस पानी में लौंग, इलायची, सेंधा नमक, काली मिर्च और देसी खांड डालकर अच्छे से मिलाएं। छानकर दिनभर फ्रिज में सुरक्षित रखें।

जानिए क्या-क्या होंगे लाभ।
कुलपति ने बताया कि धान्यक हिम एक सरल, घरेलू और उपयोगी उपाय है जो हमारे ऋतुचर्या के अनुकूल है। इससे हाथ-पैरों की जलन में लाभकारी, पित्तनाशक, हीट स्ट्रोक, अपचन, बुखार, डिहाइड्रेशन में राहत, मल मूत्र और स्वेद (पसीना) की सही प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करता है। आंतरिक शीतलता और मानसिक शांति प्रदान करता है।

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