एकजुट होने के लिए ‘एक मंदिर, एक कुआं और एक श्मशान’ घर का होना आवश्यक-मोहन भागवत
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
अलीगढ़ में संबोधन के दौरान मोहन भागवत ने कहा कि संघ के सभी परंपरा, सांस्कृतिक मूल्यों और नैतिक सिद्धांतों पर आधारित समुदाय का निर्माण करना होगा। इसके अलावा उन्होंने स्वयंसेवकों को समाज के सभी वर्गों तक सक्रिय रूप से पहुंचने और जमीनी स्तर पर एकता बनाए रखने के लिए कहा है।कार्यकर्ताओं को किया संबोधित
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि परिवार की भूमिका समाज की मूलभूत इकाई बनी हुई है। ऐसे में हमें लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए कि सभी त्योहार सामूहिक रूप से मनाने चाहिए। इससे राष्ट्रवाद और सामाजिक एकता को और मजबूती मिलती है।
शताब्दी समारोह की तैयारी
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का यह दौरा 17 अप्रैल को शुरू हुआ था। इस दौरान मोहन भागवत ब्रज क्षेत्र के आरएसएस प्रचारकों के साथ रोजाना बैठक कर रहे हैं। आरएसएस को 100 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इस साल विजयादशमी मौके पर आरएसएस का शताब्दी समारोह देखने को मिलेगा। मोहन भागवत का यह दौरा भी उन्हीं तैयारियों का हिस्सा है।
उन्होंने स्वयंसेवकों को समाज के सभी वर्गों तक सक्रिय रूप से पहुंचने तथा जमीनी स्तर पर एकता और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए उन्हें अपने घरों में स्वागत करने के लिए प्रोत्साहित किया।
आरएसएस प्रमुख ने यह भी कहा कि परिवार की भूमिका समाज की मूलभूत इकाई बनी हुई है और मजबूत पारिवारिक मूल्य ‘संस्कार’ से प्राप्त होते हैं। उन्होंने राष्ट्रवाद और सामाजिक एकता को और मजबूत करने के लिए त्योहारों को सामूहिक रूप से मनाने को भी प्रोत्साहित किया।
17 अप्रैल से शुरू हुई मोहन भागवत की यात्रा में ब्रज क्षेत्र के आरएसएस प्रचारकों के साथ रोजाना बैठकें शामिल हैं। यह यात्रा संगठन की शताब्दी समारोह की तैयारियों का हिस्सा है, जो इस साल विजयादशमी से शुरू होने वाला है।