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नेगेटिव मार्किंग है, गंभीर तैयारी पर करें फोकस ! - श्रीनारद मीडिया

नेगेटिव मार्किंग है, गंभीर तैयारी पर करें फोकस !

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68वी* बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में बचा एक माह से कम का समय

✍️ गणेश दत्त पाठक

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

68वी बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 12 फरवरी, 2023 को होने वाली है। अब तक़रीबन मात्र एक महीने का समय बचा हुआ है। ऐसे में आवश्यक है कि अभ्यर्थी अपने तैयारी को लेकर गम्भीरता बरतें। साथ ही, इस बार के बीपीएससी की परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग की व्यवस्था भी है, जो अभ्यार्थियों से विशेष संजीदगी की मांग भी करता है।

क्या है प्रारम्भिक परीक्षा का पैटर्न

68वी बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में 150 बहुविकल्पीय प्रकार के प्रश्न रहेंगे, जिसे दो घंटे की अवधि में हल करना होगा। यह परीक्षा 150 अंकों की होती है। यानी प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होता है। इस बार नेगेटिव मार्किंग की व्यवस्था भी रखी गई है। यानी एक गलत उत्तर देने पर 0.25 मार्क्स कट जाएंगे। यदि उत्तर नहीं दिया जाएगा तो कोई अंक नहीं कटेगा।

रिविजन पर फोकस बढ़ाना होगा

नेगेटिव मार्किंग को लेकर कुछ् अभ्यर्थी तनाव में दिख रहे हैं जबकि आवश्यकता थोड़ी सावधानी और संजीदगी बरतने की है। सबसे प्रमुख सावधानी परीक्षा हॉल में बरतनी होगी। अभी तक अभ्यर्थी तुक्के लगाते रहे हैं। अब अभ्यार्थियों को जो प्रश्न बिलकुल ठीक से आते हो उन्हें पहले कर लेना होगा। तथा जो प्रश्न बिलकुल नहीं आते हो उन्हें बिलकुल भी टच नहीं करना होगा। जिस प्रश्न पर भ्रम हो उस पर कुछ रिस्क लिया जा सकता है। लेकिन तैयारी के दौरान टॉपिक्स पर सरसरी नजर डालने से अब आपको बचना चाहिए। टॉपिक पर तथ्यात्मक और संकल्पनात्मक पकड़ बनानी होगी। निश्चित तौर पर रिविजन पर ज्यादा फोकस बढ़ाना होगा।

ज्यादा से ज्यादा प्रश्नों को हल करें

सामान्यतया देखा जाता है कि अभ्यर्थी बस पढ़ते चलें जाते हैं। इससे न तो वे प्रश्नों के आयाम को समझ पाते हैं और न् ही परीक्षा हॉल में प्रश्नों के उत्तर दे पाते हैं। पूर्व के परीक्षा के प्रश्नों को और मॉडल प्रश्न पत्रों को जितना ही देखा जाता है उतना ही प्रश्नों के आयाम और प्रश्न की प्रकृति स्पष्ट होती है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा प्रश्नों को हल करने का प्रयास करें।

समसामयिकी का निरंतर अध्ययन बेहद जरूरी

समसामयिकी के प्रश्न विशेष महत्वपूर्ण होते हैं । इसके लिए नियमित समय देना और बार बार पढ़ना जरूरी होता है। समसामयिकी के टॉपिक्स को पढ़ते समय स्थानों को मानचित्र की सहायता से चिन्हित करना आवश्यक होता है। अभी अधिकांश अभ्यर्थी समसामयिकी के लिए ऑनलाइन साधनों का इस्तेमाल भी करते हैं। इस सन्दर्भ में सावधानी भी बेहद जरूरी है । समसामयिकी के लिए निरंतर तौर पर अध्ययन बेहतर रहता है।अभी एक महीने का समय बचा हुआ है तो नियमित एक या डेढ़ घंटे का समय समसामयिकी के लिए अवश्य दें।

गंभीर अध्य्यन अब जरूरी

समय मात्र एक महीने का बचा है। इसलिए भारतीय इतिहास, भूगोल, सामान्य विज्ञान के तथ्यों के रिविजन पर ज्यादा फोकस देने का प्रयास करें। ध्यान रहे नेगेटिव मार्किंग की व्यवस्था है इसलिए रिविजन के दौरान ज्यादा गंभीर रहने का प्रयास करें। सर सरी निगाह डालने की आदत को छोड़ दे। भारतीय राजव्यवस्था, भारतीय अर्थव्यवस्था, गणित के महत्वपूर्ण टॉपिक्स को भी ठीक से देख लें।

नेगेटिव मार्किंग की व्यवस्था है इसलिए गंभीर तैयारी पर फोकस करें। बचे एक माह के दौरान ज्यादा से ज्यादा प्रश्नों को देखें और रिविजन पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देने का प्रयास करें। एक शानदार सफलता आपका इंतजार कर रही है। हार्दिक शुभकामनाएं.

आभार-निदेशक, PATHAK’S IAS

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