बिहार पंचायत चुनाव में ‘डिजिटल’ तकनीक, सोशल मीडिया से मॉनिटरिंग, बायोमीट्रिक का इस्तेमाल.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में पंचायत चुनाव का शंखनाद हो चुका है. राज्य में 11 चरणों में मतदान कराया जाएगा. कोरोना काल में शांतिपूर्ण और सुरक्षित मतदान कराना चुनाव आयोग के लिए चुनौती माना जा रहा है. वहीं बिहार पंचायत इलेक्शन में पहली बार चुनाव आयोग कई ऐसा प्रयोग किया गया जा रहा है, जो पहली बार हो रहा है. आइए जानते हैं चुनाव में आयोग द्वारा पहली बार किए जा रहे ये काम…..

1. सोशल मीडिया पर मॉनिटरिंग– बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर आयोग पहली बार सोशल मीडिया पर उम्मीदवारों की मॉनिटरिंग करेगा. चुनाव के दौरान किसी भी गड़बड़ी की शिकायत के लिए चुनाव आयोग के द्वारा हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है.ऐप के माध्यम से मतदाता शिकायत दर्ज करा सकेंगे. आयोग ने शिकायत पर त्वरित कारवाई करने के लिए हेल्पलाइन नंबर18003457243 जारी किया है. राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से चुनाव की ऑनलाइन निगरानी कि विभिन्न की सुविधाएं इस बार पंचायत चुनाव में देखने को मिलेगी.

2. जागरूकता के लिए सोशल मीडिया का सहारा- बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग द्वारा मतदाताओं को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है. राज्य निर्वाचन आयोग (bihar state election commission) ने पंचायत चुनाव पर विशेष गीत भी लांच किया है. ये है बिहार जय जय बिहार गीत को कलर ट्यून के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके अलावा मतदाताओं से मतदाता सूची की तैयारी और मतदान केंद्रों की स्थापना को लेकर संवाद स्थापित किया जा रहा है.

वहीं फेसबुक,इंस्टाग्राम, ट्विटर,यूट्यूब पर भी पंचायत चुनाव (Panchayat Chunav) के लेकर जोड़ा जा रहा है. राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर कोई भी मतदाता अपने पंचायत में खड़े उम्मीदवारों की संख्या उनका नाम और बायोडाटा देख सकेंगे. मतदाता सूची में नाम देखने के लिए सर्च इंजन होगा. मतगणना के लिए भी साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जायेगा.

3. ईवीएम का प्रयोग– बिहार पंचायत चुनाव में पहली बार ईवीएम का प्रयोग किया जाएगा. राज्य में मुखिया (Mukhia), जिला परिषद, वार्ड सदस्य और पंचायत समिति पद के लिए मतदाता ईवीएम से वोट कर सकेंगे. वहीं पूरे चुनाव में ईवीएम मशीन और पोलिंग पार्टी को भी ऑनलाइन ट्रैकिंग की जायेगी. ईवीएम (EVM) मतदान केंद्र से कब निकली और मतगणना कक्ष तक कितनी देर में पहुचेगी इसकी जानकारी जीपीएस के माध्यम से मिल सकेगी.पोलिंग पार्टी भी मतगणना केंद्र पर कब पहुचेगी इसकी भी ऑनलाइन ट्रैकिंग की जायेगी.

4. बायोमेट्रिक मशीन का इस्तेमाल– बिहार के पंचायत चुनाव में पहली बार बायोमेट्रिक मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. राज्य में बोगस वोटिंग रोकने के लिए मतदान केंद्रों पर बायोमेट्रिक का भी इस्तेमाल किया जाएगा. बायोमेट्रिक के लगने से मतदाता दो बार मतदान नहीं कर सकेंगे.

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