एक ही पार्टी को 5 बार वोट डालने का वीडियो वायरल,सच या झूठ?

एक ही पार्टी को 5 बार वोट डालने का वीडियो वायरल,सच या झूठ?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

लोकसभा चुनाव 2024 के दो चरणों के मतदान हो चुके हैं। वहीं सोशल मीडिया पर गलत-सही सभी प्रकार की पोस्‍ट और प्रचार सामग्री की भरमार है। इस बीच, अब साेशल मीडिया पर ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें एक युवक ईवीएम पर चार से पांच बार भाजपा के चुनावी चिह्न कमल का बटन दबाते हुए दिख रहा है। कई यूजर्स इसे वास्‍तविक मतदान के समय का जानकर शेयर और पोस्‍ट कर रहे हैं।

वायरल वीडियो की पड़ताल करने पर पता चला है कि यह असम में हुए मॉक पोल के दौरान का है, न कि वास्तविक मतदान के समय का। यूजर्स इसे ईवीएम में गड़बड़ी बताकर वास्‍‍तविक मतदान के समय का जानकर शेयर कर रहे है। वहीं, इस मामले में मॉक पोल के दौरान मोबाइल फोन ले जाने के मामले में प्रि‍जाइडिंग अफसर और पोलिंग एजेंट के खिलाफ भी एक्‍शन लिया गया है।

भारत निर्वाचन आयोग के आधिकारिक एक्स हैंडल पर 29 अप्रैल को एक पोस्‍ट में इस दावे को फेक बताया गया है। इसमें लिखा है कि आम चुनाव 2024 में चुनाव के संचालन को लेकर झूठे दावों के साथ एक्स पर एक वीडियो वायरल किया गया है। इस पोस्ट में लगाए गए आरोप झूठे और भ्रामक हैं। वायरल वीडियो असम में मॉक पोल से संबंधित है, वास्तविक मतदान से नहीं। डीईओ करीमगंज पहले ही इस मामले में बयान दे चुके हैं।

असम के करीमगंज जिला के कम‍िश्‍नर के एक्स हैंडल से भी इसे लेकर पोस्ट की गई है। इसमें जिला निर्वाचन अधिकारी, करीमगंज की ओर से 28 अप्रैल को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति को पोस्ट की गई है। इसमें लिखा है कि यह वीडियो मॉक पोल के समय का है, वास्तव‍िक मतदान के समय का नहीं।

असल मतदान के समय किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है। मॉक पोल की यह प्रक्रिया 27 अप्रैल 2024 को 11 बजे की गई थी। उस दौरान जनरल ऑब्जर्वर और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार उपस्‍थ‍ित थे। विज्ञप्ति में यह साफ कि‍या गया है कि मॉक पोल की प्रोसेस के दौरान मतदान केंद्र में मोबाइल ले जाना नियमों को उल्लंघन है। अवहेलना करने वाले प्रि‍जाइडिंग अफसर पर अनुशासत्मक और पोलिंग एजेंट के लीगल एक्‍शन लेते हुए केस दर्ज किया गया है। साफ है कि वायरल वीडियो गलत दावे के साथ वायरल सोशल मीडिया पर वायरल किया जा है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में यह दावा गलत पाया गया है।

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