आइडियल 40 संस्थान की सफलता तथा शीघ्र ही संभावित विस्तार से यात्री मन अत्यंत आशान्वित है -विकाश वैभव

आइडियल 40 संस्थान की सफलता तथा शीघ्र ही संभावित विस्तार से यात्री मन अत्यंत आशान्वित है -विकाश वैभव

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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बिहार के सीवान में मीडिया की चकाचौंध से कोसों दूर चित्रगुप्त मंदिर सभागार में स्थापित निःशुल्क ‘आइडियल 40’ संस्थान में सीवान अध्याय के मुख्य समन्वयक डाॅ रजनीश वर्मा के नेतृत्व में अनेक संकल्पित बुद्धिजीवियों द्वारा नव इतिहास गढ़ने हेतु पिछले 3 वर्षो से प्रतिदिन निस्वार्थ प्रयास किया जा रहा है ।

‘आइडियल 40’ संस्थान, जिसमें बिहार बोर्ड के 9वीं एवं 10वीं वर्ग के चयनित प्रतिभावान परंतु आर्थिक रूप से वंचित विद्यार्थियों को लगातार 3 वर्षों से निःशुल्क शिक्षा दी जाती रही है, का प्रारंभ एक प्रयोग के रूप में 30 सितंबर, 2022 से हुआ था ।

यह अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि यहाँ प्रथम चयनित बैच 10वीं की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के उपरांत अब 11वीं में अध्ययनरत है, और 9वीं में अध्ययनरत तृतीय बैच के 10वीं में प्रवेश के पश्चात चतुर्थ बैच के चयन हेतु भी प्रयास का प्रारंभ हो चुका है । साथ ही इस वर्ष सिवान के 2 और प्रखंडों में भी संस्थान के नए केंद्रों की स्थापना भी संभावित है ।संस्थान की सफलता एवं विस्तार से निश्चित ही बिहार के अन्य जिलों में भी ऐसे प्रयोग प्रारंभ हो सकेंगे ।

अध्ययनरत विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए मैंने कहा कि बिहार के उज्ज्वलतम भविष्य निर्माण में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है चूंकि जिस स्वप्न के साथ अभियान का प्रारंभ 22 मार्च, 2021 को किया गया था, उसकी पूर्ति के निमित्त शिक्षादान हेतु सबसे प्रारंभिक प्रकल्प की स्थापना सिवान में ही हुई थी और उसकी वास्तविक सफलता तब ही होगी जब शिक्षण प्राप्त कर चुके छात्रों द्वारा कुछ ऐसे कीर्तिमान स्थापित किए जा सकेंगे, जिनमें संपूर्ण भारतवर्ष के युवाओं को प्रेरित करने की क्षमता हो ।

मैंने उनसे कहा कि वह सभी अत्यंत सौभाग्यशाली हैं कि ऐसे निस्वार्थ संस्थान में अध्ययनरत हैं, जिसकी स्थापना का कार्य आसान नहीं हैं चूंकि समाज को कुछ देने के भाव के साथ सकारात्मक योगदान समर्पित करने वाले व्यक्तित्वों का वर्त्तमान काल में सर्वथा घोर अभाव है । ऐसे में उनका दायित्व और बढ़ जाता है और उन्हें दृढ़संकल्प के साथ अथक परिश्रम करते हुए वांछित लक्ष्यों को सफलतापूर्वक अर्जित करना चाहिए ।

सभी के साथ सफलता के सूत्रों को साझा करते हुए मैंने कहा कि सर्वशक्तिमान ने सभी को असीम क्षमता प्रदत्त की है परंतु स्वयं के सामर्थ्य को जाने बिना कई बार दूसरों के अनुसरण के कारण अपनी मूल क्षमताओं से हमारा विश्वास डिग जाता है, जो सर्वथा अनुचित है । मैंने सभी से कहा कि आवश्यकता पूर्ण उर्जा के साथ संकल्पित प्रयास करने की ही है, सफलता निश्चित ही प्राप्त होगी ।

सीवान में ‘आइडियल 40’ संस्थान की सफलता तथा शीघ्र ही संभावित विस्तार से यात्री_मन अत्यंत आशान्वित है ! यात्रा गतिमान है !

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