भारत-ब्रिटेन के बीच होगा फ्री ट्रेड,इससे कौन चीजें होंगी सस्ती?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
दुनियाभर में चल रहे ट्रेडवार के बीच भारत के लिए मंगलवार को एक अच्छी खबर सामने आई है। भारत और यूके ने अपना बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौता पूरा कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने समकक्ष कीर स्टारमर को बधाई देते हुए इसका ऐलान किया।दुनिया की पांचवी और छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के बीच लंबे समय से मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत चल रही थी।
दोनों देशों के बीच बढ़ेगा निवेश
दोनों देशों के बीच हुए समझौते पर पीएम नरेंद्र मोदी ने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर बात बन गई है। सामाजिक सुरक्षा को लेकर भी एक समझौता हुआ है। उन्होंने कहा कि इन समझौतों से साझेदारी और निवेश बढ़ेगा, साथ ही रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने इसे द्विपक्षीय व्यापक रणनीतिक साझेदारी में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर बताया। दोनों नेताओं ने आज टेलीफोन पर बातचीत की और इस समझौते पर बनी सहमति को लेकर खुशी जताई।
- कीर स्टारमर ने पीएम मोदी से बातचीत करते हुए कहा,”ब्रिटेन द्वारा यूरोपीय संघ छोड़ने के बाद किया गया यह सबसे बड़ा सौदा है।
- वहीं, कीर स्टारमर ने पहलगाम हमले पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने पहलगाम हमले पर अपनी संवेदना प्रकट की।
- वहीं, पीएम मोदी ने कीर स्टारमर को भारत आने का निमंत्रण दिया है, जिसे प्रधानमंत्री ने सहर्ष स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि वे जल्द से जल्द भारत आने के लिए उत्सुक हैं।
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इसका संकेत साफ है कि दोनों देशों के शीर्ष नेता जल्द ही एफटीए और डीसीसी को लेकर होने वाले समझौते पर मुहर लगाएंगे। इसके लिए ब्रिटेन के पीएम भारत आएंगे। डीसीसी दोनों देशों के बीच समाजिक सुरक्षा योगदान को लेकर किया जाने वाला समझौता होगा। इससे एक देश में कोई व्यक्ति समाजिक सुरक्षा में योगदान देता है तो उसे एक निश्चित समय सीमा पर दूसरे देश ले जाने का अधिकार होगा।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया संदेश में द्विपक्षीय निवेश समझौते को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है।भारत और ब्रिटेन के बीच जनवरी, 2022 से ही एफटीए को लेकर बातचीत जारी है लेकिन अभी जिस माहौल में इसको लेकर अंतिम सहमति बनी है वह भी महत्वपूर्ण है। पहलगाम हमले के बाद भारत व पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। अगर यह तनाव बढ़ता है तो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के स्थाई सदस्य के तौर पर ब्रिटेन की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
10-15 वर्ष पहले तक ब्रिटेन की कूटनीति काफी हद तक पाकिस्तान का पक्ष लेने वाला होता था लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। ब्रिटेन और भारत के बीच समग्र रणनीतिक साझेदारी है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी व अन्वेषण के मामले में भारत ब्रिटेन का सबसे करीबी साझेदारी है। एफटीए के बाद भारत व ब्रिटेन को एक दूसरे के हितों का और ज्यादा ख्याल रखना होगा।
ये चीजें हो जाएंगी सस्ती
शुरूआती जानकारी के मुताबिक, इस समझौते के तहत भारत यूके के 90% आयातों पर टैरिफ में कटौती करेगा, जिनमें से 85% आयात एक दशक के भीतर पूरी तरह से टैरिफ-मुक्त हो जाएंगे। भारत यूके से आयातित व्हिस्की और जिन पर टैरिफ को आधा करके 75% कर देगा, ऑटो पर टैरिफ को घटाकर 10% कर देगा।
भारतीय निर्यातकों के लिए होगा बेहद फायदेमंद: फिक्की के अध्यक्ष
उद्योग संगठन फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल ने एफटीए का स्वागत करते हुए कहा कि भारत-यूके एफटीए अनिश्चितताओं से जूझ रहे मौजूदा वैश्विक व्यापार माहौल के बीच व्यापार और निवेश के अवसरों को बढ़ाने का काम करेगा। यह सौदा भारतीय निर्यातकों के लिए बेहद फायदेमंद होगा, जो यूके के बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाना चाहते हैं।
बता दें, यूके भारत का प्रमुख व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं का द्विपक्षीय व्यापार वर्तमान में 50 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है। व्यापार समझौते के साथ आने वाले वर्षों में इसके कई गुना बढ़ने की उम्मीद है।
अग्रवाल ने कहा,”भारत-यूके एफटीए का निष्कर्ष भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत और कूटनीतिक प्रभाव को पुष्ट करता है। व्यापार सौदा संतुलित और दूरदर्शी है जो दोनों पक्षों को परस्पर लाभ पहुंचाएगा।”