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भारत के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है,कैसे? - श्रीनारद मीडिया

भारत के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है,कैसे?

भारत के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है,कैसे?

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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सभी को एकजुट होकर देश के विकास के लिए काम करना चाहिए।

आज हमने विविधता में एकता का संदेश दिया है।

हमारा भारत एक साथ मिलकर रहे और तरक्की करे।

नए संसद भवन का शिलान्यास 10 दिसंबर 2020 को किया गया था।

सर्व-धर्म प्रार्थना समारोह में शामिल हुए पीएम मोदी।

पीएम मोदी ने नए संसद भवन के निर्माण में लगे श्रमिकों को किया सम्मानित।

पीएम मोदी ने नए संसद भवन में स्थापित की सेंगोल।

नए संसद भवन में देश के एक हजार साल पुराने इतिहास के दर्शन होंगे। इस भवन में आचार्य चाणक्य से लेकर डॉ आंबेडकर जैसे महापुरुषों की प्रतिमा लगाई गई है। इसके अलावा, यहां आजादी के उन गुमनाम नायकों की भी एक गैलरी तैयार की गई है, जिनके योगदान से देश अब तक अनजान रहा है।

भवन के कण-कण में एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना के दर्शन : लोकसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय पक्षी मोर, राष्ट्रीय पुष्प राज्यसभा का कमल और संसद के प्रांगण में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद भी है। पत्थर राजस्थान, लकड़ी महाराष्ट्र, यूपी में भदोही के कारीगरों ने कालीन बुने। इसके कण-कण में एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना के दर्शन हो रहे हैं। संसद के पुराने भवन में सभी के लिए अपने कार्यों को पूरा करना कितना मुश्किल हो रहा था ये हम सभी जानते हैं। टेक्नोलॉजी से जुड़ी समस्याएं थीं, बैठने की जगह की चुनौती थी। बीते डेढ़-दो दशकों से नए संसद भवन की आवश्यकता पर चर्चा हो रही थी। यह भी देखना होगा कि आने वाले समय में सांसद बढ़ेंगे, वो लोग कहां बैठेंगे।

  • नया संसद भवन समय की मांग थी, भव्य इमारत आधुनिक सुविधाओं से लैस: ये समय की मांग थी कि संसद की नई इमारत का निर्माण किया जाए। मुझे खुशी है कि भव्य इमारत आधुनिक सुविधाओं से लैस है। इस समय भी इस हॉल में सूर्य का प्रकाश सीधे आ रहा है। बिजली कम से कम खर्च हो, हर तक लेटेस्ट गैजेट्स हों.. इसका ध्यान रखा गया है।
  • नए भवन में श्रम को समर्पित एक डिजिटल गैलरी : संसद भवन ने 60 हजार श्रमिकों को रोजगार देने का काम किया। उन्होंने अपना पसीना बहाया है। इनके श्रम को समर्पित एक डिजिटल गैलरी बनाई गई है, विश्व में ये शायद पहली बार हुआ हो। संसद के निर्माण में उनका योगदान भी अमर हो गया है। कोई एक्सपर्ट पिछले 9 साल का आकलन करे तो ये 9 साल भारत में नव निर्माण और गरीब कल्याण के रहे हैं।
  • हमारी निष्ठा और प्रेरणा एक- देश का और देश के लोगों का विकास: आज नई इमारत के निर्माण का गर्व है, तो मुझे गरीबों के 4 करोड़ घर बनने का भी संतोष और 11 करोड़ शौचालय बनने का गर्व भी है। मुझे संतोष है कि गांवों को जोड़ने के लिए 4 लाख किमी से ज्यादा सड़कें बनीं, पानी की एक-एक बूंद बचाने के लिए 50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवर बनाए। मुझे संतोष है कि हमें देश में 30 हजार से ज्यादा नए पंचायत भवन भी बनाए हैं। यानी पंचायत से लेकर संसद भवन तक हमारी निष्ठा एक ही है, प्रेरणा एक रही…देश का और देश के लोगों का विकास।
  • नए संसद भवन में लोकसभा में 888, जबकि राज्यसभा में 384 सदस्य बैठ सकते हैं।
  • हमें नेशन फर्स्ट की भावना से आगे बढ़ना होगा: कर्तव्य पथ को सर्वोपरि रखना होगा। हमें अपने व्यवहार से उदाहरण प्रस्तुत करना होगा। निरंतर खुद में सुधार करते रहना होगा। हमें अपने नए रास्ते खुद बनाने होंगे। खुद को खपाना होगा, तपाना होगा। लोक कल्याण को ही अपना जीवन मंत्र बनाना होगा।
  • दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को नई संसद नई ऊर्जा और मजबूती प्रदान करेगी : जब संसद के इस नए भवन में अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करेंगे तो देशवासियों को नई प्रेरणा मिलेगी। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को नई संसद नई ऊर्जा और मजबूती प्रदान करेगी। हमारे श्रमिकों ने अपने पसीने से इस संसद भवन को इतना भव्य बना दिया है।
  • यहां से हुए फैसले भारत के उज्ज्वल भविष्य का आधार बनेंगे : अब हम सभी सांसदों का दायित्व है कि इसे अपने समर्पण से और ज्यादा दिव्य बनाएंगे। हम सभी 140 करोड़ भारतीयों का संकल्प ही इस नई संसद की प्राण प्रतिष्ठा है। यहां होने वाला हर निर्णय आने वाली सदियों को सजाने और संवारने वाला है। आने वाली पीढ़ियों को सशक्त करने वाला होगा। जो भारत के उज्ज्वल भविष्य का आधार बनेगा। समाज के हर वंचित परिवार के सशक्तिकरण का रास्ता यहीं से गुजरता है। हर ईंट, हर दीवार, कण-कण गरीब के कल्याण के लिए समर्पित है।
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