चर्चित पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में तीन पर दोष सिद्ध, तीन हुए रिहा
नौ साल बाद आया फैसला, तीन आरोपी दोषी करार, तीन बरी
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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहारकेसिवानमें 13 मई 2016 कोहुएचर्चितपत्रकारराजदेवरंजनहत्याकांडमें 9 साल बाद विशेष सीबीआई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. मुजफ्फरपुर की विशेष सीबीआई कोर्ट ने तीन आरोपियोंविजय गुप्ता, रोहित कुमार सोनी और सोनी कुमार गुप्ताको हत्या का दोषी करार दिया है. वहीं, तीन अन्य आरोपियोंअजहरुद्दीनबेग उर्फ लड्डन मियां, रिशु कुमार और राजेश कुमारको साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है. कोर्ट ने दोषियों की सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 10 सितंबर 2025 की तारीख तय की है.
यह मामला उस समय सुर्खियों में आया था जब सिवान के स्टेशन रोड पर ‘हिन्दुस्तान’ अखबार के पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उनकी पत्नी आशा रंजन ने अज्ञात हमलावरों के खिलाफ सीवान नगर थाने में FIR दर्ज कराई थी. शुरुआत में पुलिस ने जांच की और सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. बाद में, परिजनों की मांग पर मामला सीबीआई को सौंपा गया. सीबीआई ने 15 सितंबर 2016 से जांच शुरू की और पूर्व सांसद शहाबुद्दीन सहित आठ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. हालांकि, शहाबुद्दीन की 2021 में कोरोनाकेकारणमृत्युहोगईथी.
मुजफ्फरपुर की विशेष सीबीआई कोर्ट में जिला और अपर सत्र न्यायाधीश-3 नमिता सिंह की अध्यक्षता में सुनवाई हुई. 69 गवाहों, 111 प्रदर्शों और 183 सवालों के आधार पर ट्रायल चला. विजय गुप्ता, जो जमानत पर थे, को दोषी पाया गया, जबकि जेल में बंद रोहित कुमार सोनी और सोनी कुमार गुप्ता भी दोषी करार दिए गए. दूसरी ओर, लड्डन मियां, रिशु कुमार और राजेश कुमार के खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने के कारण उन्हें बरी कर दिया गया.
राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन ने फैसले पर मिश्रित प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि इंसाफ में देरी हुई, लेकिन दोषियों को सजा मिलने की उम्मीद है. हालांकि, बाइक चालक और शूटर के बरी होने पर उन्होंने सवाल उठाए, इसे न्याय में कमी बताया. यह फैसला बिहार में पत्रकारों की सुरक्षा और न्यायिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर बहस को फिर से जन्म दे सकता है.
सीवान में पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या मामले में कोर्ट ने नौ साल के बाद फैसला सुनाया है. शनिवार को मुजफ्फरपुर की विशेष सीबीआई अदालत ने इस मामले में सुनवाई करते हुए तीन आरोपितों को दोषी करार दिया जबकि तीन अन्य आरोपियों को बरी कर दिया. दोषी करार दिए गए तीनों आरोपितों के लिए अब अदालत सजा का ऐलान करेगी.
इस मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने 69 गवाहों के बयान दर्ज कराए और 111 भौतिक साक्ष्य कोर्ट में प्रस्तुत किए। आरोपियों से पूछताछ के दौरान 183 प्रश्न पूछे गए। बावजूद इसके, कुछ प्रमुख गवाहों की मौत और परिस्थितिजन्य साक्ष्य की कमी ने केस को जटिल बना दिया।
गोली मारकर हुई थी पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या
सिवान में 13 मई 2016 को पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. इस हत्या मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गयी थी. कुल 8 आरोपी इस केस में बनाए गए थे. बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन का भी नाम इस केस में आया था. जिनकी मौत अब हो चुकी है. वहीं एक आरोपित नाबालिग था.
तीन दोषी करार, तीन को कोर्ट ने बरी किया
शनिवार को मुजफ्फरपुर में सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले में सुनवाई करके आराेपित रिशु जायसवाल, मोहम्मद लड्डन मियां, राजेश कुमार को बरी कर दिया. जबकि तीन आरोपित विजय कुमार गुप्ता, रोहित कुमार सोनी और सोनी कुमार गुप्ता को दोषी करार दिया. इन तीनों दोषियों को 10 सितंबर को सजा सुनाई जाएगी.
शहाबुद्दीन के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल हुई थी
सीवान में 13 मई 2016 को हुए इस बहुचर्चित हत्याकांड में दैनिक अखबार के ब्यूरो चीफ राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद बिहार पुलिस ने जांच शुरू की थी, जिसे बाद में सीबीआई को सौंप दिया गया। इस केस में कुल आठ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई थी, जिनमें सीवान के कुख्यात पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का नाम भी शामिल था। हालांकि, शहाबुद्दीन की कोरोना महामारी के दौरान मौत हो गई थी।
पत्रकार की पत्नी ने फैसले पर उठाया सवाल
पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन ने फैसले पर असंतोष जताया है। उन्होंने कहा कि जिन आरोपियों की संलिप्तता साफ दिख रही थी, उन्हें बरी कर दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वह इस फैसले को अपर कोर्ट में चुनौती देंगी। वहीं, सीबीआई के वकील राकेश दुबे ने भी कहा है कि साक्ष्य मौजूद रहने के बावजूद तीन आरोपियों को बरी किया गया है और एजेंसी इसके खिलाफ हाईकोर्ट जाएगी।