आज भारतीय नौसेना की उपलब्धियों को याद करने का दिन है

आज भारतीय नौसेना की उपलब्धियों को याद करने का दिन है

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

WhatsApp Image 2025-08-14 at 5.25.09 PM
previous arrow
next arrow
WhatsApp Image 2025-08-14 at 5.25.09 PM
00
previous arrow
next arrow

भारतीय नौसेना की बहादुरी, शौर्य और जज्बे को सलाम करने के लिए हर साल देश में 4 दिसंबर का दिन भारतीय नौसेना दिवस के तौर पर मनाया जाता है। यह दिन भारतीय नौसेना की उपलब्धियों को याद करने का दिन है। यह दिन याद दिलाता है कि भारतीय नौसेना देश की सैन्य ताकत का बहुत अहम हिस्सा है और सुरक्षा में इसकी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

नौसेना देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा में अहम भूमिका निभाती है। भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने में भी भारतीय नौसेना का अहम योगदान है। 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान इंडियन नेवी ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। इस युद्ध में नौसेना के ऑपरेशन ट्राइडेंट ने भारत की सफलता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस मिशन में भारतीय नौसेना का नेतृत्व कमोडोर कासरगोड पट्टणशेट्टी गोपाल राव ने किया।

4 दिसंबर 1971 को भारतीय नौसेना की पश्चिमी नौसेना कमान ने कराची में पाकिस्तान के नौसैनिक अड्डे पर जबरदस्त हमला किया था जिससे पाकिस्तानी जहाजों और प्रतिष्ठानों को काफी नुकसान पहुंचा था। यह हमला इतना जबरदस्त था कि कराची बंदरगाह पूरी तरह बर्बाद हो गया था और इससे लगी आग सात दिनों तक जलती रही थी। भारत के इस हमले ने पाकिस्तानी सेना की कमर तोड़ दी थी। इस उपलब्धि की याद में 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना जश्न मनाती है।

भारतीय नौसेना दिवस मनाने की शुरुआत मई 1972 में हुए एक वरिष्ठ नौसेना अधिकारी सम्मेलन में हुई, जब 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।

नौसेना दिवस के मौके पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होता है। इस दौरान नौसेना के युद्धपोतों की क्षमताओं का प्रदर्शन, सेमिनार, परेड का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष नेवी ने 3 दिसंबर को अपना प्रमुख कार्यक्रम तिरुवनंतपुरम के शंगुमुघम तट पर भव्य ऑपरेशनल प्रदर्शन (ऑप डेमो 2025) के साथ मनाया।

यह आयोजन नौसेना दिवस समारोह को प्रमुख नौसैनिक स्टेशनों से आगे ले जाने के नौसेना के प्रयास का हिस्सा है, जैसा कि ओडिशा के पुरी और महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में सफल आयोजनों के बाद हुआ है। ऑप डेमो 2025 में युद्धपोतों, नौसेना के विमानों और पनडुब्बियों द्वारा समुद्री शक्ति का एक शानदार प्रदर्शन किया गया।

क्या है थीम

हर साल नौसेना अपने आगामी फोकस को ध्यान में रखकर एक थीम चुनती है। नौसेना की तरफ से दी गई नेवी डे 2025 की जानकारी में नौसेना को “कॉम्बैट रेडी, कोहिसिव, क्रेडिबल और आत्मनिर्भर फ़ोर्स” के रूप में रेखांकित किया गया है जो तत्परता, विश्वसनीयता और आत्मनिर्भरता पर जोर देती है। मुख्य फोकस स्वदेशी रूप से विकसित प्लेटफॉर्मों पर है, जो आत्मनिर्भर भारत की भावना को दर्शाते हैं। यह थीम नौसेना की आत्मनिर्भरता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह थीम रक्षा में नौसेना की बढ़ती भागीदारी और भारत की सुरक्षा में नौसेना की अहमियत की याद दिलाती है।

इतिहास

भारतीय नौसेना की स्थापना 1612 में हुई थी। ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने जहाजों की सुरक्षा के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी मैरीन (East India Company’s Marine) के रूप में सेना बनाई थी। साल 1686 तक ब्रिटिश व्यापार पूरी तरह से बॉम्बे में स्थानांतरित हो गया। इसके बाद इस दस्ते का नाम ईस्ट इंडिया मरीन से बदलकर बॉम्बे मरीन (Bombay Marine) कर दिया गया। बॉम्बे मरीन ने मराठा, सिंधि युद्ध के साथ-साथ साल 1824 में बर्मा युद्ध में भी हिस्सा लिया।

– साल 1892 में इसका नाम रॉयल इंडियन मरीन कर दिया गया।

– भारत की आजादी के बाद 1950 में नौसेना का गठन फिर से हुआ और इसे भारतीय नौसेना नाम दिया गया।

भारत की नौसेना वैश्विक स्थिरता में… पीएम मोदी ने क्या कहा

पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत की परंपरा हमेशा से वैश्विक भलाई के लिए ताकत का इस्तेमाल करने की रही है, भारत की परंपरा शक्ति और ताकत की रही है। हमारा ज्ञान, हमारी ताकत और हमारी शक्ति मानवता की सेवा और मानवता की सुरक्षा के लिए है। आज, जब देश की आर्थिक व्यवस्था आपस में जुड़ी हुई दुनिया और प्रगतिशील समुद्री सीमाओं पर निर्भर है, तो भारत की नौसेना वैश्विक स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

राष्ट्रपति सशस्त्र बलों की सुप्रीम कमांडर

इस बीच, भारतीय नौसेना ने बुधवार को केरल के तिरुवनंतपुरम तट पर एक ऑपरेशनल शोकेस में अपनी बढ़ती समुद्री क्षमताओं का प्रदर्शन किया। स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत से लेकर फ्रंटलाइन फ्रिगेट उदयगिरि तक, इस कार्यक्रम में बल की मल्टी-डोमेन युद्ध की तैयारी को उजागर किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, जो सशस्त्र बलों की सुप्रीम कमांडर हैं, ने नौसेना दिवस समारोह के हिस्से के तौर पर शंगुमुघम बीच से इस डिस्प्ले को देखा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!