महिलाओं और लड़कियों की लिंग संबंधी हत्याएँ से क्या तात्पर्य है?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

ड्रग्स और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNODC) एवं UN वूमन ने जेंडर रिलेटेड किलिंग ऑफ वूमन एंड गर्ल (फेमिसाइड/फेमिनिसाइड) शीर्षक से एक अध्ययन जारी किया, जिसमें वर्ष 2022 में महिलाओं और लड़कियों की लिंग-संबंधी हत्याओं में वृद्धि का खुलासा हुआ है।

स्त्री हत्या/फेमीसाइड क्या है?

  • महिला हत्या या स्त्री हत्या से तात्पर्य महिलाओं या लड़कियों की जान-बूझकर केवल इसलिये हत्या करना है क्योंकि वे महिला हैं। यह एक लिंग-आधारित अपराध है जिसकी जड़ें गहराई तक व्याप्त सामाजिक दृष्टिकोण और महिलाओं के प्रति भेदभाव में निहित हैं।
  • स्त्री हत्या, मानव हत्या से इस मायने में भिन्न है कि यह विशेष रूप से व्यक्तियों को उनके लिंग के आधार पर लक्षित करती है, जिसमें अक्सर ऐसी स्थितियाँ शामिल होती हैं जहाँ महिलाओं को उनके सहयोगियों, परिवार के सदस्यों या व्यक्तियों द्वारा स्त्री-द्वेष, लिंग-आधारित हिंसा या महिलाओं का अवमूल्यन करने वाली सांस्कृतिक मान्यताओं जैसे कारणों से मार दिया जाता है।

अध्ययन के मुख्य बिंदु क्या हैं?

  • स्त्री हत्या/फेमीसाइड के रुझान:
    • वैश्विक स्तर पर वर्ष 2022 में लगभग 89,000 महिलाओं और लड़कियों को जान-बूझकर मार दिया गया, जो पिछले दो दशकों में दर्ज सबसे अधिक वार्षिक संख्या है।
    • वर्ष 2021 में चरम पर पहुँचने के बाद वर्ष 2022 में वैश्विक स्तर पर हत्याओं की संख्या में गिरावट शुरू हो गई है, लेकिन महिलाओं की हत्याओं की संख्या में गिरावट नहीं हो रही है।

  • अपराधी-पीड़ित असमानता:
    • पुरुषों की तुलना में महिलाओं के मामले में अंतरंग साथी या परिवार से संबंधित हत्याओं का शिकार होने की संभावना अधिक होती है।
    • जबकि पूरे विश्व में अधिकांश हत्याएँ पुरुषों और लड़कों (वर्ष 2022 में 80%) की जाती हैं, महिलाएँ तथा लड़कियाँ घर में घरेलू हिंसा से असमान रूप से प्रभावित होती हैं: वे घर में हत्याओं के सभी पीड़ितों में से लगभग 53% और अंतरंग साथी हत्याओं के सभी पीड़ितों में से 66% का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • महाद्वीपीय रुझान:
    • अफ्रीका ने वर्ष 2022 में महिलाओं की अंतरंग साथी/परिवार-संबंधी हत्याओं की सबसे अधिक संख्या दर्ज की, जो 13 वर्षों में पहली बार एशिया से आगे निकल गई।
    • अमेरिका में कम मामलों की रिपोर्ट करते हुए प्रति 100,000 महिला जनसंख्या पर ऐसी स्त्री हत्याओं की अपेक्षाकृत उच्च दर प्रदर्शित हुई।
  • क्षेत्रीय विविधताएँ और हालिया परिवर्तन:
    • वर्ष 2022 में अनुमानित 20,000 पीड़ितों के साथ अफ्रीका वर्ष 2013 के बाद पहली बार पीड़ितों की सबसे अधिक संख्या वाले क्षेत्र के रूप में एशिया से आगे निकल गया है।
    • वर्ष 2022 में अफ्रीका अपनी महिला आबादी के आकार (प्रति 100,000 महिलाओं पर 2.8 पीड़ित) के सापेक्ष पीड़ितों की सबसे अधिक संख्या वाला क्षेत्र भी था।
    • वर्ष 2010 और 2022 के दौरान हालाँकि उप-क्षेत्रों में मतभेदों के साथ तथा पश्चिमी व दक्षिणी यूरोप में कुछ असफलताओं के साथ, विशेष रूप से शुरुआत के बाद से वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान यूरोप में महिला अंतरंग साथी/परिवार से संबंधित हत्याओं की संख्या में (21% तक) औसत कमी देखी गई।

  • भारत-विशिष्ट दृष्टिकोण:
    • भारत में विगत एक दशक में लैंगिक आधार पर हुई हत्याओं में थोड़ी कमी देखी गई है, हालाँकि दहेज से संबंधित मौतें, ऑनर किलिंग तथा जादू-टोना के आरोप जैसे मुद्दे निरंतर बरकरार हैं।
    • भारत में लिंग-संबंधी मौतों के प्रमुख कारण के रूप में दहेज-संबंधित कारण लगातार इस सूची में शीर्ष पर हैं, जिसमें ऑनर किलिंग तथा जादू-टोना-संबंधी हत्याओं का प्रतिशत कम है।

ड्रग्स और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNODC) क्या है?

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