टेलीकंस्लटेंसी के विशेष अभियान में पूर्णिया राज्य में टॉप टेन में शामिल 

टेलीकंस्लटेंसी के विशेष अभियान में पूर्णिया राज्य में टॉप टेन में शामिल

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पूरे देश में 3,26,602 टेलीकंस्लटेंसी हुआ जिसमें 97159 के साथ बिहार पहले स्थान पर जबकि पूर्णिया 3221 के साथ राज्य में दसवें स्थान पर:

विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा ई-टेलीकंस्लटेंसी के माध्यम से दी जाती है चिकित्सीय परामर्श: सिविल सर्जन

ई-टेलीमेडिसीन सेवा एक बेहतर विकल्प के रूप में ग्रामीणों को मिल रही सेवाएं: डीपीसी

सामान्य स्वास्थ्य से संबंधित सभी तरह की सेवाएं उपलब्ध: डीएमएनई

श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया (बिहार):

बिहार के पूर्णिया  जिले के ग्रामीण एवं दूर-दराज के व्यक्तियों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा हैं। जिसको लेकर राज्य में ई-संजीवनी के माध्यम से टेलीमेडिसीन द्वारा चिकित्सीय परामर्श दिया जा रहा है। जिले के अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ पहुंचाना स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है। जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी (डीएमएनई) आलोक कुमार ने बताया कि 17 मई को विशेष रूप से ई-संजीवनी टेलीकंस्लटेंसी करायी गई थी। सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि पूरे देश में 3,26,602 टेलीकंस्लटेंसी हुआ जिसमें 97159 के साथ बिहार सबसे पहले पायदान पर है। वहीं बिहार में 3221 टेलीकंस्लटेंसी के साथ पूर्णिया दसवें स्थान पर आया है। जिसमें बैसा के चिकित्सक डॉ अबरार आलम के द्वारा सबसे अधिक 352 टेलीकंस्लटेंसी की गयी है। वही प्रखंड की बात की जाए तो बैसा के द्वारा सबसे ज्यादा 485 टेलीकंस्लटेंसी की गयी है।

 

विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा ई-टेलीकंस्लटेंसी के माध्यम से दी जाती है चिकित्सीय परामर्श: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह के द्वारा बिहार के सभी सिविल सर्जन को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है। पत्र के माध्यम से बताया गया है कि जिले में ई-संजीवनी प्रणाली के माध्यम से टेलीमेडिसीन की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। प्रत्येक महीने में एक दिन विशेष रूप से टेलीकंस्लटेंसी करानी होगी जबकि प्रत्येक दिन यह सुविधा बहाल रखनी है। ताकि अधिक से अधिक ग्रामीणों को इसका लाभ मिल सके। जिले के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा ई-टेलीकंस्लटेंसी के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श दिया जाता है।

ई-टेलीमेडिसीन सेवा से एक बेहतर विकल्प के रूप में ग्रामीणों को मिल रही सेवाएं: डीपीसी
जिला योजना समनवयक डॉ सुधांशु शेखर ने बताया कि सुदूर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। जिसमें अत्याधुनिक सुविधाओं के उपयोग को प्राथमिकता के तौर पर सभी स्वास्थ्य केंद्रों के द्वारा लिया जा रहा है। हालांकि ई-टेलीमेडिसीन सेवा एक बेहतर विकल्प के रूप उभरा है। जिसके माध्यम से दूर-दराज के ग्रामीण इलाके में रहने वाले मरीज हब में बैठे चिकित्सकों से सीधे जुड़ कर चिकित्सकीय सलाह या आवश्यकता अनुसार परामर्श का लाभ उठा रहे हैं। आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा स्वास्थ्य से संबंधित सभी तरह की गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।

सामान्य स्वास्थ्य से संबंधित सभी तरह की सेवाएं उपलब्ध: डीएमएनई
जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी (डीएमएनई) आलोक कुमार ने बताया कि ई-टेलीमेडिसीन कंसल्टेंसी के माध्यम से सामान्य स्वास्थ्य, मातृ स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, आंख, कान, नाक, दंत, त्वचा, मलेरिया, कुष्ठ, बुख़ार, हाइपरटेंशन, खांसी, सर्दी, बीपी, सुगर, अर्थराइटिस एवं टीबी जैसी बीमारी के लिए चिकित्सीय सेवा शत प्रतिशत दी जाती है। वहीं परामर्श केंद्र पर परिवार नियोजन, पोषण, एड्स, कैंसर तंबाकू उपयोग के दुष्परिणाम के लिए परामर्श दिया जाता हैं। जांच के लिए रक्त शर्करा (शुगर), उच्च रक्तचाप, पैथोलॉजी कोविड-19 एवं एनीमिया की जांच की जाती है। विशेषज्ञ चिकित्सकों से ई-टेलीकंस्लटेंसी के माध्यम से परामर्श लेने के बाद दवा दी जाती है।

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