अमृत धरोहर क्षमता निर्माण योजना क्या है?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

केंद्र सरकार ‘अमृत धरोहर क्षमता निर्माण योजना’ के तहत आर्द्रभूमि पर्यटन के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण परिवर्तन की अगुवाई कर रही है।

  • इस पहल की शुरुआत जून 2023 में की गई थी जिसका उद्देश्य पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील आर्द्रभूमियों, विशेष रूप से ओडिशा की चिल्का झील तथा हरियाणा स्थित सुल्तानपुर पक्षी अभयारण्य जैसे रामसर स्थलों पर पर्यटन प्रथाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन लाना है।

अमृत धरोहर क्षमता निर्माण योजना क्या है?

  • परिचय:
    • ‘अमृत धरोहर क्षमता निर्माण योजना’ की शुरुआत पर्यटन मंत्रालय तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सहयोग से की गई थी।
    • आर्द्रभूमि के अधिकतम उपयोग को प्रोत्साहित करने तथा स्थानीय समुदायों के लिये जैवविविधता, कार्बन स्टॉक, इकोटूरिज़्म के अवसरों एवं आय सृजन को बढ़ाने के लिये इस योजना का कार्यान्वन किया गया।
      • योजना का प्राथमिक उद्देश्य पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील आर्द्रभूमियों पर रणनीतिक रूप से उच्च मात्रा वाले पर्यटन से उच्च मूल्य वाले प्रकृति पर्यटन में परिवर्तन करना है।
  • उद्देश्य:
    • इसका उद्देश्य संपूर्ण देश के रामसर स्थलों की प्रकृति-पर्यटन क्षमता का उपयोग कर स्थानीय समुदायों के लिये आजीविका के अवसरों में वृद्धि करना है।
  • क्रियान्वयन:
    • यह योजना विभिन्न केंद्र सरकार के मंत्रालयों और एजेंसियों, राज्य आर्द्रभूमि प्राधिकरणों, औपचारिक तथा अनौपचारिक संस्थानों एवं व्यक्तियों के एक नेटवर्क के साथ मिलकर एक सामान्य उद्देश्य के लिये काम करते हुए कार्यान्वित की जा रही है।
  • पायलट प्रोजेक्ट और कौशल विकास:
    • योजना के तहत 16 चिह्नित रामसर स्थलों में से पाँच को पायलट प्रोजेक्ट के लिये चुना गया है।
      • इन पायलट स्थलों में सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान (हरियाणा)भितरकनिका मैंग्रोव (ओडिशा)चिल्का झील (ओडिशा), सिरपुर (मध्य प्रदेश) और यशवंत सागर (मध्य प्रदेश) शामिल हैं।
    • प्रतिभागियों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम वैकल्पिक आजीविका कार्यक्रम (Alternative Livelihood Programme – ALP) (30 घंटे/15 दिनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम) और पर्यटन नाविक प्रमाण-पत्र (पर्यटन के लिये नाविक प्रमाणन) के तहत चलाए जाते हैं।

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